“एमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी” से नदारद रही ये 5 अहम बातें

missing dhoni

भारतीय क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी की बायोपिक फिल्म, ना सिर्फ विश्व में सुर्खियां बटौर रही है बल्कि अपने चहिते खिलाड़ी की फिल्म को लोग काफी पसंद भी कर रहे हैं। सुशांत सिंह राजपूत की उम्दा अदाकारी ने बड़े पर्दे पर धोनी के जीवन को बखूबी दर्शाया है। धोनी के जीवन पर बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा दी है। हम इस फिल्म में किसी तरह की कोई खामी नहीं निकाल रहे, ये असल में एक शानदार इंसान की संघर्ष से शीर्ष पर पहुंचने की कहानी है। हालांकि, 35 वर्षीय कैप्टन कूल की कहानी को तीन घंटे की फिल्म में दर्शाना बहुत बड़ी चुनौती है, लेकिन इस महान खिलाड़ी के प्रशंसक होने की वजह से कई बाते हम इस फिल्म में देखना चाहते थे। जिसे फिल्म निर्माता ने नजर अंदाज कर दिया। ये हैं वो पांच बातें:

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  1. धोनी की कप्तानी की मशाल

धोनी की उपलब्धियां भारतीय टीम में दिए उनके योगदान से भरी हुई हैं। बीते सालों में, धोनी ने भारतीय टीम का सबसे सफल कप्तान बनने के टैग को सही साबित किया है। हालांकि, उनके भारतीय क्रिकेट में स्वर्णिम करियर को फिल्म मेकर्स ने धोनी की बायोपिक में जगह नहीं दी है। प्रतिष्ठित भारतीय खिलाड़ियों को पछाड़कर आगे निकलने वाले धोनी के इस सफर को भी फिल्म निर्देशक ने छोड़ दिया, और उनके गैरेज से सीधा 2007 टी20 वर्ल्ड कप का सीन फिल्म में परोस दिया।

  1. उनके ड्रेसिंग रुम का अनुभव

dressing room

एक छोटे शहर के लड़के ने इंटरनेशनल क्रिकेट में कैसे अपना वर्चस्व स्थापित किया ये फिल्म में बखूबी दर्शाया गया है। लेकिन धोनी के टीम में शामिल होने के बाद शुरुआती वनडे सीरीज के मैचों को ज्यादा तवज्जों नहीं दी। ड्रेसिंग रुम में उनके सीनियर्स और साथी खिलाड़ियों के साथ कैसे संबंध थे इस बारे में भी दर्शकों को जानने का ज्यादा मौका नहीं मिला। जिसकी वजह शायद फिल्म में भारतीय टीम के खिलाड़ियों के रोल को शामिल न करना हो सकता है। फिल्म के ट्रेलर में ही धोनी के एक कॉन्ट्रोवर्शियल फैसले की झलक देखाई गई है, जहां वो 2008 वनडे टीम से तीन सीनियर खिलाड़ियों को बाहर कर देते हैं, हालांकि उनके नामों का खुलासा नहीं किया गया।

  1. उनके अंतर्राष्ट्रीय करियर के अहम पहलुओं की छोटी सी झलक

finer dhoni

अंतर्राष्ट्रीय करियर में अपने पांचवे वनडे में पाकिस्तान के खिलाफ शतक जड़ने के बाद धोनी हमेशा सुर्खियों में रहे हैं। फैंस को धोनी की बायोपिक से उम्मीद थी, कि उन्हें धोनी के बारे में पता चलें कि वो कप्तानी के वक्त कैसे फैसले लेते हैं और भारतीय टीम को मुकाम तक पहुंचाने के लिए आखिरी ओवर का सामना करते हुए उनके दिमाग में क्या कुछ चलता है। श्रीलंका के खिलाफ 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल के अलावा, बीते वर्षों में धोनी की बल्लेबाजी में आए बड़े बदलाव से लेकर उनकी उम्दा विकेट कीपिंग को भी फिल्म में नहीं दिखाया गया है। और सिर्फ उनके 2011 वर्ल्ड कप जीतने के लिए खेले गए मुकाबलों को ही उनके इंटरनेशनल क्रिकेट का सारांश दिखाया है।

  1. एक परिपक्व और उच्च स्तरीय खिलाड़ी के रुप में छवि बनाना
mature dhoni

इस 35 वर्षीय खिलाड़ी की जो बात सबसे जुदा करती है, वो है उनका दबाव हैंडल करते वक्त चेहरे पर एक भी शिकन न पड़ने देना, जो कि किसी और खिलाड़ी या कप्तान में देखने को नहीं मिलती। दर्शकों को इंतजार था कि इस फिल्म के माध्यम से उन्हें पता चल पाएगा कि आखिर मैदान पर इतने तनाव और दबाव में आने के बावजूद वो बिल्कुल शांत और सहज कैसे रहते हैं। एक लंबे बालों वाले आक्रामक खिलाड़ी से एक परिपक्व और उच्च स्तरीय खिलाड़ी बनने में धोनी के अंदर आए इस परिवर्तन को लेकर काफी सवाल थे। साथ ही, धोनी ने कैसे टीम इंडिया की कप्तानी की कमान को संभाला इस बात पर ज्याद जोर नहीं दिया गया। शायद इसलिए, क्योंकि फिल्म मेकर्स धोनी की पर्सनल लाइफ के बारे में ज्यादा बताना चाहते थे। हो सकता है मेकर्स इन सवालों का जवाब देने के लिए बायोपिक का दूसरा पार्ट बनाने के बारे में सोच रहे हों।

  1. आईपीएल और टेस्ट करियर की संक्षिप्त जानकारी

ipl and test

वनडे में कमाल करने वाले धोनी का टेस्ट करियर भी शानदार था, अपनी समझदारी और दमदार टीम के साथ धोनी ने भारत को टेस्ट में नम्बर वन बनाया था। लेकिन, एक पारी के अलावा धोनी के टेस्ट करियर के बारे में इस फिल्म में ज्यादा कुछ नहीं दिखाया गया। धोनी के करियर में आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के साथ उनका एसोसिएशन भी एक अहम पहलू है, इस टूर्नामेंट में उनके नाम कई रिकॉर्ड्स दर्ज हैं। लेकिन फिल्म में धोनी के चेन्नई के साथ हुए करार का सिर्फ एक सीन ही डाला गया है।

Edited by Staff Editor
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