5 ऐसे मौके जब अनुराग ठाकुर ने खुद को बॉस साबित किया

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विश्व में क्रिकेट काफी तेज़ी से लोकप्रिय हो चुका है ख़ासकर जबसे इसमें टी20 का चलन आया है। क्रिकेट के इस रोमांचक खेल को और भी रोमांचक बनता है इसका नियम और कानून। हालांकि इस क्रिकेट के जगत में कई देशों की टीम बनी हुई है और उस टीम को नियमित रूप से चलाने के लिए उस देश एक निर्धारित बोर्ड भी है। सभी टीमों की तरह भारतीय टीम का भी एक बोर्ड है जिसे हम बोर्ड ऑफ़ क्रिकेट कंट्रोल ऑफ़ इंडिया यानी बीसीसीआई के नाम से जानते हैं। बीसीसीआई क्रिकेट जगत के सभी दूसरे देशों के बोर्ड से ज्यादा ताकतवर बोर्ड माना जाता है। लोकसभा सांसद अनुराग ठाकुर बीसीसीआई के नए अध्यक्ष बनाये गए हैं। 41 साल के ठाकुर बीसीसीआई के सबसे युवा अध्यक्ष हैं। बीसीसीआई अध्यक्ष का पद बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के चैयरमैन बनने के बाद से खाली था। मनोहर ने 10 मई को बीसीसीआई अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। वह सात महीनों तक इस पद पर रहे थे। 12 मई को उन्हें आईसीसी का निर्विरोध चैयरमैन चुना लिया गया था। अनुराग ठाकुर जो कि बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष के तौर पर कार्यरथ हैं, काफी कम समय में बोर्ड के लिए काफी बड़े बड़े काम कर चुके हैं। ठाकुर को उनके इस बेहतरीन काम के लिए भी सभी जगह से प्रशंसा मिल रही है। ठाकुर ने काफी कम समय में भारतीय बोर्ड के लिए बहुत सारे काम किये हैं, ख़ास तौर पर हिमाचल प्रदेश में। लोढ़ा समिति और बीसीसीआई के बीच चल रहे मुद्दे पर भी अनुराग ठाकुर काफी समझदारी से काम कर रहे हैं। लोगों का मानना है कि ठाकुर से बेहतर इस मुद्दे को और कोई सही तरह से सुलझा भी नहीं सकता। ठाकुर ने उस समय बीसीसीआई अध्यक्ष का पद संभाला जब बोर्ड मुश्किल समय से गुजर रहा है। बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश आर.एम.लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने के आदेश का पालन भी करना है। अनुराग ठाकुर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से लोकसभा सासंद भी हैं। उन्हें पूर्व क्षेत्र से असम, बंगाल, त्रिपुरा, झारखण्ड और राष्ट्रीय क्रिकेट क्लब का समर्थन हासिल है। जैसे जैसे वक़्त बीतता जा रहा है ठाकुर चुनौती की कसौटी पर खरे उतरते जा रहे हैं और बार बार इस बात को सही साबित कर रहे हैं और कई ऐसे मौकों पर ठाकुर ने खुद को बॉस भी साबित किया है। आइये एक नज़र डालते हैं ऐसे कुछ मौकों पर जब अनुराग ठाकुर ने खुद को बॉस साबित किया है: #1 मैच फिक्सिंग के विरुद्ध कड़े नियम जैसा कि हमेशा से एक अच्छे और बड़े लीडर में होना चाहिए अनुराग ठाकुर क्रिकेट में होनी वाले हर एक काम के विरुद्ध खड़े रहते हैं। ठाकुर का जिस प्रकार का स्वभाव है वो बीसीसीआई अधिकारीयों में अपना ही एक अलग मुकाम रखते हैं। पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के मैच फिक्सिंग के मामले के बाद से ठाकुर ने इस मुद्दे पर कठोर कदम उठाने का फैसला किया है। हाल ही में अनुराग ठाकुर ने लोवर हाउस में एक बिल पेश किया है जिसके अंतर्गत मैच फिक्सिंग के आरोप में दोषी पाए जाने वाले खिलाड़ी को 10 साल की जेल की सज़ा रखी है। हाल ही में