उमेश यादव की तरह के एल राहुल के बारे में भी कहा जाता था कि सीमित ओवरों के अच्छे खिलाड़ी नहीं हैं। लेकिन आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलूरू की तरफ से खेलते हुए उन्होंने कुछ बेहतरीन पारियां खेलीं। इसी वजह से के एल राहुल को जिम्बॉब्वे के खिलाफ सीरीज में टीम में जगह दी गई। उन्होंने उस मौके का पूरा फायदा उठाया और अपने पहले अंतर्राष्ट्रीय वनडे मैच में शानदार शतक लगाया। इसके बाद अगले 2 मैचों में 33 और 63 रन बनाए। इसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्हें टेस्ट सीरीज और टी-20 सीरीज के लिए भी टीम में चुना गया। राहुल ने उस मौके का भी पूरा फायदा उठाया और फ्लोरिडा में खेले गए टी-20 मैच में उन्होंने आतिशी शतक लगाया। वो अंत तक नाबाद रहे। उनकी धुआंधार बल्लेबाजी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 20 ओवरों में 245 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम ने 244 रन बना लिए और महज 1 रन से लक्ष्य से पीछे रह गई। अपनी बल्लेबाजी से राहुल ने सिद्ध किया कि वो केवल टेस्ट मैचों के ही नहीं बल्कि सीमित ओवरों के भी अच्छे खिलाड़ी हैं।