टीवी देखने वाले इस बात से खासे निराश हुए थे, जब हर्षा भोगले को कमेन्ट्री पैनल से बाहर कर दिया गया था। हर्षा एक बेहतरीन हिंदी और अंग्रेजी कमेंटेटर रहे हैं। भोगले को भारतीय टीम की आलोचना करने के कारण आईपीएल से बाहर किया गया था। हालांकि इस वजह खासकर अंग्रेजी की कमेन्ट्री खराब हुई है। बहुत से कमेंटेटर उनकी तरह कमेंट्री में साफ़ और अच्छे शब्द या यूँ कहे उनके कमेंट्री में सूचना की कमी रही है। आईपीएल के लिए कमेंट्री की भीड़ अच्छी नहीं होती है दर्शक गुणवत्ता भी चाहते हैं। नाथन मैकुलम और डैरेन सैमी इसके उदाहरण हैं। माइकल होल्डिंग या राहुल द्रविड़ या शेन वार्न जैसे कमेंटेटर इसमें अच्छे साबित होते।
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