5 बातें जो भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच हुए दूसरे टेस्ट के बाद चर्चा में रहीं

भारत ने न्यूज़ीलैंड को 178 रन से हराकर 2-0 से न सिर्फ सीरीज पर कब्जा किया बल्कि टीम इंडिया टेस्ट क्रिकेट में पाकिस्तान को पछाड़कर पहले नम्बर पर आ गयी है। इस मैच में भुवनेश्वर कुमार, रोहित शर्मा और रिद्धिमान साहा ने कमाल का खेल भी दिखाया। इस टेस्ट मैच की 5 अहम बातें जो चर्चा के केंद्र में रहीं:

शिखर धवन के जाने का समय आ गया

एक और टेस्ट और शिखर धवन का एक और खराब प्रदर्शन। गौतम गंभीर के वापसी करने के बावजूद भी शिखर धवन को टीम प्रबन्धन ने मौका दिया था। वह मैच की दोनों पारियों में फ्लॉप रहे। इसके अलावा वह चोटिल भी हो गये और तीसरे टेस्ट से वह बाहर भी हो गये। इस तरह अगर देखा जाये तो शिखर धवन का टेस्ट करियर खत्म हो चुका है। ऐसे में गंभीर के ऊपर सबकी निगाहें जमी हुई हैं। इंदौर में होने वाले आखिरी टेस्ट में अगर उन्हें मौका मिलता है, तो वह कैसा प्रदर्शन करते हैं। तेज गेंदबाजों का अच्छा प्रदर्शन कोलकाता टेस्ट में उमेश यादव की जगह टीम में भुवनेश्वर कुमार को मौका मिला और उन्होंने इस मैच में कमाल की गेंदबाज़ी करते हुए पहली पारी में 5 विकेट लिए जबकि शमी को 3 विकेट मिले। पिछले कई सालों से देखा जा रहा है कि गेंदबाज़ी भारतीय टीम की बड़ी समस्या रही है। लेकिन भुवी और शमी ने जिस तरह से इस मैच में गेंदबाज़ी की वह वाकई शानदार प्रदर्शन है। कीवी टीम को कप्तान विलियमसन की कमी खली ईडन गार्डन में कीवी टीम कप्तान केन विलियमसन की गैरमौजूदगी में खेलने उतरी। उनकी जगह टीम में हेनरी निकोलस को शामिल किया गया, जिनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। इसके अलावा मैच में कप्तानी की जिम्मेदारी संभालने वाले टेलर ने प्रभावित नहीं किया। इसलिए उनकी गैरमौजूदगी में कीवी टीम इस मैच को 178 रन से हार गयी। उन्होंने पहले मैच में 75 रन बनाकर लाथम के साथ 120 रन की साझेदारी निभाई थी। रोहित का करारा जवाब रोहित शर्मा के ऊपर लगातार टेस्ट टीम में मौका पाने को लेकर सवाल उठते रहे हैं। लेकिन ईडन गार्डन में रोहित ने दूसरी पारी में 82 रन की पारी खेलकर टीम को कठिनाइयों से बचाया। एक समय भारत की स्थिति 43/4 थी। इससे पहले रोहित आलोचना का लगातार शिकार होते रहे हैं। जिसकी वजह थी, उनका लगातार टेस्ट में क्षमता के मुताबिक खेल नहीं दिखा पाना था। रिद्धिमान साहा का समय हुआ शुरू धोनी के लम्बे समय से भारतीय क्रिकेट में विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी संभालने की वजह से साहा लम्बे समय से डार्क हॉर्स बने रहे। इसके अलावा लोग ऐसा भी मान रहे थे कि साहा धोनी की भरपाई नहीं कर पा रहे हैं। लेकिन इस मैच में साहा ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए सबको जवाब दिया। साहा ने इस मैच की दोनों पारियों में अर्धशतक बनाये। उन्होंने नाजुक पलों में टीम इंडिया को संकट से उबारने का काम किया। पहली पारी में जब टीम का स्कोर 200/6 तब साहा ने मोर्चा संभाला और 316 की पारी में अंत तक टिके रहे। उसके बाद उनकी ही बल्लेबाज़ी के दम पर टीम ने दूसरी पारी में 263 रन बनाये। लेखक-राजदीप पुरी, अनुवादक-जितेन्द्र तिवारी