क्रिकेट में बॉडी लैंग्वेज बहुत ही अहम होता है । वर्तमान में टेस्ट कप्तान विराट कोहली और भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक सौरव गांगुली इसके बेस्ट उदाहरण हैं । खेल के दौरान मैदान पर कोहली बहुत कम ही चुप रहते हैं । कोहली के पास एट्टीट्य़ूड है, क्योंकि उनके पास टैलेंट भी है । सबसे अहम बात ये है कि मैदान पर वो दूसरे खिलाड़ियों का भी उत्साह बढ़ाते हैं । अब वो दिन चले गए जब भारतीय तेज गेंदबाजों पर इंग्लैंड और अन्य जगहों पर बल्लेबाज स्लेजिंग किया करते थे । भारतीय खिलाड़ी भी अब इस तरह की स्लेजिंग का जवाब देना जान गए हैं । मैदान पर भी भारतीय फील्डर तेज हैं । यहां तक कि अब अंपायरों से भी भारतीय खिलाड़ी पहले से ज्यादा सवाल-जवाब करने लगे हैं । भारतीय टीम के कोच अनिल कुंबले शांत स्वभाव के हैं और वे कोशिश करते हैं कि मैदान पर भारतीय खिलाड़ी तनातनी से बचें और उस तरह का व्यवहार ना करें, जिस तरह 2000 के आखिर में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी किया करते थे । लेकिन आज के मॉर्डन क्रिकेट में ये कोई बुरी बात भी नहीं है । पिछली बार जब भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया थो तब कोहली के इस आक्रामक रवैये ने करोड़ों फैंस का दिल जीत लिया । क्योंकि भारतीय क्रिकेट टीम को अब उप महाद्वीप से बाहर जीतने की जरुरत है ।