5 मौके़ जब भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों ने घरेलू सरज़मीं पर स्पिन गेंदबाज़ों से बेहतर प्रदर्शन किया

BHUVI

#4 बनाम इंग्लैंड, बॉम्बे (1981)- 12 विकेट (60%)

MADAN LAL

1981/82 में टीम 5 साल बाद इंग्लैंड क्रिकेट टीम टेस्ट सीरीज खेलने भारत आई। 6 टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मैच बॉम्बे के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया।

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम इयान बॉथम और ग्राहम डेली के गेंदबाजी के सामने नहीं टिक पाई और पूरी टीम 179 रनों पर ढेर हो गयी। भले ही भारतीय बल्लेबाज नहीं चल पायें लेकिन गेंदबाजों ने अपना काम कर दिया और दिलीप दोषी के 5/39 की मदद से भारत ने इंग्लैंड को पहली पारी में 166 रनों पर रोक दिया। तेज गेंदबाज कपिल देव और मदन लाल ने भी 1-1 विकेट हासिल किए।

बल्लेबाजी के लिए मुश्किल पिच पर भारतीय बल्लेबाजों ने दूसरी पारी में 227 रन बनाए और इंग्लैंड के सामने जीत के लिए 241 रनों का लक्ष्य रखा। जहां इंग्लैंड की टीम भारतीय स्पिन गेंदबाजों से डर रही थी वहीं कपिल और मदनलाल की जोड़ी ने उनकी बल्लेबाजों को सस्ते में समेट भारत को 138 रनों से जीत दिला दी।

जहां कपिल देव ने 70 रन देकर 5 विकेट लिए वहीं मदनलाल ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 23 रन देकर 5 विकेट हासिल किए। यह भारतीय क्रिकेट इतिहास में पहला मौका था जब तेज गेंदबाजों ने घर में पारी के सभी 10 विकेट हासिल किये।