5 टेस्ट जब 2 बल्लेबाज़ों ने एक ही पारी में दोहरा शतक लगाया

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किसी क्रिकेटर के लिए अलग-अलग फ़ॉर्मेट के हिसाब से ख़ुद के खेल के तरीके को बदलना सबसे मुश्किल होता है। वनडे का खेल टेस्ट क्रिकेट से बिलकुल अलग होता, दोनों ही प्रारूप में अलग तरह की चुनौती होती है। टेस्ट क्रिकेट में समझदारी, एकाग्रता और संयम की बहुत ज़रूरत होती है।

टेस्ट में बल्लेबाज़ों को रक्षात्मक ढंग से गेंद को खेलना होता है, उन्हें हर बॉल पर शॉट नहीं लगाना होता है। यहां सिर्फ़ हुनर से काम नहीं चलता, बल्लेबाज़ी के लिए सही सोच भी बेहद ज़रूरी है। यहां हम उन 5 मैचों के बारे में बात करेंगे जब दो बल्लेबाज़ों नें एक ही पारी में दोहरा शतक लगाया था।


#5 महेला जयवर्धने (240) और थिलन समरवीरा (231)

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महेला जयवर्धने श्रीलंकाई क्रिकेट इतिहास के महानतम बल्लेबाज़ रहे हैं, अगर श्रीलंकाई टीम ने कई ऊंचाइयों को छुआ है तो इसमें जयवर्धने का बहुत ही बड़ा योगदान है। जयवर्धने श्रीलंका के पूर्व कप्तान भी रहे हैं और उन्हें कई मैच अपने दम पर जिताए हैं। वहीं थिलन समरवीरा ने वनडे में तो उतना नाम नहीं कमाया, लेकिन टेस्ट में वो ख़ासे कामयाब रहे। उन्हें श्रीलंकाई मिडिल ऑर्डर मे रीढ़ की तरह थे। उन्होंने मध्य क्रम में कई सालों तक अपनी ज़िम्मेदारी बख़ूबी निभाई है और कई मौकों पर टीम को मुश्किल से निकाला है।

ये मैच श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच कराची में खेला गया था, मेहमान टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया। श्रीलंका ने पहली पारी में 644 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया। इस दौरान महेला जयवर्धने ने 240 रन और थिलन समरवीरा ने 231 रन बनाए। दोनों ही शतकवीरों ने चौथे विकेट के लिए 437 रन की साझेदारी की थी। हांलाकि इसके जवाब में पाकिस्तान के यूनिस ख़ान ने तिहरा शतक लगाया और अपनी टीम का स्कोर 765 रन पर पहुंचा दिया। ये मैच अंत में ड्रॉ रहा।

#4 रिकी पोंटिंग (221) और माइकल क्लार्क (210)

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रिकी पोंटिंग और माइकल क्लार्क को कंगारू टीम के महानतम बल्लेबाज़ों में गिना जाता है। दोनों ने अपने प्रदर्शन से ऑस्ट्रेलिया को कई मैचों में जीत दिलाई है। दोनों ने एक टेस्ट मैच की एक ही पारी में दोहरा शतक लगाया है था। साल 2012 में टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर 4 मैचों की टेस्ट सीरीज़ खेलने गई थी। पहले तीन मैच में मेज़बान टीम ने भारत पर 3-0 की अपराजेय बढ़त हासिल कर ली थी। आख़िरी टेस्ट मैच एडिलेड में खेला गया। यहां ऑस्ट्रेलिया ने पहले 3 विकेट महज़ 84 रन पर गिर गए थे। इसके बाद रिकी पोंटिंग और माइकल क्लार्क ने मिलकर चौथे विकेट के लिए 386 रन जोड़े। क्लार्क ने 210 रन और पोंटिंग ने 221 रन की पारी खेली। कंगारू टीम ने ये मैच जीत लिया और भारत की 0-4 से सीरीज़ में हार हुई।

#3 गौतम गंभीर (206) और वीवीएस लक्ष्मण (200*)