मकोका द्वारा श्रीसंत पर लगाये गए प्रतिबंध को हटाने पर भी अनुराग ठाकुर का ये मानना था कि उनपर लगा प्रतिबंध हटना नहीं चाहिए और उसे जारी रखना चाहिए। जबसे अनुराग ठाकुर ने अपना पद संभाला है हमें मैच फिक्सिंग जैसे बुरे काम सुनने को नहीं मिले हैं। #2 धरमशाला स्टेडियम के सुधार के ज़िम्मेदार t 2 अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के लोक सभा के मेम्बर हैं। हिमाचल प्रदेश में स्थित धरमशाला स्टेडियम को एक बड़े पैमाने पर बेहतर बनाने में ठाकुर का हाथ है, ठाकुर ने इस स्टेडियम को एक नया चेहरा दे दिया है। देखा जाये तो ये स्टेडियम एक अद्भुत जगह पर स्थित है और समुद्र लेवल से इसकी ऊंचाई लगभग 4, 780 फीट 2 इंच है। इसके चारों ओर हिमालय पहाड़ है जो देखने में किसी खूबसूरत सपने से कम नहीं लगता है। इस स्टेडियम में कई वनडे और टी20 मैच खेले जा चुके हैं। धरमशाला स्टेडियम के अलावा ठाकुर ने बिलासपुर, अमतर, ऊना, प्रगतिनगर और लाल पानी जैसी जगह पर भी क्रिकेट के इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार लाया है। #3 क्रिकेट में घूसखोरी के विरुद्ध t 3 अनुराग ठाकुर के आने से पहले क्रिकेट जगत में कई जगह पर घूसखोरी जैसी बड़ी बीमारी फैली हुई थी, पर जबसे अनुराग ठाकुर ने अध्यक्ष का पद संभाला है क्रिकेट के अंदर से ये बीमारी बहुत हद तक या कहे तो लगभग लगभग खत्म हो चुकी है जो कि अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है। देखा जाए तो कई ऐसे बीसीसीआई अध्यक्ष हैं जो इस स्कैंडल में शामिल रहे हैं पर जबसे अनुराग ठाकुर ने इस पद को संभाला है घूसखोरी दूर दूर तक इस खेल से दूर जाती नज़र आरही है, जिसका एक जीता जागता उदाहरण 2012 के अंडर-19 वर्ल्डकप के दौरान देखने को मिला था। #4 राजनीतिक स्तर पर साफ़ सुथरी छवी t 4 बतौर हिमाचल प्रदेश की तरफ से लोक सभा मेबर रहे अनुराग ठाकुर का राजनीतिक करियर बिल्कुल साफ़ सुथरा रहा है और इसमें कहीं से कोई शक नहीं कि ठाकुर एक बेहतरीन व्यक्ति भी हैं। वो हमेशा से भारतीय जनता पार्टी के लिए एक युवा नेता के रूप में सामने आये हैं। ठाकुर डब्लूटीओ की स्टीयरिंग समिति के मेम्बर भी हैं। अनुराग ठाकुर को साल 2011 में सर्वश्रेष्ठ युवा पार्लीयामेंट्रियन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है और तो और उन्हें वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम युवा ग्लोबल लीडर भी कहा गया है। ठाकुर को साल 2014 के टॉप 10 एमपी में से एक माना गया है। #5 अहम निर्णय जो रंग लाये t 5 भारतीय सीनियर खिलाड़ियों के साथ अनुराग ठाकुर के रिश्ते हमेशा से अच्छे रहे हैं चाहे वो सचिन तेंदुलकर हों, राहुल द्रविड़ हों, सौरव गांगुली या फिर वीवीएस लक्ष्मण हों, इन सबके साथ ठाकुर का व्यवहार बेहद अच्छा रहा है। इन बड़े खिलाड़ियों को लेकर ठाकुर द्वारा लिए गए कई फैसले सही साबित हुए हैं। आशीष नेहरा, हरभजन सिंह और युवराज सिंह की वापसी के मुद्दों पर भी ठाकुर के फैसले काफी सही साबित हुए हैं और इन बड़े दिग्गजों को दोबारा मौका मिला। वैसे तो ये बातें ठाकुर की सफलता का ऐलान करता है और सभी का ऐसा मानना है कि ठाकुर के आने से भारतीय टीम में एक नयी जान सी आगई है। अब बस देखना ये है कि ठाकुर अपने पद पर बरकरार रहकर बीसीसीआई को किस बुलंदी तक ले जाते हैं।