5 ऐसे मौके जब महान कप्तानों के करियर का दुखद अंत हुआ

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किसी दूसरे खेल के मुकाबले क्रिकेट में कप्तान का महत्व काफी ज्यादा बढ़ जाता है। किसी भी क्रिकेटर के करियर का सबसे मुश्किल काम कप्तानी ही होती है। क्रिकेट ने दुनिया के अलग-अलग कोनों के महान कप्तानों को देखा है। जिन्होंने अपनी लीडरशिप स्किल्स से काफी वाहवाही लूटी है। क्रिकेट में कप्तान दो धारी तलवार की तरह होती है। कई बार महान कप्तानों का भी अंत कुछ ऐसा होता है, जिसके बारे में कुछ सोच भी नहीं सकता। भारत के मौजूदा कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी इसी तरह के हालात से गुजर रहे हैं। कुछ सालों से विदेशों में टेस्ट मैचों में बेकार प्रदर्शन की वजह से उन्हें टेस्ट मैचों को अलविदा कहना पड़ा था। 2015 वर्ल्ड कप के बाद से भारत की वनडे परफॉर्मेंस में काफी गिरावट आई है जो कि चिंता का विषय है। हाल ही में खत्म हुई सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के हाथों भारत को 1-4 से हार का सामना करना पड़ा था। जिससे कप्तान महेंद्र सिंह दोनी की कप्तानी पर सवाल उठने लगा है। इससे साफ लगता है कि धोनी की कप्तानी के सुनहरे दिन क्लाइमैक्स की तरह आ रहे हैं। ऐसे ही 5 कप्तानों पर नजर डालते हैं जिनके साथ ऐसा हुआ है।

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#5 एंड्रयू स्ट्रॉस

इंग्लैंड के अच्छे कप्तानों में शुमार एंड्रयू स्ट्रॉस ने माइकल वॉन के काम को आगे बढ़ाया। जब एंड्रयू स्ट्रॉस को कप्तानी मिली तब टीम के हालात कुछ अच्छे नहीं थे। एंड्रयू स्ट्रॉस की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है 2009 की एशेज जीत और 2011 में भारत के खिलाफ 4-0 से वाइटवऑश। एंड्रयू स्ट्रॉस वनडे मैचों में इतने कामयाब नहीं रहे। एंड्रयू स्ट्रॉस का 27-33 का जीत हार का अनुपात रहा। एंड्रयू स्ट्रॉस इंग्लैंड के टेस्ट इतिहास में सबसे 2 दूसरे सबसे कामयाब कप्तान है। उनके नाम 50 मैचों में 24 जीत दर्ज है। 2012 में साउथ अफ्रीका के हाथों घर में 2-0 से मिली हार की वजह से उनकी कप्तानी का दुखद अंत हुआ।

#4 ग्रैम स्मिथ

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ग्रैम स्मिथ ने सबसे ज्यादा टेस्ट मैचों में कप्तानी की है। उन्हें साउथ अफ्रीका का सबसे महान कप्तान माना जाता है।108 टेस्ट मैचों में कप्तानी करने वाले स्मिथ ने 53 मैचों मे जीत दिलाई और वो अफ्रीकी टीम को नई ऊंचाईयों पर लेकर गए। वनडे मैचों में स्मिथ ने 149 मैचों में कप्तानी कर 92 में जीत दर्ज की। साउथ अफ्रीकी कप्तान के लिए अंत काफी दुखद रहा।उनकी कप्तानी में टीम को आखिरी वनडे और टेस्ट सीरीज में हार का सामना करना पड़ा था। ग्रैम स्मिथ की आखिरी सीरीज में प्रोटियाज को ऑस्ट्रेलिया के हाथों 2-1 से हार का सामना करना पडा था।

#3 माइकल वॉन

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इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन को 2005 में एशेज सीरीज में मिली जीत के लिए याद किया जाता है। इसके अलावा भी उन्होंने कप्तान के तौर पर काफी कुछ हासिल किया। उनके नाम इंग्लैंड के सबसे महान कप्तान का रिकॉर्ड दर्ज है।51 टेस्ट मैचों में 26 मैचों में उन्होंने जीत दर्ज की। माइकल वॉन ने 60 वनडे मैचों में कप्तानी कर टीम को 32 वनडे मैचों में जीत दिलाई। दुर्भाग्यवश 2007 वर्ल्ड कप में टीम के निराशाजनक प्रदर्शन और साउथ अफ्रीका के हाथों मिली हार के बाद उनकी क्प्तानी का दुखद अंत हुआ।

#2 रिकी पॉन्टिंग

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ऑस्ट्रेलिया के सबसे महान बल्लेबाजों में से एक रिकी पॉन्टिंग को सबसे महान कप्तान भी माना जाता है। पॉन्टिंग ने 77 टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी की और 48 मैचों में जीत जबकि सिर्फ 16 मैचों में हार का सामना करना पडा। उनकी महान कप्तानी में लगातार 16 टेस्ट की जीत, एशेज में वाइटवॉश और 2003, 2007 की वर्ल्ड कप जीत शामिल है। समय के साथ धीरे-धीरे उनकी कप्तानी और बल्लेबाजी की चमक फीकी होती चली गई। रिकी पॉन्टिंग की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार भारत को इंग्लैंड के हाथों हार का सामना करना पडा था। ऑस्ट्रेलियाई टीम को नई ऊंचाईंयों पर ले जाने वाले कप्तान के करियर का ये काफी कठिन मोड था। हालांकि उन्होंने अपनी कप्तानी पारी का अंत जीत के साथ किया।

#1 सौरव गांगुली

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सौरव गांगुली को उस खिलाड़ी के रूप में याद किया जाएगा जिसने भारतीय क्रिकेट में क्रांति ला दी थी। सौरव गांगुली ने भारतीय टीम को विदेशों में जीतना सिखाया था। सौरव गांगुली की कप्तानी में भारतीय खिलाड़ियों ने काफी कुछ हासिल किया। जिसका सपना वो हमेशा से देखते थे। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट जीत, आईसीसी टूर्नामेंट्स के फाइनल में जगह बनाना और हार में जीतने बदलना सौरव गांगुली को बखूबी आता था। गांगुली ने अपने कप्तानी में काफी शानदार पल देखे थे। ग्रैग चैपल के टीम के कोच बनने के बाद चीजें काफी बदल गई थी। भारतीय टीम को वनडे में काफी बुरे दौर से गुजरना पड रहा था, सौरव गांगुली की बल्लेबाजी फॉर्म भी उनका साथ नहीं दे रही थी। कोच के साथ मतभेद और खराब फॉर्म की वजह से उन्हें कप्तानी से हाथ धोना पडा था और उन्हें टीम से भी निकाल दिया गया था। हालांकि बंगाल टाइगर के नाम से मशहूर दादा ने कमबैक किया। और क्रिकेट को अलविदा कहा। लेखक-अभिनव मैसी, अनुवादक- विजय शर्मा

Edited by Staff Editor
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