अगर विराट कोहली पाकिस्तानी होते तो यह 5 चीजें जरुर घटती

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'अगर' शायद ऐसा शब्द है जो विश्व में सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है। इस विश्व में चुनिंदा ही चीजे आदर्श हैं, जिससे लोग जुड़ते हैं और अपने दिमाग में उसे आदर्श के तौर पर याद करते है। हालांकि, आदर्श माने जाने वाली चीजे भी 'अगर' शब्द पर कई प्रस्तावों के कारण आकर रुक जाती है। उदाहरण के तौर पर, भारतीय क्रिकेट टीम के फैंस के लिए विराट कोहली का उनके लिए खेलने से बड़ा आदर्श शायद ही हो। हालांकि, हमारे जैसे लोगों की वजह से जो मनोरंजन के लिए चीजें काल्पनिक तौर पर सोचने लगते हैं, इस तरह का आदर्श कामयाब होता है। एक दिन सुबह, मैं चाय पी रहा था तब सिर हिलाते हुए सोचने लगा कि भारतीय टीम का कप्तान बनकर निरंतर प्रदर्शन करना कितना मुश्किल है। इसके बाद मेरे दिमाग में ख्याल आया क्या होता 'अगर' विराट कोहली पाकिस्तानी क्रिकेटर होते? भारतीय क्रिकेट टीम के कई फैंस मुझसे इसी बात पर नाराजगी जताएंगे। हालांकि, यह बात मुझे उन पांच चीजों को बताने से नहीं रोक पाएंगी कि अगर विराट कोहली पाकिस्तानी होते तो क्या होता : (नोट : यह लेख लेखक के खाली समय में ख़राब आईडिया का परिणाम है जो मनोरंजन के लिहाज से लिखा गया है। अगर आप इसे राष्ट्रीयता का उल्लंघन मानते है तो मैं आपसे पहले ही आपकी भावनाएं दुखाने के लिए माफ़ी मांगता हूं।)


1# कोहली अपशब्दों का प्रयोग करते रहते यह बात सबसे पहले दिमाग में आई कि कोहली अपशब्दों के तीर विरोधी खिलाड़ी पर ज्यादा बरसाते। आजकल हमें कोहली का आक्रामक रूप देखने को नहीं मिलता क्योंकि वह जिम्मेदारियों से बंधे हुए हैं। हालांकि, जब कोहली ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा था तो उनके द्वारा इस्तेमाल किए अपशब्दों को आसानी से समझा जा सकता था। शतक ज़माने के बाद कोहली के शब्द होते थे ब****द! छक्का मारने के बाद ब****द! किसी को रनआउट करने के बाद ब****द! किसी को कड़ा जवाब देते समय ब****द! बहरहाल, यही कुछ शब्द थे जो कोहली को पहले इस्तेमाल करने में अच्छे लगते थे। यह वो रवैया होता जो पाकिस्तान के होने पर उनमे नहीं बदलता। भारत और पाकिस्तानियों के अपशब्दों का उपयोग करने का तरीका एकजैसा है और इसे देखते हुए कोहली अपने शब्द बाण से विरोधी टीम को खूब खरी खोटी सुनाने से नहीं चूकते। #2 कुरातुलैन बलोच उनकी गर्लफ्रेंड होती quratulain-balouch-1485770777-800 मैंने बलोच को क्यों चुना? मुझे भी नहीं पता। शायद यह एक संयोग है या फिर मैं उनकी आवाज में खोया हुआ हूं। चाहे जो भी कारण हो, आप कुछ नहीं कर सकते, लेकिन यह जरुर स्वीकार करेंगे कि इनकी जोड़ी खूब जचती। इसका यह मतलब नहीं है कि अनुष्का शर्मा और विराट की जोड़ी नहीं जचती। यह दोनों एक-साथ बहुत ही प्यारे लगते हैं, लेकिन अगर विराट कोहली पाकिस्तान में होते तो हम उन्हें पाकिस्तानी सेलेब्रिटी के साथ डेट करते हुए जरुर देखते। बलोच इस मामले में सबसे सटीक विकल्प हैं। हर घर में उन्हें जाना जाता है? वह शानदार गायक हैं? वह बहुत ही आकर्षक हैं? वह बहुत ही खूबसूरत है? आप चेक कर सकते हैं। नोट : अनुष्का शर्मा जी अगर आप यह लेख पढ़ रही है तो मैं माफ़ी मांगता हूं। मैं आपको दुःख नहीं पहुंचाना चाहता। मैं गंभीरता से उम्मीद करता हूं कि आप और विराट ख़ुशी-ख़ुशी जिए। #3 मैच फिक्सिंग में शामिल होते

