#3 मैच फिक्सिंग में शामिल होते
इसका स्टिंग हो सकता था। हालांकि, यह असल में भी हो सकता था। क्रिकेट जगत में पैसा बड़ी चीज है और मैच फिक्सिंग किस्से चर्चा का बाजार गर्म करते रहते हैं। 2010 स्पॉट फिक्सिंग का मामला कौन भूल सकता है जब पाकिस्तान के तीन खिलाड़ी इसमें दोषी पाए गए थे। अगर विराट कोहली पाकिस्तानी होते और जल्द ही टीम में एंट्री करते जैसे भारतीय टीम में की थी, तब उनके सलमान बट और मोहम्मद आसिफ के साथ मैच फिक्सिंग में शामिल होने के ज्यादा मौके होते। बेचारे मोहम्मद आमिर को आज भी अपने सीनियर की बात मानने का नतीजा भुगतना पड़ रहा है। युवा और भोला होने के कारण इसमें हैरानी नहीं होती कि कोहली भी इसी राह पर आगे बढ़े होते। और फिर वहीं मामला सामना आता कि आमिर के समान कोहली की प्रतिभा का भी बखान नहीं हो पाता जैसा कि अभी उनकी बल्लेबाजी के लोग दीवाने हैं।