मैक्सवेल के कप्तान होने का मतलब है कि अगर वो अच्छी फॉर्म में ना हों बावजूद इसके प्लेइंग इलेवन में उनकी जगह बरकरार रहेगी। आईपीएल के नियम के मुताबिक सिर्फ 4 विदेशी खिलाड़ियों को ही प्लेइंग इलेवन में जगह मिल सकती है लेकिन मैक्सवेल के कप्तान होने के बाद अब किंग्स इलेवन पंजाब के पास सिर्फ 3 विकल्प बचते हैं। अगर इस सीजन में भी पिछले दो सीजन की तरह ही मैक्सवेल का जादू नहीं चल पाता है तो किंग्स इलेवन पंजाब की उलझन बढ़ जाएगी क्योंकि वो कप्तान को तो प्लेइंग इलेवन से बाहर नहीं बैठा सकते। कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है किंग्स ने अपने विकल्प खुद बंद किए हैं। अगर पंजाब की टीम को कंडीशन के मुताबिक अपनी टीम में बदलाव करने पड़े तो विकल्पों की कमी होगी। मान लीजिए अगर पिच तेज गेंदबाज या फिर स्पिनर के लिए ज्यादा मददगार होगी, तो पंजाब के पास उसके मुताबित प्लेइंग इलेवन में उतारने के ज्यादा विकल्प नहीं होंगे। यहां तक की रिकॉर्ड्स भी इस और इशारा करते हैं कि विदेशी कप्तान आईपीएल में ज्यादा कामयाब साबित नहीं हुए हैं। जब तक कि उनके पास इंटरनेशनल टीम की कप्तानी का अनुभव ना हो।