#3 लाल गेंद के अनुकूल ढलने की क़ाबिलियत
चूंकि एबी डीविलियर्स सफ़ेद गेंद के ख़िलाफ़ खेली गई अपनी विस्फोटक पारियों के लिए जाने जाते हैं ऐसे में ज़्यादातर लोग इस बात को भूल जाते हैं कि वो एक बेहतरीन टेस्ट बल्लेबाज़ भी थे। उनके टेस्ट करियर की शुरुआत दिसंबर 2004 में हुई थी। तब से लेकर 2014 तक वो बल्लेबाज़ी रैंकिंग में टॉप 10 में जगह बनाने में कामयाब रहे थे। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ दोहरा शतक भी लगाया था। पर्थ के वाका मैदान में 106 रन की मैच जिताउ पारी आज तक याद की जाती है। साल 2015 में भारत के ख़िलाफ़ दिल्ली के फ़िरोज़शाह कोटला मैदान में खेली गई उनकी पारी की आज भी तारीफ़ की जाती है। उस मैच में उन्होंने मैच बचाने की कोशिश में 297 गेंदों पर महज़ 43 रन बनाए थे। दुनिया के कई खिलाड़ी अपनी एक ही इमेज में बंधे होते हैं जबकि डीविलियर्स हालात के हिसाब से ख़ुद को ढालना जानते हैं।