भारत और श्रीलंका के बीच चल रही 5 मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला के तीसरे मैच में भारत ने श्रीलंका को आसानी के साथ 6 विकेट से हराकर सीरीज में 3-0 की अजय बढ़त बना ली है। मैच में भारतीय सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने शानदार शतक लगाया, तो गेंदबाजी में युवा तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने 5 विकेट हासिल किये और मैन ऑफ़ द मैच के इनाम से भी नवाजे गए। भारत ने 1997 में आखिरी बार श्रीलंका में वनडे सीरीज हारी थी, उसके बाद भारत ने लगातर 7 वनडे सीरीज अपने नाम की है।
श्रीलंका क्रिकेट के लिए यह दौर बेहद खराब चल रहा है। चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के खिलाफ मिली जीत के बाद टीम के लिए कुछ भी सही नहीं हो रहा है। इस सीरीज से पहले ज़िम्बाब्वे क्रिकेट टीम ने श्रीलंका को 3-2 से सीरीज में मात दी। उसके बाद भारतीय टीम ने टेस्ट सीरीज के साथ अब वनडे सीरीज भी अपने नाम कर ली है। पिछले 3 महीनो में श्रीलंका क्रिकेट टीम ने 3 बार अलग अलग कप्तानो का चयन किया है, जो कारगर साबित नहीं हुआ।
आईये नजर डालते है, श्रीलंकाई टीम की तीसरे वनडे में मिली हार के 5 कारणों पर :
सलामी बल्लेबाजों का फ्लॉप होना
श्रीलंका के लिए इस सीरीज में उसके सलामी बल्लेबाजों ने निराशाजनक प्रदर्शन किया है। शुरुआती दो वनडे में पहले विकेट के लिए शुरुआत अच्छी मिलने के बाद सलामी बल्लेबाज निरोशन डिकवेला और दानुश्का गुनाथिलका ने पारी को आगे बढ़ाने में नाकाम रहे। यह सिलसिला तीसरे वनडे में भी जारी रहा, जहाँ डिकवेला और चंडीमल एक बार फिर से पारी की शुरुआत अच्छी करने में नाकाम रहे।
मध्यक्रम का पारी न संभालना
तीसरे मैच में श्रीलंका का स्कोर एक समय पर 100 रन पर 2 विकेट था लेकिन उसके बाद लगातर अंतराल में विकेट गिरने के बाद श्रीलंका की टीम 50 ओवर में 217 रन हो जोड़ सकी। इसकी वजह टीम के मध्यक्रम का फेल होना रहा। लहिरू थिरिमने एक छोर पर अकेले खड़े रहे और श्रीलंका का मध्यक्रम एक के बाद एक पवेलियन की राह पकड़ता रहा। मध्यक्रम के फ्लॉप होने से ही श्रीलंका की टीम 250 या उससे अधिक आंकड़े को नहीं छू पाई और भारत ने यह मुकाबला भी आसानी से अपने नाम किया।
गेंदबाज मौके भुनाने में नाकाम
श्रीलंकाई गेंदबाजो ने दूसरे मैच में 22 रन के अन्दर 7 विकेट लेकर भारतीय टीम को मुश्किल में डालने के बावजूद भी भारत को यह मैच को आसानी के साथ हासिल करने दिया और कुछ ऐसा ही तीसरे वनडे में भी देखने को मिला, जहाँ एक समय पर भारतीय टीम का स्कोर 61 रन पर 4 विकेट था लेकिन गेंदबाजों ने हाथ लगे इस बेहतरीन मौके को एक बार फिर से छोड़ दिया और भारत ने यह मैच भी 6 विकेट से जीत लिया।
अनुभवहीन गेंदबाज
श्रीलंका के लिए सीरीज में केवल एक ही गेंदबाज ने अपना कमाल दिखाया। अकिला धनंजय ने दूसरे मैच में 6 और तीसरे में 2 विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाजो को परेशानी में डाला लेकिन श्रीलंका के बाकी गेंदबाजो से उनको साथ नहीं मिला। तीसरे मुकाबले में लसिथ मलिंगा ने अपने अनुभव का थोड़ा बहुत फायदा उठाया और 1 विकेट हासिल किया लेकिन बाकी 3 गेंदबाज एक भी विकेट हासिल नहीं कर पाए। फर्नान्डो ने भी मात्र एक विकेट हासिल किया। पहले मैच में किसी भी श्रीलंकाई गेंदबाज ने भारतीय टीम का एक भी विकेट नहीं लिया था और भारत ने तीनो मुकाबले श्रीलंका की अनुभवहीन गेंदबाजी का आसानी के साथ मुकाबला करते हुए अपने नाम किये।
आत्मविश्वास की कमी
श्रीलंकाई टीम में आत्मविश्वास की कमी जाहिर तौर पर नजर आ रही है। भारत के खिलाफ पहले टेस्ट सीरीज को 3-0 से हारना उसके बाद वनडे सीरीज के 3 मैचों को एकतरफा हारना उनके अंदर के आत्मविश्वास को झलका रहा है और यही कारण रहा है कि मेजबान भारत ने सभी मैचों में जीत हासिल की है। टीम ने अपने अंदर के आत्मविश्वास को खो ही दिया साथ ही श्रीलंकाई दर्शकों ने भी अपने खिलाड़ियों पर भरोसा नहीं रखने का फैसला किया और यही कारण रहा की श्रीलंकाई दर्शकों ने मैदान पर अपनी नाराजगी जताई। श्रीलंकाई क्रिकेट परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, जो उनके लिए बेहद मुश्किल हो रहा है।