5 मौके़ जब भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों ने घरेलू सरज़मीं पर स्पिन गेंदबाज़ों से बेहतर प्रदर्शन किया

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#2 बनाम ऑस्ट्रेलिया, बैंगलोर (2008)- 13 विकेट (82.25%)

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साल 2008 में भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 10 महीनों के अंतराल में दो टेस्ट सीरीज खेल लिए। ऑस्ट्रेलिया में हुए विवादित सीरीज में 1-2 से हारने के बाद भारतीय टीम अपनी सरजमीं पर बॉर्डर-गावस्कर सीरीज पर कब्जा जमाने के इरादे से उतरी थी।

बल्लेबाजी के अनुकूल पिच और टॉस जीतकर बल्लेबाज़ी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने रिंकी पॉन्टिंग (123) और माइकल हसी (146) की पारियों की मदद से अपनी स्थिति मजबूत कर ली। लेकिन, ज़हीर खान और इशांत शर्मा ने मिलकर 9 विकेट हासिल कर मेहमानों को 430 पर रोक दिया। ज़हीर खान ने भारतीय सरजमीं पर पहली बार पारी में 5 विकेट हासिल किये।

पहली पारी में भारत का स्कोर 232/7 हो गया और लगने लगा कि ऑस्ट्रेलिया को बड़ी बढ़त मिल जाएगी लेकिन निचले क्रम में ज़हीर (57 नाबाद) और हरभजन (54) की पारियों की वजह से भारतीय टीम 360 रनों तक पहुंच गई।

दूसरी पारी में भी तेज गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को रोके रखा और 4 विकेट हासिल किए। जिसमें इशांत शर्मा (3/46) ने खासकर काफी अच्छी गेंदबाजी की। ऑस्ट्रेलिया ने 5वें दिन पहले सत्र में अपनी पारी घोषित कर दी और भारत को जीत के लिए 299 रनों के लक्ष्य मिला।

सचिन तेंदुलकर (49) और वीवीएस लक्ष्मण(42 नाबाद) की पारियों की वजह से भारत टेस्ट मैच ड्रा कराने में सफल रहा। लेकिन, सपाट पिच पर भारतीय तेज गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया की 16 विकटों में से 13 विकेट हासिल कर सभी का दिल जीत लिया।

Edited by Staff Editor
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