5 मौके़ जब भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों ने घरेलू सरज़मीं पर स्पिन गेंदबाज़ों से बेहतर प्रदर्शन किया

BHUVI

#1 बनाम श्रीलंका, कोलकाता (2017)- 17 विकेट (100%)

SHAMI

कोलकाता की घास भरी पिच और बादलों से भरे आसमान जैसे तेज गेंदबाजों के प्रतिकूल माहौल में श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। सुरंगा लकमल की घातक गेंदबाजी 6-6-0-3 की वजह से बारिश से बाधित पहले दिन भारत का स्कोर 17/3 रहा।

बल्लेबाजी के लिए मुश्किल परिस्थिति में भारतीय टीम 172 रनों पर ऑलआउट हो गयी। जवाब में भारतीय पेस गेंदबाजी की तिकड़ी भुवनेश्वर, उमेश और शमी से सभी को काफी उम्मीदें थी। श्रीलंका की शुरुआत अच्छी रही और उनका स्कोर 200/4 था। उसके बाद तीनों ही गेंदबाजों ने भारत की वापसी कराई और श्रीलंका की टीम 294 पर ऑलआउट हो गयी।

1983 के बाद पहली बार भारतीय सरजमीं पर पारी के सभी विकेट भारत के तेज गेंदबाजों को मिले। शमी और भुवनेश्वर ने 4-4 विकेट हासिल किए वहीं उमेश यादव को 2 विकेट मिला। 122 रनों से पिछड़ने के बाद भारतीय सलामी बल्लेबाजों ने टीम को अच्छी शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 166 रन जोड़े। उसके बाद मेजबान के विकेट गिरने लगे लेकिन कप्तान विराट कोहली के शानदार शतक की बदौलत भारत ने श्रीलंका के सामने 231 रनों का लक्ष्य रखा।

मैच का ज्यादातर समय बारिश की वजह से बर्बाद हो गया था। ऐसे में अभी सभी को ड्रा की उम्मीद थी लेकिन मैच में काफी ड्रामा बाकी था। अंतिम दिन के अंतिम सत्र में भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी की शानदार गेंदबाजी की वजह से श्रीलंका का स्कोर 75/7 हो गया था, तभी खराब रौशनी की वजह से मैच को रोकना पड़ा और भारत को ड्रा से ही संतोष करना पड़ा।

भुवनेश्वर कुमार ने 4/8 जबकि शमी और उमेश यादव ने मिलाकर 3 विकेट हासिल किए। इस मैच में श्रीलंका के गिरे सभी 17 विकेट भारतीय तेज गेंदबाजों ने हासिल किए और भारत के घरेलू सरजमीं पर यह पहला मौका था जब पूरे मैच में स्पिन गेंदबाजों को एक भी विकेट नहीं मिला।

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