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इसका स्टिंग हो सकता था। हालांकि, यह असल में भी हो सकता था। क्रिकेट जगत में पैसा बड़ी चीज है और मैच फिक्सिंग किस्से चर्चा का बाजार गर्म करते रहते हैं। 2010 स्पॉट फिक्सिंग का मामला कौन भूल सकता है जब पाकिस्तान के तीन खिलाड़ी इसमें दोषी पाए गए थे। अगर विराट कोहली पाकिस्तानी होते और जल्द ही टीम में एंट्री करते जैसे भारतीय टीम में की थी, तब उनके सलमान बट और मोहम्मद आसिफ के साथ मैच फिक्सिंग में शामिल होने के ज्यादा मौके होते। बेचारे मोहम्मद आमिर को आज भी अपने सीनियर की बात मानने का नतीजा भुगतना पड़ रहा है। युवा और भोला होने के कारण इसमें हैरानी नहीं होती कि कोहली भी इसी राह पर आगे बढ़े होते। और फिर वहीं मामला सामना आता कि आमिर के समान कोहली की प्रतिभा का भी बखान नहीं हो पाता जैसा कि अभी उनकी बल्लेबाजी के लोग दीवाने हैं। #4 ख़राब फील्डर

terrible fielder

बल्लेबाजी के अलावा कोहली अपनी फील्डिंग के लिए काफी लोकप्रिय हैं। जब कोई कोहली को फील्डिंग करते देखता है तो वह उससे काफी प्रेरित होता है और बिलकुल उनके जैसी तकनीक अपनाकर फील्डिंग करने की कोशिश करता है। कोहली ने क्रिकेटरों के सामने मिसाल पेश की है कि सिर्फ महान बल्लेबाज होना ही सबकुछ नहीं है। हालांकि, अगर वह पाकिस्तानी क्रिकेटर होते तो उनकी फील्डिंग शायद ही कभी इतने ऊंचे स्तर की होती। उन्हें लोग कहते हुए सुने जा सकते थे, 'बल्लेबाजी तो मस्त है, फील्डिंग छोड़ न'। पाकिस्तानी खिलाड़ियों द्वारा ख़राब फील्डिंग और कैच टपकाना आज भी हमारे सामने तजा है। मजेदार बात यह है कि यह यादें लगभग हर मैच में जीवित हो उठती हैं। #5 अगले हसन रजा hasan raza हसन रजा याद हैं? मुझे तो स्पष्ट रूप से ध्यान नहीं, लेकिन मुझे उनकी उपलब्धता की जानकारी दोस्त द्वारा मिली। जो भी रजा को नहीं जानते हैं तो उन्हें मैं अपनी तरफ से बता दूं कि वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी हैं। महज 14 वर्ष की उम्र में उन्होंने टेस्ट और वन-डे दोनों प्रारूपों में डेब्यू किया। रजा को काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी माना गया था और उन्हें भविष्य का सुपरस्टार करार दिया गया था। दुर्भाग्यवश वह घरेलू क्रिकेट में किये शानदार प्रदर्शन को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में नहीं दोहरा पाए और टीम से बाहर हो गए। विराट कोहली अगर पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करते तो उनके साथ भी ऐसे हालात हो सकते थे। किसी के नजरिये से कोहली बहुत ही जल्द अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू तो कर लेते, लेकिन चर्चाओं का केंद्र बनने के कारण वह दबाव महसूस करके अपनी प्रतिभा को खो भी सकते थे। वह इंटरनेट एक्स्प्लोरर से वेब पेज के समान क्रेश हो जाते।