1889 में इंग्लैंड ने न्यूलैंड्स में दक्षिण अफ्रीका को दोनों पारियों में 47 और 43 रनों पर किया आउट
यह पहला मौका था जब दक्षिण अफ्रीका ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच खेला था। न्यूलैंड्स में श्रृंखला के दूसरे टेस्ट ने, एक अनुभवहीन टीम और एक विश्वस्तरीय टीम में गहरे अंतर को उजागर किया था। इस टेस्ट में इंग्लिश टीम ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 292 रनों का अच्छा स्कोर बनाया, लेकिन जवाब में दक्षिण अफ्रीकी टीम 47 ओवरों में सिर्फ 47 रन बनाकर पैवेलियन वापिस लौट गयी। उस समय के बाएं हाथ के बेहतरीन स्पिनर जॉन ब्रिग्स ने 19 .1 ओवर गेंदबाज़ी करते हुए केवल 17 रन दिए और 7 खिलाडियों को पैवेलियन वापिस भेजा। इसके बाद इंग्लैंड ने मेजबान टीम को फॉलो-ऑन पर मजबूर कर दिया और मेजबानों को पारी की हार से बचने के लिए कम से कम 245 रन बनाने की जरूरत थी। हालांकि, दूसरी पारी शुरू होने के बाद यह इंग्लैंड के गेंदबाज़ों को ज़्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी। जॉन ब्रिग्स ने फिर से चतुराई से गेंदबाज़ी करते हुए लगभग पूरी टीम को ही ढेर कर दिया था। उन्होंने दूसरी पारी में 14.2 ओवरों के अपने स्पेल में 8 विकेट अपने नाम किये और दक्षिण अफ्रीका की पूरी टीम को 28.2 ओवर में 43 रनों पर आल आउट करने में अहम भूमिका निभाई। इन 10 विकेटो में एक खिलाडी रन आउट हुआ था, जबकि बाकी बल्लेबाजों को गेंदबाजों ने पैवेलियन का रास्ता दिखाया। शायद यह दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों की अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में अनुभवहीनता और तकनीकी कमज़ोरियों का ही परिणाम था कि इंग्लिश टीम ने यह मैच एक पारी और 202 रन से जीता।