कमबैक किंग माने जाने वाले दिनेश कार्तिक ने भारतीय टीम (टीम इंडिया) में फिर से वापसी की है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 मैचों के लिए चुने जाने के बाद कार्तिक को न्यूजीलैंड के खिलाफ होने जा रहे वन डे टीम में भी रखा गया है। चयनकर्ता घरेलू क्रिकेट में किए गए उनके शानदार प्रदर्शन को नजरंदाज नहीं कर पाए और टीम में बदलाव होने के काफी कम मौके होने के बावजूद उन्हें टीम में रखा गया। दिलचस्प बात ये है कि कार्तिक को लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले लोकेश राहुल पर तरजीह दी गई है। आपको बता दें कि कार्तिक ने महेंद्र सिंह धोनी के पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा था। लेकिन माही के डेब्यू के बाद कार्तिक नेपथ्य में चले गए और लगातार टीम से अंदर-बाहर होते रहे। अब तो ऐसा अक्सर होता है कि कार्तिक घरेलू सर्किट में ढेरों रन बनाते हैं, फिर टीम में आते हैं और फिर टीम से बाहर हो जाते हैं। हालांकि, जब चयनकर्ता 2019 में होने वाले अगले विश्व कप के लिए खिलाड़ियों का पूल तैयार करने में लगे हैं तो कार्तिक का वन डे टीम में चुना जाना उनके लिए एक शुभ संकेत है। इसका मतलब है कि राष्ट्रीय चयनकर्ताओं के नजर में अब भी कार्तिक टीम के विश्व कप अभियान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस लेख में हम उन 5 मौकों पर नजर डालेंगे जब कार्तिक ने भारतीय टीम में वापसी की। दक्षिण अफ्रीका के विरूद्ध 2010 में घरेलू श्रृंखला यह एक ऐतिहासिक सीरीज था क्योंकि मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर इसी सीरीज में ही एकदिवसीय क्रिकेट में दोहरा शतक बनाने वाले पहले बल्लेबाज बने थे। ग्वालियर के इस मैच में दिनेश कार्तिक ने दूसरे छोर पर सचिन का बेहतरीन साथ देते हुए शानदार 79 रन बनाए थे और दूसरे विकेट के लिए 194 रन की विशाल साझेदारी की थी। दिलचस्प बात ये है कि इस श्रृंखला के लिए कार्तिक का चयन अपेक्षित नहीं था लेकिन चयनकर्ताओं के पास कोई और विकल्प नहीं था। हालांकि कार्तिक ने भी अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं को निराश नहीं किया। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2006 की श्रृंखला 2004 में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू करने के बाद दिनेश कार्तिक को जल्द ही टीम से हटा दिया गया था। इसके बाद उन्हें 2006 में दक्षिण अफ्रीका जाने वाली एकदिवसीय टीम में मौका मिला। वनडे सीरीज से पहले टेस्ट श्रृंखलाा में भारतीय बल्लेबाजी क्रम अफ्रीकी तेज गेंदबाजों के सामने संघर्ष कर रहा था। हालांकि कार्तिक भी इस प्रवृत्ति को कम नहीं कर सके और तीन पारियों में केवल 14, 17 और 11 का स्कोर ही बना सके। भारत 5 मैचों की यह श्रृंखला 4-0 से हार गई थी। चैंपियंस ट्रॉफी, 2013 करीब तीन साल तक टीम से बाहर रहने के बाद, दिनेश कार्तिक को आईपीएल के प्रदर्शन का ईनाम मिला और उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी के लिए इंग्लैंड जा रही भारतीय टीम में शामिल कर लिया गया। उन्होंने दोनों अभ्यास मैचों में शतक लगाकर अंतिम एकादश के लिए अपना दावा पेश किया और उन्हें महेंद्र सिंह धोनी ने मौका दिया। भारत के इस विजयी अभियान में कार्तिक ने भी अपना योगदान दिया और 4 पारियों में 2 बार नाबाद रहते हुए 41की औसत से 82 रन बनाए। सच्चाई ये है कि शिखर धवन के अच्छे फॉर्म ने किसी और भारतीय बल्लेबाज को अधिक बैटिंग का कुछ खास मौका नहीं दिया। इसके बाद वह अगले दो सीजन तक टीम में बने रहे। हालांकि खराब फॉर्म के कारण वह एशिया कप, 2014 के बाद फिर से टीम से बाहर हो गए। चैंपियंस ट्रॉफी, 2015 2013 की तरह 2017 में भी कार्तिक को आईपीएल के अच्छे प्रदर्शन का ईनाम मिला और उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम में जगह दी गई। इस बार भी अभ्यास मैचों में उन्होंने बेहतरीन पारियां खेली थी, लेकिन टीम में युवराज सिंह जैसा बड़ा नाम होने के कारण उन्हें किसी भी मैच में अंतिम एकादश में शामिल नहीं किए गया। भारत ने टूर्नामेंट के तुरंत बाद वेस्टइंडीज का दौरा किया और कार्तिक ने यहां दो पारियों में 2 और 50 रन की पारी खेली। इसके बाद वह फिर से टीम से बाहर कर दिए गए। न्यूजीलैंड के खिलाफ आगामी श्रृंखला, 2017 अपने आखिरी मैच में मैच जीताऊ अर्धशतक लगाने के बाद भी कार्तिक को श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया। यह कार्तिक के लिए काफी निराशाजनक था। लेकिन कार्तिक ने घरेलू क्रिकेट में लौटते हुए दलीप ट्रॉफी के फाइनल में शतक बनाकर चयनकर्ताओं के सामने अपनी दावेदारी फिर से पेश की। चयनकर्ताओं ने भी कीर्तिक के मूल्य को समझते हुए उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ एकदिवसीय सीरीज के लिए भारतीय टीम में फिर से चुन लिया। अगर कार्तिक को अंतिम एकादश में जगह मिलती है तो वह अच्छा प्रदर्शन कर टीम में अपनी जगह पक्की करना चाहेंगे। मूल लेखक - मनीष पाठक अनुवादक व संपादक - सागर