भारतीय टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना एकमात्र टी20 मैच 9 विकेट से हार गयी। इस हार के साथ ही 2016 वर्ल्ड टी20 की यादें ताज़ा हो गयी, जहां फिर से वेस्टइंडीज की टीम ने 190 से ज्यादा का लक्ष्य आसानी से हासिल कर लिया। वेस्टइंडीज की तरफ से ओपनर एविन लेविस ने 62 गेंदों में 125 रनों की धुआंधार पारी खेली। उनकी इस पारी में भारतीय फील्डरों का काफी योगदान रहा। खराब गेंदबाजी, बुरी फील्डिंग ऐसे कई पहलु रहे जिस वजह से भारत को यह मैच गंवाना पड़ा। 5 ऐसे कारण देखते हैं जिस वजह से भारतीय टीम को हार का मुंह देखना पड़ा: #1 घटिया फ़ील्डिंग क्रिकेट में सबसे मजेदार पल होता है जब खिलाड़ियों से हाथ से बॉल निकल जाती है, लेकिन जब यही आपकी टीम के खिलाड़ी ऐसा करते हैं तो सबसे बुरा लगता है। एविन लेविस को 2 ओवरों में ऐसे दो मौके मिले। पहले भुवनेश्वर कुमार की गेंद पर फिर अगले ही ओवर में कुलदीप यादव की गेंद पर कैच छूटा। पहले मौके पर जब गेंद हवा में गयी तो मोहम्मद शमी और विराट कोहली दोनों गेंद की तरफ दौड़े पर किसी ने एक-दूसरे को इशारा नहीं किया और शमी से कैच छूट गया। जबकि अगर कोहली कोशिश करते तो शायद वो कैच पकड़ सकते थे। अगले ही ओवर में फिर गेंद हवा में गयी और इस बार सीमारेखा के पास दिनेश कार्तिक ने कैच टपका दिया। भारतीय टीम की फ़ील्डिंग चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान भी कुछ इसी तरह की रही थी। इसके अलावा एक-दो बार रन आउट का मौका भी था पर वो भी हाथ से निकल गया। #2 धोनी का खराब दिन कल का मैच पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिए बुरे सपने की तरह रहा। विकेट के पीछे धोनी ने दो बार स्टंपिंग का मौका गंवा दिया। धोनी अपने स्टंपिंग के लिए काफी मशहूर है लेकिन उनसे भी गलती हो गयी। बल्लेबाजी के दौरान भी जब धोनी के पास अंतिम क्षणों में तेज रन बनाने का मौका था लेकिन वो सिर्फ 2 रन बना कर आउट हो गये। हालांकि कमेंटेटर हर्षा भोगले धोनी का बचाव करते दिखे। #3 असंतुलित टीम वेस्टइंडीज के सपाट विकेट पर 3 स्पिन गेंदबाज खिलाना टीम प्रबंधन की सबसे बड़ी गलती थी। हार्दिक पांड्या को जरुर चोट लगी थी लेकिन वेस्टइंडीज के क्रिस गेल, पोलार्ड, लेविस जैसे बल्लेबाजों के सामने और छोटे मैदान पर तीन स्पिनर का मतलब ही समझ नहीं आता है। यह वह वेस्टइंडीज टीम नहीं थी जिसे भारत ने एकदिवसीय सीरीज में आसानी से हरा दिया था। इस टीम में एक से बढ़कर एक टी20 के बल्लेबाज थे जो किसी भी गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियाँ उड़ा सकते हैं। सीमित ओवरों में अश्विन और जडेजा का प्रदर्शन लगातार नीचे की तरफ जा रहा है और कुलदीप यादव के अच्छे प्रदर्शन के बाद उनके स्थान पर खतरा भी आ गया है। #4 कोहली की कप्तानी विराट कोहली अभी सीमित ओवरों के अन्तर्राष्ट्रीय मैचों में नये-नये ही कप्तान बने हैं लेकिन उनके पास आईपीएल का अनुभव पहले से है। पूरे मैच के दौरान कोहली की कप्तानी किसी को समझ नहीं आई। जडेजा को 13वें ओवर तक रोकने के बाद लगातार उनसे गेंदबाजी कराना समझ से परे था। लेविस जब बल्लेबाजी कर रहे थे तो कोहली ने कभी कोशिश ही नहीं की कि उनसे हवा के विपरीत दिशा में शॉट खिलवाया जाये। जिस वजह से लेविस लगातार हवा की दिशा में छक्के उड़ाते रहे। लेविस को रोकने के लिए कोहली ने जरा भी हटकर नहीं सोचा और लेविस ने 125 रनों की मैच जिताऊ पारी खेल दी। #5 नियमित अन्तराल पर विकेट खोना भारतीय पारी की शुरुआत काफी तेज़ हुई थी, जिससे लग रहा था कि टीम आसानी से 220 के स्कोर तक पहुँच सकती है लेकिन किसी भी बल्लेबाज ने टिकने की कोशिश नहीं की। जिसका कारण रहा कि भारत का स्कोर 190 ही रह गया। कोहली लगातार शॉट खेलने के चक्कर में अपना विकेट गंवा बैठे तो उसी ओवर में धवन भी रनआउट हो गये। कार्तिक और पन्त की साझेदारी की वजह से टीम पटरी पर लौट गयी थी लेकिन फिर जल्दी-जल्दी 4 विकेट खोने से पारी लड़खड़ा गयी। धोनी और जाधव उम्मीद के मुताबिक टिक कर नहीं खेल पाए जिस वजह से टीम का स्कोर 190 ही रहा गया और टीम को हार का मुंह देखना पड़ा।