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साल 2008 में ऑस्ट्रेलियाई टीम 4 मैचों की टेस्ट सीरीज़ खेलने भारत के दौरे पर आई थी। पहला टेस्ट ड्रॉ रहा था और दूसरे टेस्ट में भारत ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। तीसरा मैच दिल्ली में खेला जाना था। यहां पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारत के सहवाग औऱ द्रविड़ ने अपना विकेट जल्द गंवा दिया। सचिन ने 68 रन बनाए और वो भी आउट हो गए। इसके बाद गौतम गंभीर और वीवीएस लक्ष्मण ने चौथे विकेट के लिए 278 रन की साझेदारी की। गौतम ने 206 रन बनाए और वीवीएस लक्ष्मण ने नाबाद रहते हुए 200 रन की पारी खेली। इस तरह भारत ने 613-7 पर अपनी पारी घोषित कर दी। ये मैच आख़िरकार ड्रॉ रहा। भारत ने सीरीज़ में 1-0 की बढ़त बरकरार रखी। वीवीएस लक्ष्मण ने दोहरे शतक के अलावा दूसरी पारी में अर्धशतक लगाया था, इसी प्रदर्शन की बदौलत उन्हें 'मैन ऑफ़ द मैच' के अवॉर्ड से नवाज़ा गया।

#2 ग्रीम स्मिथ (232) और नील मैकेंज़ी (226)

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इस बात में कोई शक नहीं कि दक्षिण अफ़्रीका के ग्रीम स्मिथ दुनिया के महानतम टेस्ट कप्तान रहे हैं। उन्होंने सबसे ज़्यादा टेस्ट मैच में कप्तानी करने का का रिकॉर्ड बनाया है। उनके नेतृत्व में प्रोटियास टीम ने काफ़ी कामयाबी हासिल की थी। स्मिथ को साल 2003 में दक्षिण अफ़्रीका का कप्तान बनाया गया था। वहीं नील मैकेंज़ी ने 58 टेस्ट मैच में शिरकत की है और 37.39 की औसत से 3253 रन बनाए हैं।

साल 2008 में दक्षिण अफ़्रीका और बांग्लादेश के बीच 2 मैचों की टेस्ट सीरीज़ खेली गई थी। पहला मैच प्रोटियाज़ टीम ने जीत लिया था, दूसरे टेस्ट में दक्षिण अफ़्रीका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी शुरू की। नील मैकेंज़ी और ग्रीम स्मिथ ने पहले विकेट के लिए 415 रन की रिकॉर्ड साझेदारी की। मैकेंज़ी ने 226 रन बनाए और स्मिथ ने 232 रन की पारी खेली। स्मिथ की टीम ने मैच और सीरीज़ दोनों ही अपने नाम किए थे।

#1 महेला जयवर्धने (374) और कुमार संगाकारा (287)

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महेला जयवर्धने और कुमार संगाकारा ने मिलकर क़रीब एक दशक तक श्रीलंकाई टीम को बल्लेबाज़ी में मज़बूती दी है। जब इन दोनों का बल्ला चलता था तो विपक्षी टीम के गेंदबाज़ इनके सामने टिक नहीं पाते थे। इन दोनों खिलाड़ियों ने विश्व क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ी है वो सदियों तक याद की जाएगी। महेला और संगाकारा के संन्यास लेने के बाद श्रीलंकाई टीम आज तक इन दोनों का विकल्प नहीं खोज पाई है।

साल 2006 में दक्षिण अफ़्रीकी टीम 2 मैचों की टेस्ट सीरीज़ खेलने श्रीलंका के दौरे पर गई थी। पहला टेस्ट मैच कोलंबो में खेला गया, यहां प्रोटयाज़ टीम पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 169 रन पर सिमट गई। इसके जवाब में श्रीलंकाई टीम ने ज़बरदस्त बल्लेबाज़ी की, महेला जयवर्धने और कुमार संगाकारा ने तीसरे विकेट के लिए रिकॉर्ड 624 रन की साझेदारी की। संगाकारा ने 287 रन बनाए, वहीं जयवर्धने ने शानदार 374 रन की पारी खेली। मेज़बान श्रीलंका ने ये मैच जीत लिया था।

लेखक- कौशिक तुरलापति

अनुवादक- शारिक़ुल होदा