# जोंटी रोड्स
![जोंटी रोड्स](https://statico.sportskeeda.com/editor/2020/06/51cea-15927208358118-800.jpg?w=190 190w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2020/06/51cea-15927208358118-800.jpg?w=720 720w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2020/06/51cea-15927208358118-800.jpg?w=640 640w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2020/06/51cea-15927208358118-800.jpg?w=1045 1045w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2020/06/51cea-15927208358118-800.jpg?w=1200 1200w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2020/06/51cea-15927208358118-800.jpg?w=1460 1460w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2020/06/51cea-15927208358118-800.jpg?w=1600 1600w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2020/06/51cea-15927208358118-800.jpg 1920w)
1992 के वर्ल्ड कप के दौरान इंज़माम-उल-हक के उस रन आउट को कौन भूल सकता है? दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान के उस मैच के बाद जोंटी रोड्स को सभी जानने लगे थे। एक अख़बार ने लिखा था कि क्या ये कोई चिड़िया है? क्या ये कोई प्लेन है? अरे नहीं ये तो जोंटी है!
उस मैच में इंज़माम रन लेने के लिए दौड़े और पॉइंट से गेंद लेकर जोंटी दौड़ लगाते हुये स्टंप्स पर ही कूद गए। इसके बाद पाकिस्तान की पारी की दिशा ही बदल गई। ये रन आउट इस वर्ल्ड कप की सबसे अहम घटनाओं में से एक हो गई।
उसके बाद करीब 10 साल तक जोंटी ने बैकवर्ड पॉइंट को अपना बनाकर रखा। 1993 में ब्रेबोर्न स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीका-वेस्टइंडीज हीरो कप मैच के दौरान उन्होंने कैच लिए और सिर्फ फील्डिंग के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया था।
जोंटी ने इस दशक में फील्डिंग की परिभाषा बदल दी और क्रिकेट में फील्डिंग का महत्व बढ़ गया। इसके बाद खिलाड़ियों ने अपनी फील्डिंग को गंभीरता से लेना शुरू कर दिय।