5 ऐसे मशहूर बल्लेबाज़ जिन्होंने अपनी शानदार गेंदबाज़ी से जिताया मैच

MAXI

ऐसा बेहद कम होता है टीम का कोई बल्लेबाज़ वनडे के आख़िरी ओवर में गेंदबाज़ी की हो या उन्हें मैच का आख़िरी विकेट मिला हो और उनकी टीम ये मैच जीत गई हो। अगर कभी ऐसा होता है तो ज़ाहिर सी बात है कि वो मैच दिलचस्प हो जाता है। यहां हम उन मशहूर बल्लेबाज़ों की के बारे में जानेंगे जिन्होंने अपनी गेंदबाज़ी का कमाल दिखाकर मैच का रुख़ पलट दिया हो।

#1 ग्लेन मैक्सवेल

साल 2014 में ऑस्ट्रेलिया का मुक़बाला पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अबु धाबी में जारी था। मेज़बान पाकिस्तान टीम को सीरीज़ के तीसरे वनडे में जीत के लिए 232 रन का आसान सा दिखने वाला लक्ष्य मिला था। पाकिस्तान टीम धीरे-धीरे अपनी मंज़िल की तरफ़ बढ़ रही थी। एक वक़्त पाकिस्तान का स्कोर 154/3 था। लेकिन क्रिकेट में कब क्या हो जाए ये कहना मुश्किल है। पाकिस्तान के विकेट लगातार गिरने शुरू हो गए। पाकिस्तान को आख़िरी ओवर में जीत के लिए महज़ 2 रन की ज़रूरत थी और उनके 2 विकेट बाक़ी थे। ऐसे में कप्तान जॉर्ज बेली ने एक बड़ा दांव खेला, उन्होंने आख़िरी ओवर फेंकने के लिए गेंद ग्लेन मैक्सवेल को थमा दी। उस वक़्त भी यही लग रहा था कि 6 गेंद में 2 रन बनाना पाकिस्तान के लिए कतई मुश्किल नहीं है। लेकिन मैक्सवेल ने आख़िरी 6 गेंद पर बिना कोई रन दिए 2 विकेट हासिल किए और कंगारू टीम को 1 रन से जीत दिला दी। मैक्सवेल को नाज़ुक वक़्त में शानदार गेंदबाज़ी के लिए मैन ऑफ़ द मैच के अवॉर्ड से नवाज़ा गया।

#2 माइकल क्लार्क

CLARKE

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क जब बल्लेबाज़ी के लिए पिच पर उतरते थे तो निश्चित तौर अपनी टीम के लिए मैच विनर साबित होते थे। हांलाकि साल 2009 में एक वक़्त ऐसा भी आया जब उन्होंने अपनी गेंदबाज़ी की जलवा दिखाकर हारा हुआ मैच अपने नाम किया। सिडनी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट मैच जारी थी। चौथी पारी में भारत बल्लेबाज़ी करने उतरा था। टीम इंडिया को जीत के लिए 333 रन की ज़रूरत थी। इस मैच में अंपायर की तरफ़ से ग़लत फ़ैसले भी हुए जो कंगारू टीम के लिए फ़ायदेमंद साबित हो रहे थे। मैच के 5वें दिन अनिल कुंबले पिच पर मौजूद थे और भारत की कोशिश थी कि ये मैच किसी तरह ड्रॉ हो जाए। टेस्ट मैच ख़त्म होने में महज़ 20 मिनट बाक़ी थे। कप्तान रिकी पॉन्टिंग ने माइकल क्लार्क को गेंद थमाई और फिर इतिहास बन गया। क्लार्क ने हरभजन सिंह और आरपी सिंह को लगातार 2 गेंदों में आउट कर दिया। क्लार्क के पास हैट्रिक का मौक़ा था जिससे वो चूक गए। इसके बाद क्लार्क ने टीम इंडिया के आख़िरी बल्लेबाज़ इशांत शर्मा को माइकल हसी के हाथों कैच करवा लिया। इसके साथ ही कंगारू टीम ने एक यादगार जीत दर्ज की जिसका श्रेय माइकल क्लार्क को जाता है।

