एमएस धोनी की आदत है कि वह आखिरी गेंद पर छक्का मारते हैं। तो वहीं वीरू को फैन्स इसलिए याद रखते हैं कि वह पहली गेंद पर चौका जड़ते थे। साल 2011 के वर्ल्ड के फाइनल में, 2013 में सेल्कन कप के फाइनल में और एशिया कप के फाइनल में धोनी ने छक्का जड़कर भारतीय टीम को जीत दिलाई। धोनी की तरह सहवाग की अपनी स्टाइल थी और वह मैच की पहली गेंद पर चौका जड़ते थे। ऐसा उन्होंने 2011 के वर्ल्डकप हर मैच में किया था। अपने पूरे वनडे करियर में सहवाग ने 20 बार चौके से शुरुआत की है। उनके बाद शेन वाटसन ने 8 बार ये कारनामा किया है। सहवाग ने 124 पारियों में पहली गेंद का सामना किया है। इस तरह उन्होंने औसतन छठवें मौके पर चौका जड़ा है। इसके अलावा सहवाग ने मैच की पहली गेंद पर एक बार छक्का भी जड़ा था। क्रिकेट के इतिहास में ऐसा करने वाले वह एकमात्र बल्लेबाज़ हैं।