INDvAUS: 5 चीज़ें जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए अहम

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भारतीय टीम विश्वकप को मद्देनजर रखते हुए पीछे कुछ समय से विभिन्न खिलाड़ियों को आजमा रही है। इसी तरह ऑस्ट्रलिया के खिलाफ होने वाले टी20 सीरीज के दौरान भी टीम प्रबंधन को मौका है कि कुछ और खिलाड़ियों को आजमाया जा सके। अगले 12 महीनों के दौरान भारतीय टीम ज्यादातर मैच विदेशी सरजमीं पर ही खेलेगी और कई युवा खिलाड़ियों के लिए अपना स्थान पक्का करने का मौका भी रहेगा। भारतीय टीम के पास टी20 सीरीज को मद्देनज़र रखते हुए जो चीज़ें करने का मौका था या अब भी मौका है, उनपर एक नज़र: #5 केएल राहुल को रोहित शर्मा के साथ सलामी बल्लेबाजी का मौका देना चाहिए केएल राहुल श्रीलंका के खिलाफ सीरीज के दौरान मध्यक्रम में सहज महसूस नहीं कर रहे थे। राहुल प्राकृतिक रूप से सलामी बल्लेबाज हैं और नीचे बल्लेबाज करना उनके लिए कठिन हो रहा है। टीम में जगह की बात की जाये तो सलामी बल्लेबाज का ही जगह खाली है क्योंकि बाकि स्थानों पर अन्य खिलाड़ी अपना दावा मजबूत कर चुके हैं। राहुल का टी-20 रिकॉर्ड रहाणे से बेहतर है इसलिए रोहित शर्मा के साथ उन्हें ही सलामी बल्लेबाजी के लिए मौका मिलना चाहिए। श्रीलंका में मिली नाकामियों को पीछे छोड़ अब राहुल को नये सिरे से शुरुआत करनी चाहिए वो भी अपने पसंदीदा बल्लेबाजी क्रम के साथ। पीछे कुछ समय से विराट कोहली भारती टीम के लिए टी-20 में सलामी बल्लेबाजी कर रहे हैं लेकिन उनका तीसरे क्रम पर आने ही टीम के नजरिये से सबसे अच्छा होगा क्योंकि अगर शुरूआती झटके लगते हैं तो कोहली अपने अनुभव से बल्लेबाजी को संभाल सकते हैं। महेंद्र सिंह धोनी के अलावा मध्यक्रम के बल्लेबाजों के पास ज्यादा अनुभव नहीं है इसलिए कोहली अगर एक छोड़ पर बने रहेंगे तो युवाओं को सही दिशानिर्देश मिलता रहेगा। #4 पांड्या को नई गेंद देनी चाहिए icc-world-twenty20-india-2016-india-australia_a612a1b4-4694-11e7-815c-f4e1adc20f07 पिछले एक साल में पांड्या का बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों ही ग्राफ काफी तेजी से ऊपर गया है। अब उनके पास मौका है किनई गेंद से साथ गेंदबाजी पर यह सीख ले और अनुभव कर लें कि जब ज्यादातर फील्डर 30 गज के अंदर में रहते हैं तो कैसे गेंदबाजी करते हैं। इस तरह प्रमुख तेज गेंदबाजों के ओवर बचे रहेंगे और अगर बीच के ओवरों में स्पिनरों को रन पड़ते हैं तो उनका इस्तेमाल किया जा सकता है। पांड्या को शुरूआती दिनों में नई गेंद दी जाती थी लेकिन उनका परिणाम मिला-जुला ही रहा था। हालांकि पिछले वर्ष न्यूज़ीलैंड के खिलाफ नई गेंद से उन्होंने अच्छी गेंदबाजी भी की थी। अब पांड्या का अनुभव भी ज्यादा है और अगर वो सीमित ओवरों के खेल में नई गेंद से विकेट प्राप्त करने लगें तो भारतीय क्रिकेट के लिए इससे अच्छी खबर कुछ नहीं होगी। #3 शार्दुल ठाकुर को एक और मौका देना चाहिए था CRICKET-SRI-IND शार्दुल ठाकुर ने आईपीएल 2017 के दौरान जयदेव उनादकट के साथ मिलकर नई गेंद के साथ घातक गेदबाजी की थी। धोनी के मार्गदर्शन में ठाकुर ने गेंदबाजी आक्रमण को काफी अच्छे तरीके से संभाला