5 ऐसे टी20 खिलाड़ी जिन्हें हम आज भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते हुए देखना चाहते हैं

आज से 20 साल पहले अगर कोई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लेता था तो वो अकसर प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलते हुए देखा जाता था। जब वो प्रथम श्रेणी से भी रिटायर हो जाता था तो उसके बाद ही वो कोच या फिर कॉमेंटेटर की भूमिका में आता था। आज के दौर में हालात वैसे बिलकुल नहीं हैं। आजकल के क्रिकेटर अंतरराष्ट्रीय खेल से थोड़ा पहले संन्यास ले लेते हैं ताकि वो टी-20 लीग क्रिकेट में ज़्यादा ध्यान दे सकें। आज आप किसी भी टी-20 लीग की टीम में ऐसे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को देख सकते हैं जिनका पूरा ध्यान अब टी-20 लीग क्रिकेट पर लग रहा है। हम यहां उन 5 टी-20 खिलाड़ियों के बार में बता रहे हैं जिन्हें हम आज भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में देखना चाहते हैं।

#5 शेन वॉटसन

ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉटसन साल 2016 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं, संन्यास के वक़्त वो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर थे। उन्होंने ये फ़ैसला इसलिए लिया ताकि वो टी-20 लीग क्रिकेट पर अपना पूरा ध्यान लगा सकें। वॉटसन बिग बैश लीग, इंडियन प्रीमियर लीग, पाकिस्तान सुपर लीग और कैरीबियन प्रीमियर लीग का हिस्सा बन सकते हैं। इस हिसाब से वॉटसन दुनिया में काफ़ी ज़्यादा यात्रा करने वाले खिलाड़ी हैं। अगर टेस्ट मैच की बात करें तो उन्होंने 75 विकेट हासिल किए हैं और 4 शतक लगा चुके हैं। क्रिकेट में सीमित ओवर के खेल में वॉटसन का प्रदर्शन शानदार रहा है। ऐसे में अगर वो आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते तो ज़रूर धमाल मचाते।

#4 ड्वेन ब्रावो

ड्वेन ब्रावो टी-20 लीग क्रिकेट के रेगुलर खिलाड़ी हैं, लेकिन क़रीब 4 साल से उन्होंने वेस्टइंडीज़ टीम के लिए एक भी वनडे मैच नहीं खेला है। हर लीग टीम के मालिकों को ब्रावो की तलाश रहती है क्योंकि वो गेंद और बल्ले दोनों से कमाल दिखा सकते हैं। वो अपनी टीम के लिए मैच जिताऊ पारी खेलते हैं और नाज़ुक मौक़ों पर बेहतरीन गेंदबाज़ी भी करते हैं। सितंबर 2016 में उन्होंने आख़िरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। उसके बाद उन्होंने विश्व की कई टीमों के लिए टी-20 लीग मैच खेला और अपना जलवा क़ायम रखा। क्रिस गेल और काइरोन पोलार्ड जैसे बेहतरीन खिलाड़ियों को आज भी वेस्टइंडीज़ टीम कें कभी-कभार मौक़ा मिल ही जाता है, लेकिन ब्रावो को फ़िलहाल अंतरराष्ट्रीय मैच में मौक़ा मिलना मुश्किल लग रहा है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में ड्वेन ब्रावो की किस्मत चमकेगी।

#3 शाहिद आफ़रीदी

अगर इस फ़ेहरिस्त में पाकिस्तान के शाहिद आफ़रीदी को जगह न मिले तो ये उनके साथ बेहद नाइंसाफ़ी होगी। आफ़रीदी जब 16 साल के थे तब उन्हें साल 1996 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय वनडे मैच खेलने का मौक़ा मिला था। आफ़रीदी ने अपना आख़िरी अंतरराष्ट्रीय मैच साल 2016 में खेला था। उनको खेलते हुए देखना काफ़ी रोमांचक और मनोरंजक होता था। अकसर उन्हें “बूम बूम” के नाम से भी जाना जाता था। अपनी बल्लेबाज़ी से वो हर किसी का दिल जीत लेते थे। शाहिद आफ़रीदी के नाम वनडे में सबसे ज़्यादा छक्के लगाने का रिकॉर्ड है। इसके अलावा वो कई बार गेंद से भी कमाल दिखाते थे। वो लेग स्पिन गेंदबाज़ी भी करते थे। उनकी गेंदबाज़ी में विविधताओं की वजह से कई बार उन्हें विकेट मिल जाते थे। भले ही वो आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल रहे, लेकिन वो अकसर बांग्लादेश प्रीमीयर लीग, पाकिस्तान सुपर लीग और टी-20 ब्लास्ट टूर्नामेंट में खेलते हुए देखे जा सकते हैं।

#2 केविन पीटरसन

साल 2013/14 की एशेज़ सीरीज़ में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 5-0 से मात दी थी। इस हार के बाद केविन पीटरसन को बलि का बकरा बनाया गया और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया। हांलाकि उस एशेज़ सीरीज़ में पीटरसन ने इंग्लैंड की तरफ़ से सबसे ज़्यादा रन बनाए थे। अगर हाल की एशेज़ सीरीज़ में खिलाड़ियों के चयन की बात करें तो पीटरसन को मौक़ा दिया जा सकता था, वो भी तब, जब गैरी बैलेंस को रिज़र्व बल्लेबाज़ के तौर पर टीम में रखा गया था। पीटरसन जैसे आक्रामक बल्लेबाज़ को इंग्लैंड की मौजूदा वनडे टीम में ज़रूर होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इंग्लैंड को पीटरसन के न होने से भले ही नुक़सान हो रहा हो, लेकिन वो टी-20 सर्किट की जान बन चुके हैं। वो दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों के बीच पसंद किए जाते हैं। पीटरसन ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि साल 2018 के बाद वो पिच पर नज़र नहीं आएंगे, ऐसे में उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का आख़िरी मौक़ा ज़रूर मिलना चाहिए।

#1 ब्रेंडन मैकुलम

सीमित ओवर के क्रिकेट में ब्रेंडन मैकुलम न्यूज़ीलैंड टीम की जान रहे हैं। उन्होंने अपनी कप्तानी में न्यूज़ीलैंड टीम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। वो ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने टेस्ट, वनडे और टी-20 तीनों तरह के खेल में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने इस मिथक को तोड़ा है कि एक बल्लेबाज़ तीनों तरह के फ़ॉर्मेट में अच्छा नहीं खेल सकता। फ़रवरी 2016 में ब्रेंडन मैकुलम ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। अपने आख़िरी टेस्ट मैच में उन्होंने सबसे तेज़ शतक बनाया था। वो टेस्ट मैच में भी ख़ूब छक्के लगाते थे। आईपीएल 2018 की नीलामी के दौरान मैकुलम को आरसीबी टीम ने ख़रीदा है। लेखक – डॉंमिनिक ट्रेंट अनुवादक – शारिक़ुल होदा

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