टेस्ट मैच में गेंदबाज का सामना करते समय बल्लेबाज के दिमाग में आने वाली 5 चीजें

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एक टेस्ट मैच में लम्बे समय तक बल्लेबाजी करना थकाऊ और बोझिल प्रक्रिया है खासकर एक गर्म नमी भरे वातावरण में, और वह भी तब जब विपक्षी गेंदबाजों के आक्रमण को सहना हो | खुद को प्रेरित करने तथा दिनभर ध्यान केन्द्रित करने के लिए एक बल्लेबाज अपने दिमाग को नियंत्रित करने के लिए अक्सर कुछ मजेदार चीजें सोचता है | एक गेंदबाज का सामना करने के दौरान एक बल्लेबाज के दिमाग में आने वाली 5 चीजें ये हैं- #1 खाने में क्या? बल्लेबाजी के दौरान चाहे वो पहला ऑवर हो या अंतिम, एक सामान्य बात हर बल्लेबाज के दिमाग में आती है वो है खाना | पैरों की उँगलियों पर आने वाली मिचेल स्टार्क की योर्करों या रविचन्द्रन अश्विन की कैरम बॉल की चिंता के अलावा, एक बल्लेबाज इस विषय पर चिंतित होता है कि वह ब्रेक के दौरान क्या खाएगा ? सुबह के सत्र के दौरान, जैसे कि एक बल्लेबाज अपनी रनों की भूख यहाँ-वहां शॉट खेलकर शुरू करता है ऐसे में वह यह सोचता है कि लंच के खाने में क्या परोसा जाएगा ? दूसरे सत्र के दौरान वह सोचता है कि चाय के दौरान क्या मजेदार नाश्ता परोसा जाएगा, अंतिम सत्र में उन्हें रात में होटल द्वारा परोसे जाने वाले खाने का प्रतिबिम्ब दिखाई पड़ता है | #2 संगीत tu-jaane-na....-1474376177-800 अगर आप वीरेंद्र सहवाग हैं, तो बल्लेबाजी करते वक्त आपके दिमाग में सिर्फ एक ही बात आएगी वो है किसी सफल गाने या भजन कि पंक्तियाँ | इस प्रकार के क्रिकेटर के खुद के उपर से दबाव कम करने के लिए अक्सर किसी गाने की धुन गुनगुनाते हैं | पूर्णतया एकाग्र न होने पर एक बल्लेबाज विपक्षी गेंदबाज को ताना मारकर यह प्रदर्शित कर सकता है कि वह उसे एक छक्का जड़ सकता है | अपनी बाथरूम सिंगर आवाज को किसी गेंदबाज को डराने या खिजाने के लिए इस्तेमाल कर सकता है | यह शानदार रणनीति बल्लेबाज के द्वारा खुद को मनोरंजित करने के लिए भी उपयोग में ली जा सकती है ताकि वे लम्बे समय तक गेंदों को खेलते हुए ऊब न जाएं | अगर राहुल द्रविड़ ने ओवर दर ओवर खेलते हुए यह युक्ति अपनाई होगी तो मैं आश्चर्य करता हूँ | #3 विपक्षी को नीरसता से मारो abd-1474376282-800 अच्छा, अगर आप एबी डीविलियर्स हैं तथा यह जानते हैं कि नागपुर जैसी पिच कि सुन्दरता के कारण आप मैच हारने वाले हैं, तो आप केवल एक चीज दिमाग में सोच सकते हो वो है क्षेत्ररक्षण वाली टीम को नीरस खेल से ऊबने पर मजबूर कर देना | धीमी पारी खेलने में सुसंगत हाशिम अमला के साथ मिलकर इन दोनों की जोड़ी ने आर. अश्विन तथा रविन्द्र जड़ेजा को मरी हुई गेंदें बल्लेबाज के बैट पर फेंकने को मजबूर कर दिया था | अश्विन और जड़ेजा की जोड़ी ने गेंद से अच्छा कार्य किया इसलिए यह रणनीति कामयाब नहीं हो पाई तथा भारत ने आराम से यह मैच जीत लिया | आप विश्वास करें या न करे, 1975 में इसी प्रकार की पारी अपने महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने एकदिवसीय मैच में खेली थी | 60 ओवर में मिले 335 रनों के लक्ष्य के जवाब में गावस्कर ने चीजों को हल्के में लेते हुए 174 गेंदों में 36 रनों की पारी खेली | मैं आश्चर्यचकित हूँ कि उस समय उनके दिमाग में क्या चल रहा था | #4 गेंदबाजों की छींटाकशी पर प्रतिक्रिया boo-1474376779-800 छींटाकशी- विपक्षी को हतोत्साहित करने वाली रणनीति है जो मुख्यतः क्रीज पर रहने वाले बल्लेबाज के लिए क्षेत्ररक्षक टीम इस्तेमाल करती है | एक टेस्ट मैच में गेंदबाज का सामना करते हुए होने वाली छींटाकशी के बारे में बल्लेबाज संभावित प्रतिक्रिया के बारे क्या सोचता है | अगर आप श्रीशांत हैं और स्लेजिंग का जवाब छक्का ठोकने के बाद नाचकर देते हो तो इससे बेहतर जवाब नहीं हो सकता | लम्बे समय बल्लेबाजी में, एक मुश्किल भरा दिन बल्लेबाज को राह भटका सकता है, इसलिए वे स्लेजिंग को उपयुक्त प्रतिक्रिया देने की सोचते हैं तथा जररूत के हिसाब से उनका प्रयोग करते हैं | कभी-कभी, प्रतिक्रियाएं बल्ले की हाजिरजवाबी से दर्शाई जाती है, जबकि कभी-कभी बल्लेबाज मौखिक मजाकिया जवाब से गेंदबाज को खामोश करते हैं | #5 क्या वह देख रही है ? this-one-is-for-you-1474375075-800 जो 22 लोग फील्ड में क्रिकेट खेलते हैं, वे स्टेंड या टीवी पर उन्हें देखने वाले कुछ ख़ास लोगों को प्रभावित करने की आवश्यकता महसूस करते हैं | एक टेस्ट मैच में बल्लेबाजी करना नीरस व ढीला मामला माना जाता है, घन्टों तक मैदान पर जाने वाले वाले बल्लेबाज स्टेंड पर बैठकर उनकी वाहवाही करने वाले अपने विशेष प्रियजनों का ख्याल जरुर दिमाग में रखते हैं | जब शादीशुदा खिलाड़ी अपनी पत्नियों को कुछ अच्छी पारियां खेल प्रभावित करते हैं वहीँ अन्य खिलाड़ी स्टेंड में बैठे उनके ख़ास जनों को प्रभावित करने के लिए कुछ अलग शॉट खेलकर या अलग हटकर करने की कोशिश करते हैं | कौन जानता है- ‘दिल स्कूप’ जैसे शॉट किसी का ‘दिल’ जीतने के लिए ईजाद किये गए हों | जबकि कभी कभी स्टेंड से किसी के एक मजाक से भी अच्छा प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिल जाती है लेकिन जब विपरीत समय आता है तो यह भी होता है | ‘खांस विराट कोहली खांस’ | लेखक: राजदीप पुरी, अनुवादक: नवीन

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