और टीम को फाइनल तक पहुँचने में मदद की। हाल ही में हुए भारत ‘ए’ के दक्षिण अफ्रीका दौरे पर भी उन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया था। मुंबई के इस गेदबाज के पास गति के साथ ही दाहिने हाथ के बल्लेबाज से गेंद बाहर निकालने की क्षमता भी है। हालांकि श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय सीरीज के में ठाकुर को कुछ मौके मिले थे फिर भी अभी उनके करियर का शुरुआत ही है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्हें मौका देना चाहिए था और लेकिन चयनकर्ताओं ने अनुभवी आशीष नेहरा को टीम में शामिल किया है। भुवी और बुमराह लगातार मैच खेल रहे हैं और आगे भी कई महत्वपूर्ण मैच खेलने हैं। इसे देखते हुए टी-20 में उन दोनों को आराम देकर ठाकुर को मौका देना अच्छा फैसला हो सकता था। #2 कलाई के गेंदबाजों को बदलते रहना f9f35-1506693511-800 सभी को पता है कि टी-20 में एक ओवर पूरे मैच का रुख बदल सकता है। जहाँ कलाई के गेंदबाज विकेट निकाल सकते हैं वहीं साथ ही उनके खिलाफ रन बनने के भी काफी संभावनाएं रहती है। कुलदीप और चहल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार मैच खेल रहे हैं इससे विपक्षी बल्लेबाज भी उन्हें समझने लगे हैं। इसे देखते हुए टी20 से सीरीज में अक्षर पटेल को भी मौका मिला है, जो रनों पर अंकुश लगा सकते हैं। अक्षर और चहल की जोड़ी श्रीलंका दौरे पर भी सफल साबित हुई थी। गेंदबाजी के साथ अक्षर बल्लेबाजी भी कर सकते हैं और उनकी फील्डिंग भी काफी अच्छी है, इससे टीम को काफी संतुलन मिलेगा। एक-दो मैचों में विश्राम कुलदीप और चहल दोनों के लिए ही फायदेमंद साबित हो सकती है। जहाँ उन्हें ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम के खिलाफ अपने आप को तैयार करने का ज्यादा मौका मिल जायेगा और नये तरीके से विपक्षी पर हमला भी बोल पाएंगे। #1 ऋषभ पंत को मौका देना चाहिए था rishabh-pant-m1 ऋषभ पंत आईपीएल 2017 में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए दमदार प्रदर्शन कर लगातार सुर्ख़ियों में हैं। हाल ही में उन्होंने न्यूजीलैंड ‘ए’ के खिलाफ प्रथम श्रेणी मैच में उन्होंने 41 गेंदों पर धुंआधार 67 रन बनाये । पंत स्वभाविक रूप से तेजी से रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं लेकिन साथ ही वो लम्बा भी खेल सकते हैं और ऐसा उन्होंने पिछले रणजी ट्रॉफी में महाराष्ट्र के खिलाफ तिहरा शतक ठोक कर सबित कर दिया था। पंत को धोनी की जगह शामिल करने की जरूरत नहीं थी बल्कि उन्हें केदार जाधव या मनीष पाण्डे की जगह पर मौका दिया जा सकता था। हालांकि दोनों अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और चयनकर्ताओं ने ऋषभ की जगह दिनेश कार्तिक को टीम में शामिल कर लिया। अगर ऋषभ ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत गेंदबाजी आक्रमण का सामना करते तो यह भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए काफी अच्छी खबर होती और धोनी के साथ रहकर वो कैसी भी परिस्थितियों में अपने आप को ढालना भी सीख सकते थे। लेखक- प्रशांत कुमार अनुवादक- ऋषिकेश सिंह

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