5 मौके़ जब भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों ने घरेलू सरज़मीं पर स्पिन गेंदबाज़ों से बेहतर प्रदर्शन किया

BHUVI

#3 बनाम वेस्टइंडीज, अहमदाबाद (1983)- 14 विकेट (70%)

KAPIL

वेस्टइंडीज के खिलाफ 1983/84 की सीरीज के तीसरे मैच में भारतीय टीम 3 तेज गेंदबाज (कपिल देव, बलविंदर संधू और रोजर बिन्नी) के साथ उतरी, जैसा भारतीय टीम कम ही मौकों पर करती है। दरअसल, मोटेरा की पिच की यही मांग थी।

टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करते हुए भारतीय टीम कंडीशन का ज्यादा फायदा नहीं उठा पाई और वेस्टइंडीज की टीम ने पहली पारी में 281 रन बना दिये। तेज गेंदबाजों के लिए मददगार इस पिच पर भरतीय तेज गेंदबाजों को सिर्फ 4 ही विकेट मिले। जिसमें रोजर बिन्नी ने 3 विकेट हासिल किए जबकि कपिल देव को 1 विकेट ही मिला।

जवाब में भारत ने अपनी पहली पारी में 241 रन बनाए और मेहमानों को 40 रनों की बढ़त मिल गयी। भारतीय टीम के सामने वेस्टइंडीज की पारी को जल्द से जल्द समेटने की जिम्मेदारी थी और कपिल देव ने यह जिम्मेदारी अपने ऊपर लेते हुए 83 रन देकर 9 विकेट हासिल किए।

चौथी पारी में भारत को जीत के लिए 242 का लक्ष्य मिला लेकिन भारतीय टीम 103 रनों पर आउट हो गयी और वेस्टइंडीज ने सीरीज में 2-0 की बढ़त बना ली। नतीजा भले ही भारत के पक्ष में न रहा हो लेकिन कपिल देव का वह स्पेल यादगार बन गया।