#3 सौरव गांगुली

DADA

कनाडा के टोरेंटो में भारत और पाकिस्तान के बीच 5 मैचों की सीरीज़ में तीसरा मैच जारी था। टीम इंडिया इस सीरीज़ में 2-0 से आगे थी। भारत ने पहले बल्लेबाज़ी की और पाकिस्तान को जीत के लिए 183 रन का मामूली लक्ष्य दिया। जब पाकिस्तान बल्लेबाज़ी करने उतरी तो लगने लगा कि भारत से मैच हार जाएगा। एक वक़्त पाकिस्तान का स्कोर 103/3 था। तभी मैच में नाटकीय मोड़ देखने को मिला जब सौरव गांगुली गेंदबाज़ी करने आए। इस मैच में बल्लेबाज़ी करते हुए उनका प्रदर्शन बेहद ख़राब रहा था और उन्होंने महज़ 2 रन बनाए थे। दादा ने अपनी शानदार गेंदबाज़ी से मैच का रुख पूरी तरह पलट दिया। गांगुली ने 10 ओवर में 16 रन देकर 5 विकेट हासिल किए, जिसमें 3 मैडन ओवर शामिल थे। भारत ने ये मैच और सीरीज़ दोनों पर कब्ज़ा जमा लिया। सौरव गांगुली ने इससे पहले कई बार शानदार बल्लेबाज़ी की बदौलत मैन ऑफ़ द मैच हासिल किया था, लेकिन इस बार उन्हें ये अवॉर्ड उनकी बेहतरीन गेंदबाज़ी के लिए मिला जो बेहद ख़ास था।

#4 तिलकरत्ने दिलशान

DILSHAN

हांलाकि दिलशान एक शानदार बल्लेबाज़ रहे हैं लेकिन कई बार उन्होंने अपनी गेंदबाज़ी विपक्षी टीम की बैटिंग साझेदारी तोड़ी है। वर्ल्ड कप 2011 के फ़ाइनल में उन्होंने विराट कोहली और गौतम गंभीर की पार्टनरशिप तोड़ी थी। बहुत कम ही लोग ये जानते हैं कि उन्होंने करियर की बेस्ट बॉलिंग साल 2011 के ही वर्ल्ड कप में की थी जब उन्होंने एक मैच में 4 रन देकर 4 विकेट हासिल किया था। आईसीसी के सबसे बड़े टूर्नामेंट के 26वें मैच में श्रीलंका का मुक़ाबला पाल्लेकेले में ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ जारी था। श्रीलंका ने जिम्बाब्वे को जीत के लिए 328 रन का मुश्किल लक्ष्य दिया था। हांलाकि जिम्बाब्वे ने एक अच्छी शुरुआत की थी। एक वक़्त जिम्बाब्वे का स्कोर 150/3 था। दिलशान को गेंदबाज़ी का मौक़ा मिला और उन्होंने जल्द ही 3 विकेट हासिल किए और फिर चौथा विकेट भी अपने नाम किया। श्रीलंकाई टीम ने ये मैच 139 रन से जीता था। चूंकि दिलशान ने इस मैच में 144 रन भी बनाए थे। तो ये ज़ाहिर सी बात थी कि वो ही मैन ऑफ़ द मैच के हक़दार बने थे।

#5 सचिन तेंदुलकर

SACHIN

कहा जाता कि क्रिकेट का बेहद कम रिकॉर्ड लिस्ट सचिन के बिना पूरा होता है। सचिन विविधता भरी गेंदबाज़ी के लिए जाने जाते थे। कभी वो ऑफ़ ब्रेक तो कभी लेग ब्रेक गेंदबाज़ी करते थे। टीम में उनकी अहमित किसी पार्ट टाइम गेंदबाज़ से कहीं ज़्यादा थी। साल 1993 के हीरो कप में कोलकाता के ईडन गार्डेन में भारत और साउथ अफ़्रीका के बीच सेमीफ़ाइनल मुक़ाबला जारी था। प्रोटियास टीम को जीत के लिए 196 रन का लक्ष्य मिला था। उन्हें आख़िरी ओवर में 6 गेंद पर 6 रन बनाने थे। ऐसे में कप्तान अज़हरुद्दीन ने सचिन पर भरोसा करते हुए आख़िरी ओवर में गेंदबाज़ी का मौक़ा दिया। सचिन ने बिलकुल निराश नहीं किया उन्होंने इस ओवर में सिर्फ़ 3 रन दिए और टीम इंडिया को 2 रन से जीत दिला दी। भारत फ़ाइनल में पहुंच गया जहां उसने वेस्टइंडीज़ को हराकर ख़िताब पर कब्ज़ा जमाया। इस मैच में एक वक़्त दर्शकों की सांसें थम गई थी, लेकिन सचिन ने साउथ अफ़्रीकी से जीत छीन ली। सचिन की बल्लेबाज़ी की दुनिया क़ायल है लेकिन उनकी गेंदबाज़ी किसी करिश्मे से कम नहीं थी। लेखक- विग्नेशकुमार नागेंद्रन अनुवादक- शारिक़ुल होदा