#3 भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, 2009-10
ये सबसे ताज़ा मिसाल है जब सिर्फ़ सचिन ने ही मुक़ाबला किया हो। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने 349 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया। ये स्कोर साल 2003 के वर्ल्ड कप की याद दिला रहा था जब फ़ाइनल में कंगारुओं ने भारत के लिए ऐसा ही लक्ष्य दिया था और टीम इंडिया इसको पाने में नाकाम रही थी। ज़ाहिर सी बात थी कि ये मैच जीतना टीम इंडिया के लिए आसान नहीं होने वाला था, लेकिन सचिन ने अपनी पारी से इस सोच को बदलने की कोशिश की। सचिन शुरुआत में काफ़ी धीमा खेल रहे थे और अपने करियर के 17,000 रन की तरफ़ बढ़ने लगे, जब उन्होंने ये आंकड़ा छू लिया तो वो अपने करियर की एक बेहतरीन पारी की तरफ बढ़े। सचिन के सामने कंगारू गेंदबाज़ ख़ुद को लाचार महसूस करने लगे। अपनी पारी के दौरान सचिन ने ये कोशिश की कि जीत के लिए ज़रूरी रन रेट 8 तक न पहुंचे। ऑस्ट्रेलिया जैसी मज़बूत टीम के ख़िलाफ़ ऐसा कर पाना अपने आप में बड़ी बात थी। सचिन ने इस मैच में 175 रन की शानदार पारी खेली, ये सिर्फ़ इसलिए बेहतरीन पारी नहीं थी कि सचिन के रन ज़्यादा थे, बल्कि इतने दबाव में ऐसा खेल पाना वाकई कमाल की बात थी। जब सचिन आउट हुए तो टीम इंडिया को जीत के लिए महज़ 17 गेंदों में 19 रन की ज़रूरत थी जो आसान सा लक्ष्य लग रहा था। सचिन के अलावा सिर्फ़ एक बल्लेबाज़ ने 50 रन का आंकड़ा पार किया था। सचिन ने अपना बेस्ट दिया फिर भी टीम इंडिया 3 रन से हार गई।