किंग्स इलेवन पंजाब ने यही गलती पिछले सीजन में भी की थी। जब उन्होंने साउथ अफ्रीका के विस्फोटक बल्लेबाज डेविड मिलर को टीम की कमान सौंपी थी। कप्तानी के दबाव की वजह से मिलर का खुद प्रदर्शन भी खराब हुआ था। एक कप्तान टीम के लिए उदाहरण पेश करता है और उसके प्रदर्शन का असर टीम के मनोबल पर भी पड़ता है। पिछले सीजन में खराब फॉर्म के चलते मिलर को सीजन के बीच में ही कप्तानी से हटा दिया गया था। जिसके बाद मुरली विजय को टीम की कमान दी गई थी। 2016 आईपीएल में किंग्स ने अपने शुरूआती 6 में से 5 मैच हारे थे। पिछले दो आईपीएल सीजन के 22 मैचों में मैक्सवेल ने सिर्फ 324 रन बनाए हैं। जबकि 2014 सीजन में उन्हें रोकने में कोई भी गेंदबाज कामयाब नहीं हो पाया था। 2014 सीजन में उन्होंने 187.75 की स्ट्राइक.रेट से 552 रन ठोके थे। लेकिन इसके बावजूद वो अगले दो सीजन में बुरी तरह से फ्लॉप रहे थे। इससे एक बात ये भी जाहिर होती है कि मैक्सवेल को भारतीय सरजमीं पर रन बनाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। 2014 आईपीएल में यूएई में हुए शुरुआती 5 मैचों में मैक्सवेल ने 300 रन बनाए थे। जबकि इसके बाद भारत में हुए 11 मैचों में उन्होंने 22.90 की मामूली सी औसत से सिर्फ 252 रन बनाए। ये आंकड़े बताते हैं कि मैक्सवेल भारतीय पिचों में सफल नहीं हो पाए हैं। ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि मैक्सवेल को कप्तान बनाने का किंग्स का ये फैसला कितना सही साबित होता है।