5 ऐसे मौक़े जब सचिन तेंदुलकर अपनी ही टीम से नाख़ुश दिखे

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#2 भारत बनाम वेस्टइंडीज, कानपुर-1994
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मनोज प्रभाकर और नयन मोंगिया बल्लेबाज़ी कर रहे थे और भारत वेस्टइंडीज के दिये लक्ष्य 257 रन का पीछा कर रहा था। जीत के लिए टीम को 54 गेंदों में 63 रन चाहिए थे। लेकिन दर्शकों को अगले 9 ओवर में मात्र 19 रन देखने को मिले। मनोज प्रभाकर ने बाद में कहा था कि टीम प्रबन्धन ने मोंगिया से मुझे संदेश भिजवाया था कि हमें विकेट बचाकर खेलना है। उन्होंने उसके बाद 48 गेंदों में से मात्र 11 गेंदे खेली और रन बनाये थे। वहीं मोंगिया ने इस दौरान 21 गेंदों में मात्र 4 रन बनाये थे। इससे पहले वाले मैच में उन्होंने एक अच्छा खासा रनआउट छोड़ दिया था। मोंगिया और प्रभाकर इसी वजह से मैच फिक्सिंग में फंसे थे उन पर यहीं से शक बनने लगा था। सचिन ने मैच फिक्सिंग कांड के इन्वेस्टीगेशन में सीबीआई से कहा था कि वह इस प्रदर्शन से इतने नाखुश थे कि उन्होंने कुछ दिनों तक उन लोगों से बात नहीं की थी।