भारत और इंग्लैंड के बीच जारी टेस्ट सीरिज के पहले टेस्ट में पिच बल्लेबाज़ी के अनुरूप देखने को मिली। जहां इंग्लैंड ने पहली पारी में 537 रन का स्कोर बनाया है। जिसमें तीन अंग्रेज बल्लेबाजों ने शतक बनाया है। ऐसे में दूसरी पारी में भारतीय टीम के सामने बड़ी चुनौती थी। इसमें स्कोर बोर्ड का दबाव होने लगता है। पहली पारी में भी पिच बल्लेबाजों के लिए आदर्श विकेट नहीं थी। इसलिए दूसरे और तीसरे दिन भी विकेट बल्लेबाजों को कुछ खास मदद नहीं मिल रहा था। जिससे बल्लेबाजों को थकावट ज्यादा लगी। लेकिन ऐसा नहीं है कि भारतीय टीम ने दूसरी पारी में बड़े स्कोर नहीं बनाये हैं। भारत ने दूसरी पारी में 726/9 और 676/7 का स्कोर श्रीलंका के खिलाफ क्रमशः मुंबई और कानपुर में बनाये हैं। इन दोनों मैचों में टीम इंडिया को 333 और 256 रन की बढ़त मिली थी। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 657/7 और 643/5 का स्कोर कोलकाता में बनाया था। आज हम आपको ऐसे ही 5 मौकों के बारे में बताने जा रहे हैं, जब टीम इंडिया ने दूसरी पारी में 400 से ज्यादा रन बनाये: 627 बनाम दक्षिण अफ्रीका, चेन्नई, 2008 तीन मैचों की टेस्ट सीरिज में भारत ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरिज की शुरुआत खराब की थी। इस मैच में भी प्रोटेस ने 540 रन बनाये थे। जिसमें हाशिम अमला ने 159 रन की पारी खेली थी। जवाब में भारतीय टीम ने सहवाग के 319 रन के तिहरे शतक के बदौलत इस मैच में 627 रन बना डाले। इस मैच में द्रविड़ ने भी शतक बनया था। भारत ने 87 रन की बढ़त इस मैच में हासिल किया था। जिससे अंत में मैच ड्रा हो गया था। उसके बाद तीसरे मैच में जीत हासिल करके भारतीय टीम ने इस सीरिज को ड्रा करवा दिया। सहवाग की पारी भारत के लिए काफी अहम साबित हुई थी। 565 बनाम वेस्टइंडीज, कोलकाता, 1987 चार मैचों की इस सीरिज में वेस्टइंडीज 1-0 से आगे चल रही थी। इस मैच में भी वेस्टइंडीज की टीम ने 530/5 रन का बड़ा स्कोर बनाकर पारी घोषित कर दिया। जिसमें कार्ल हूपर, गुस लोगी और गॉर्डन ग्रीनिज ने शतक बनाया था। जवाब में भारतीय टीम ने 565 रन बनाये थे। जिसमें दिलीप वेंगसकर ने 102 रन बनाये थे। अरुण लाल 93 ने श्रीकांत के साथ मिलकर 56 रन की साझेदारी की थी। साथ ही मोहिंदर अमरनाथ ने भी 96 रन की शानदार पारी खेली। उस दौर में वेस्टइंडीज की टीम काफी मजबूत मानी जाती थी। आखिरी टेस्ट जीतकर भारत ने सीरिज को बराबरी पर रोक दिया था। 527/9 पारी घोषित बनाम पाकिस्तान, चेन्नई, 1987 ये एक यादगार सीरिज थी। जिसमें इमरान खान और कपिल देव की टीम के बीच जोरदार मुकाबला देखने को मिला था। पाकिस्तान ने इस मैच में 487/9 रन बनाकर पारी घोषित कर दिया था। इमरान खान ने 135 रन बनाना चाहिए। जवाब में भारतीय टीम ने के श्रीकांत के 123 और सुनील गावस्कर के 91 रन की पारी की बदौलत पहले विकेट के लिए 200 रन जोड़े। श्रीकांत ने वेंगसकर 96 रन के साथ भी 185 रन जोड़े थे। वसीम अकरम, इमरान खान और अब्दुल कादिर जैसे गेंदबाज़ इस सीरिज में थे। 5 मैचों की इस सीरिज में भारतीय टीम सीरिज 1-0 से हार गयी थी। 495 बनाम ऑस्ट्रेलिया, बैंगलोर, 2010 बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी सीरिज का ये यादगार मैच था। जिसमें 0-1 से पिछड़ रही टीम ने 478 रन बनाया था। हालांकि एक समय 256 रन पर 5 विकेट था। जहां से मार्क्स नार्थ ने 128 रन की पारी खेलकर ऑस्ट्रेलिया को मजबूत किया था। जवाब में भारत ने 495 रन बनाये हालांकि शुरू में 38 रन पर 2 विकेट गिर गये थे। इस मैच में मुरली विजय और तेंदुलकर ने 308 रन की साझेदारी की थी। विजय ने 139 रन की पारी खेली तो तेंदुलकर ने 214 रन की पारी खेली थी। नाटकीय अंदाज में भारतीय टीम भी 486/5 के बाद 495 पर सिमट गयी।दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया 223 रन पर सिमट गयी। 207 के लक्ष्य को आराम से हासिल कर लिया। चेतेश्वर पुजारा ने अच्छी पारी खेली थी। यहां भारत की लीड 2-0 हो गयी थी। 499 बनाम ऑस्ट्रेलिया, मोहाली, 2013 0-2 से पिछड़ रही ऑस्ट्रेलियाई टीम ने इस मैच में 408 रन बनाये थे। जिसमें स्टीव स्मिथ ने 92 और मिचेल स्टार्क ने 99 रन बनाये थे। जवाब में भारतीय टीम ने 499 रन बनाये थे। जिसमें शिखर धवन 187 और मुरली विजय 153 रन ने 289 रन की साझेदारी की थी। विराट कोहली ने भी इस मैच में 67 रन बनाये थे। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलियाई टीम 223 रन बनाये थे। जिसके बाद 133 रन बनाकर भारत ने इस मैच को जीत लिया। भारतीय उपमहाद्वीप में चौथी पारी में 150-200 रन बनाना कठिन होता है। इसलिए हमने अपनी लिस्ट में टीम की दूसरी पारी का जिक्र किया है। सम्मान सहित जिक्र: भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ 1981 में 487 रन बनाये थे। इंग्लैंड ने 476 रन बनाये थे।