ऐसा माना जाता है कि सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ हैं। उनके नाम सबसे ज्यादा शतक बनाने का रिकॉर्ड, वनडे और टेस्ट में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड दर्ज है। मास्टर ब्लास्टर ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक भी बनाये हैं।
तेंदुलकर अपने पूरे करियर में एक टीम प्लेयर बनकर रहे हैं उन्होंने टीम को सर्वोपरि माना है। लेकिन करियर में कई बार तेंदुलकर टीम से नाखुश भी हुए हैं।
आज हम आपके लिए ऐसी ही एक लिस्ट लाये हैं, जब-जब ये मास्टर बल्लेबाज़ अपनी टीम और उसके निर्णय से नाखुश रहा:
#1 एशिया कप, 1997
1997 का एशिया कप श्रीलंका में हुआ था। तब भारत की कप्तानी की जिम्मेवारी सचिन को सौंपी गयी थी। ऐसा टीम के खराब प्रदर्शन के चलते किया गया था।
राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने कई हैरानी भरे चयन किए थे। जिससे सचिन नाराज होकर बोले, “हमें बी ग्रेड की टीम देकर वे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद करते हैं। उन्होंने ये भी कहा था कि भारतीय कप्तान के पास अपनी मनपसंद टीम चुनने की पॉवर नहीं है। ऐसे में हम अपना बेहतरीन प्रदर्शन कैसे कर सकते हैं। ”
तेंदुलकर उस समय टीम में विनोद काम्बली और बतौर विकेटकीपर नयन मोंगिया को चाहते थे। जिनकी जगह पर अजहरुद्दीन और सबा करीम को चुना गया था। सचिन की टीम फाइनल तक पहुंची थी, जहां वह लंका से हार गयी थी।