वो 5 बातें जो एबी डीविलियर्स के अंतरराष्ट्रीय करियर को परिभाषित करती हैं

एबी डीविलियर्स ने अचानक अपने संन्यास की ख़बर से पूरी क्रिकेट की दुनिया को हैरान कर दिया था। इस बात में कोई शक नहीं है कि वो पिछले दशक के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ों में से एक रहे हैं। उन्होंने न सिर्फ़ ख़ुद के करियर को ही नहीं बल्कि दक्षिण अफ़्रीकी टीम को भी नई ऊंचाइयां दी हैं। 14 साल के लंबे करियर में उन्होंने 400 से ज़्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं जिनमें क़रीब 20 हज़ार रन और 47 शतक शामिल हैं। ये कहना ग़लत नहीं होगा कि उन्होंने वक़्त से पहले संन्यास ले लिया है। डिविलियर्स के बिना प्रोटियास टीम की कल्पना करना मुश्किल है। हांलाकि उन्होंने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन उनके चाहने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। वो दर्शकों का मनोरंजन करना बख़ूबी जानते थे। हम यहां उन 5 ख़ास बातों की चर्चा कर रहे हैं जो अब्राहम बेंजामिन डिविलियर्स के अंतरराष्ट्रीय करियर को परिभाषित करती हैं।

#5 बुलेट की तरह तेज़

अगर क्रिकेट के सबसे बेहतरीन फ़ील्डर की बात करें तो ज़ेहन में जॉन्टी रॉड्स का नाम आता है। एबी डीविलियर्स को रॉड्स का उत्तराधिकारी कहें तो शायद ग़लत नहीं होगा। हांलाकि दुनिया के कई अन्य खिलाड़ियों ने शानदार कैच लिए हैं लेकिन रॉड्स के बाद एबी पहले ऐसे फ़ील्डर हुए हैं जिन्होंने ग्राउंड फ़ील्डिंग में महारत हासिल की है। वो जिस तर एक्ट्रा कवर और प्वाइंट पर ब्राउंड्री बचाते हैं वो उन्हें एक शानदार फ़ील्डर बनाता है। स्टंप के पीछे भी उन्होंने बेहतरीन काम किया है। उनके कैच लेने के तरीके ने कई मुश्किल कैच को भी आसान बना दिया था। उन्हें अक़सर फ़ील्डिंग का सुपरमैन कहा जाता है।

#4 सफ़ेद गेंद के ख़िलाफ़ वो बेहतरीन खेल दिखाते हैं

वो दिन कौन भूल सकता है जब एबी डिविलियर्स ने वनडे क्रिकेट इतिहास के सबसे तेज़ शतक के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। साल 2015 में सिडनी के मैदान में उन्होंने अकेले अपने दम पर वेस्टइंडीज़ की बॉलिंग लाइन अप की धज्जियां उड़ा दीं थीं। ये 2 पारियां महज़ एक मिसाल हैं कि एबी कितने शानदार बल्लेबाज़ हैं। वो सफ़ेद गेंद को बाउंड्री के पार पहुंचाना बख़ूबी जानते हैं। 220 वनडे मैच खेलने और 9000 रन बनाने के बाद भी उनका औसत 50 के पार और स्ट्राइक रेट 100 से ऊपर है। एबी डीविलियर्स के पास ये अनोखा रिकॉर्ड है। हमारे पिता की पीढ़ी में विवियन रिचर्ड्स का दौर था, इसके बाद सचिन का युग आया और मौजूदा पीढ़ी के लिए एबी डिविलियर्स ही वनडे के सबसे शानदार खिलाड़ी हुए हैं।

#3 लाल गेंद के अनुकूल ढलने की क़ाबिलियत

चूंकि एबी डीविलियर्स सफ़ेद गेंद के ख़िलाफ़ खेली गई अपनी विस्फोटक पारियों के लिए जाने जाते हैं ऐसे में ज़्यादातर लोग इस बात को भूल जाते हैं कि वो एक बेहतरीन टेस्ट बल्लेबाज़ भी थे। उनके टेस्ट करियर की शुरुआत दिसंबर 2004 में हुई थी। तब से लेकर 2014 तक वो बल्लेबाज़ी रैंकिंग में टॉप 10 में जगह बनाने में कामयाब रहे थे। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ दोहरा शतक भी लगाया था। पर्थ के वाका मैदान में 106 रन की मैच जिताउ पारी आज तक याद की जाती है। साल 2015 में भारत के ख़िलाफ़ दिल्ली के फ़िरोज़शाह कोटला मैदान में खेली गई उनकी पारी की आज भी तारीफ़ की जाती है। उस मैच में उन्होंने मैच बचाने की कोशिश में 297 गेंदों पर महज़ 43 रन बनाए थे। दुनिया के कई खिलाड़ी अपनी एक ही इमेज में बंधे होते हैं जबकि डीविलियर्स हालात के हिसाब से ख़ुद को ढालना जानते हैं।

#4 मिस्टर 360

टी-20 के आगमन ने क्रिकेट में कई नए तरह के शॉट्स को जन्म दिया। अगर किसी एक बल्लेबाज़ की बात करें जिसने हर फ़ॉर्मेट में नए शॉट्स का आविष्कार किया है तो वो हैं एबी डिविलियर्स। वो अपने कारनामे से न सिर्फ़ दर्शकों बल्कि विपक्षी टीम के खिलाड़ी को भी हैरान कर देते थे। वो तेज़ गेंद को भी ऐसी जगह पहुंचा देते थे जिसकी उम्मीद किसी को भी नहीं होती थी। उनके रिवर्स स्वीप का तो हर कोई दीवाना है, वो गेंद को हिट करने के लिए दिशाओं के मोहताज नहीं होते थे। यही वजह है कि उन्हें ‘मिस्टर 360 डिग्री’ कहा जाता है

#5 बिना किसी कप के चैंपियन

हर क्रिकेटर का सपना होता है कि वो अपने करियर में कम से कम एक वर्ल्ड कप ख़िताब हासिल करे। विवियन रिचर्ड्स ने अपने इस ख़्वाब को 1975 और 1979 में पूरा किया। सचिन तेंदुलकर ने अपने डेब्यू के 22 साल बाद वर्ल्ड कप वर्ल्ड कप हासिल किया। एबी डीविलियर्स ने वनडे में कई रिकॉर्ड्स बनाए हैं लेकिन वो अपने पूरे करियर में वर्ल्ड कप जीतने में नाकाम रहे। साल 2015 के वर्ल्ड कप में सेमीफ़ाइनल में दक्षिण अफ़्रीका न्यूज़ीलैंड से हार गई थी, ये उनके करियर का सबसे बुरा पल था। साल 2013 और साल 2017 की चैंपियंस ट्रॉफ़ी में भी एबी डिविलियर्स को कामयाबी नसीब नहीं हुई। यही वजह है कि उन्हें बिना किसी कप का चैंपियन कहा जाता है। उस जैसा खिलाड़ी प्रोटियाज़ टीम को मिलना मुश्किल है। लेखक- कार्तिक सेठ अनुवादक- शारिक़ुल होदा

Edited by Staff Editor
Sportskeeda logo
Close menu
WWE
WWE
NBA
NBA
NFL
NFL
MMA
MMA
Tennis
Tennis
NHL
NHL
Golf
Golf
MLB
MLB
Soccer
Soccer
F1
F1
WNBA
WNBA
More
More
bell-icon Manage notifications