भारतीय टीम आज भले ही टेस्ट क्रिकेट की रैंकिंग में नंबर एक शीर्ष पर काबिज है लेकिन विदेशी पिचों पर भारतीय टीम का टेस्ट मैचों में रिकॉर्ड उतना बढ़िया नहीं रहा है। कई खिलाड़ियों का व्यक्तिगत प्रदर्शन तो काफी बढ़िया रहा लेकिन टीम एकजुट होकर अच्छा खेल नहीं दिखा पाई जिसकी वजह से उसे हार का सामना करना पड़ा।
भारत ने विदेशों में कुल 78 सीरीज खेली हैं और जिसमें से सिर्फ 18 में जीत मिली है और 45 में हार। विदेशी पिच पर पहला टेस्ट मैच जीतने में भारत को लगभग 36 साल लग गए। भारत के नाम सिर्फ 17.72 की औसत से केवल 45 जीत दर्ज हैं।
ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जहां भारत जीतने वाली स्थिति से हार गया है। आईये नजर डालते हैं विदेशों में खेले गए उन मैचों पर जहां भारतीय टीम मैच जीतते-जीतते हार गई।
#1 गॉल इंटरनेशनल स्टेडियम, गॉल- 2015
2015 की भारत-श्रीलंका की टेस्ट श्रृंखला कुमार संगकारा की विदाई सीरीज थी और वह गॉल में अपना आखिरी टेस्ट खेल रहे थे। वो मैच श्रृंखला का पहला टेस्ट मैच था और साथ ही ये विराट कोहली की टेस्ट कप्तान के रूप में पहली पूरी श्रृंखला थी।
टॉस हारने के बाद ज्यादातर मैच में भारतीय टीम का ही दबदबा रहा। भारतीय टीम ने श्रीलंका को पहली पारी में 183 के बेहद कम स्कोर पर आउट कर दिया और अपनी पहली पारी में 375 रन बनाकर 192 रन की अच्छी-खासी लीड ले ली। मैच में विराट कोहली और शिखर धवन ने शतक लगाया। इसके बाद दूसरी पारी में भी श्रीलंका के 95 रन पर 5 विकेट लेकर भारतीय टीम मैच में काफी मजबूत स्थिति में थी।
यहीं से मैच का रुख बदला और दिनेश चंडीमल ने मैराथन पारी खेलते हुए 162 रन ठोक डाले जिसकी मदद से श्रीलंका ने भारत को 175 रन का टारगेट दिया। हालांकि इन सबके बावजूद भारतीय टीम की जीत पक्की लग रही थी। खेल के चौथे दिन भारतीय टीम को जीत के लिए 153 रन बनाने थे और उसके 9 विकेट शेष थे। यहीं से मैच का पासा पलट गया। श्रीलंकाई स्पिनर रंगना हेराथ की घूमती हुई गेंदों के आगे भारतीय बल्लेबाज एक-एक कर पवेलियन लौट गए। पूरी भारतीय टीम 112 रनों पर ऑलआउट हो गई और भारतीय टीम जीता हुआ मैच हार गई।
Published 06 Sep 2017, 18:38 IST