ग्रेग चैपल का बतौर कोच कार्यकाल विवादों से भरा रहा। उनके विचार सचिन के विचार से काफी अलग थे। उन्होंने सचिन को साल 2007 के विश्वकप में मध्यक्रम में बल्लेबाज़ी के लिए मजबूर किया। जिससे इस बल्लेबाज़ के प्रदर्शन में काफी गिरावट आयी। सचिन तब हैरान रह गये जब इस ऑस्ट्रेलियाई कोच ने विश्वकप से एक महीने पहले सचिन से भारतीय टीम की कप्तानी लेने को कहा और मिलकर लम्बे समय तक भारतीय क्रिकेट पर राज करने की बात कही थी। तेंदुलकर उस वक्त काफी हैरान रह गये थे, जब कोच की निगाह में भारतीय कप्तान के प्रति सम्मान नहीं दिखा था। बाद में सचिन ने इस ऑस्ट्रेलियाई को रिंगमास्टर बताया था जो खिलाड़ियों पर अपनी राय थोपता था। तेंदुलकर ने उस वक्त बीसीसीआई को सुझाव दिया था कि विश्वकप से पहले ग्रेग चैपल को बतौर कोच हटा देना चाहिए।