‘कैच से मैच जीतते हैं’, यह लाइन क्रिकेट में एक लंबे अरसे से इस्तेमाल हो रही है। ग्लेन मैक्सवेल का वो कैच कौन भूल सकता है, जिससे उन्होंने हाल ही में लियम प्लुंकेट को आउट किया था। हालांकि इससे भी नतीजा ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में नहीं आया था, पर हमने काफी ऐसे शानदार मौके देखे जिनसे आप मैच जीत सकते है। जब कोई फील्डर कैच छोड़ता है, तो बल्लेबाज अंत में चाहता है की वो मैच जीत जाए। इतिहास में ऐसे काफी मौके आए जब बल्लेबाज ने विरोधी टीमों को कैच छोड़ने पर काफी कड़ी सजा दी है। आज हम नजर डालते है ऐसे ही 5 मौकों पर:
5. ग्राहम गूच से इमरान खान का कैच
1992 के विश्व कप में, आमिर सोहेल के 20 रन पर जल्दी आउट हो जाने के बाद इमरान खान मैदान पर आए। एक कप्तान के रूप में उनसे टीम को आगे ले जाने की और बड़ा स्कोर बनाने की आशा थी और उन्होंने टीम को निराश नहीं किया। उन्होंने कठिन मौके पर 72 रन की पारी खेली जो फ़ाइनल में सबसे बड़ी पारी रही। पाकिस्तान की बल्लेबाजी की शुरूआत धीमी रही, उन्होंने 20 ओवर्स में 2 विकेट पर 56 रन बनाए थे। एक गेंद को ऑफ-साइड पर फ्लिक करने में इमरान के बल्ले का किनारा लगा। गूच ने गेंद को कैच करने के प्रयास किया पर कामयाब नहीं हुये। इसके बाद इमरान ने जावेद मियांदाद के साथ 139 रन की साझेदारी की और पाकिस्तान को 249 के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। उसके बाद पाकिस्तान ने वसीम अकरम के शानदार स्पेल के बाद फ़ाइनल 22 रन से जीता और इंग्लिश टीम की विश्व कप जीतने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
4. क्रिस वोक्स से एरोन फिंच का कैच
विश्व कप 2015 के पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 111 रनों से हराया और उस जीत का अहम हिस्सा था एरोन फिंच का शानदार शतक। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी की और जेम्स एंडरसन ने इंग्लैंड की गेंदबाजी की शुरूआत की। पहले ही ओवर में फिंच ने एक गेंद को लेग साइड में फ्लिक करते हुये क्रिस वोक्स को एक आसान कैच दिया। पर वोक्स ने एक ऐसा कैच गिरा दिया, जो वो 10 में से 9 बार ले लेते थे। फिंच ने तब तक अपना खाता नहीं खोला था, इंग्लैंड को इस कैच को छोड़ने के लिए अच्छी कीमत चुकनी पड़ी, क्योंकि फिंच ने शानदार शतक बनाया। वो ड्रॉप कैच इंग्लैंड को 135 रनों का पड़ा। यह ड्रॉप कैच इंग्लैंड को कभी ना भूलने वाला विश्व कप दे गया। वो टूर्नामेंट के पहले ही स्टेज में बांग्लादेश से हारने के बाद बाहर हो गए।
3. दिलहारा फर्नांडो से एडम गिलक्रिस्ट का कैच
2007 विश्व कप का फ़ाइनल बारिश के कारण 38 ओवर का कर दिया गया था। जब ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाजी करने आई, तब सलामी जोड़ी से काफी आशाएँ थी खास तौर पर गिलक्रिस्ट, जिससे उन्होंने बिल्कुल निराश नहीं किया। उन्होंने दूसरे ही ओवर में चमिंडा वास को चौका और छक्का लगा कर अपने इरादे ज़ाहिर कर दिये थे। जब वो 31 रन पर थे, दिलहारा फर्नांडो अपने ही ओवर में एक कैच छोड़ दिया और गिलक्रिस्ट को एक जीवन दान दिया, उसके ठीक बाद की तीन गेंदों पर उन्होंने चौका, चौका और छक्का जड़ दिया। गिलक्रिस्ट ने उस मौके का पूरा फायदा उठाया और 149 रनों की एक शानदार पारी खेल अपनी टीम की लगातार तीसरी विश्व कप जीत को पक्का किया। उन्होंने 1999 से 2007 तक हर विश्व कप के फ़ाइनल में अर्धशतक बनाया है।
2. रॉस एडवर्ड्स से क्लाइव लॉयड का कैच
पहले क्रिकेट विश्व कप में वेस्टइंडीज ने अपने 3 विकेट 50 रनों पर गंवा दिये थे तब कप्तान क्लाइव लॉयड बल्लेबाजी करने आए। उनकी टीम मुश्किल हालात में थी और उसे उनकी तरफ एक महत्वपूर्ण योगदान की आवश्यकता थी। क्रीज़ पर टिकने के बाद जब लॉयड 26 रनों पर बल्लेबाजी कर रहे थे डेनिस लिली के गेंद पर उन्होंने मिड-विकेट पर एक खराब शॉट खेला। वहाँ पर रॉस एडवर्ड्स ने उनका कैच छोड़ा और लॉयड ने उसके बाद एक शानदार विश्व कप शतक बनाया। उन्होंने 85 गेंदों पर 102 रन बनाए और कैरेबियन टीम को 60 ओवर्स में 291 रनों तक पहुंचाया। यह पारी बाद में मैच जीताने वाली साबित हुई, ऑस्ट्रेलिया यह मैच और वर्ल्ड कप 17 रनों से हार गया। ऑस्ट्रेलिया के प्रसंशक अभी भी सोचते हैं कि अगर एडवर्ड्स ने कैच लिया होता तो नतीजा कुछ ओर हो सकता था।
1. थिसारा परेरा से रोहित शर्मा का कैच
रोहित शर्मा की 264 रनों की पारी काफी शानदार है, इस पारी में थिसारा परेरा का भी योगदान रहा है। भारतीय पारी के पांचवें ओवर में, रोहित ने शमीन्डा इरंगा को ऑफ-साइड पर शॉट लगाने की कोशिश की। पर बल्ले का बाहरी किनारा लगा और गेंद थर्ड मैन की तरफ गई। गेंद काफी ऊंचाई पर गई पर परेरा गेंद से आगे निकाल गए और वापस आने के चक्कर में अपना संतुलन खो दिया। रोहित ने श्रीलंका के द्वारा दिये गए इस मौके का पूरा फायदा उठाया और एकदिवसीय क्रिकेट का सबसे बड़ा स्कोर बना दिया। रोहित शर्मा ने परेरा द्वारा जीवनदान मिलने के बाद 260 रन ओर बनाए। यह एकदिवसीय का सबसे कीमती ड्रॉप कैच है। उस कैच और रोहित के दोहरे शतक ने श्रीलंका को एक बार फिर भारत में सीरीज हारा दी। भारतीय टीम ने श्रीलंका को हर मौके पर पीछे छोड़ा। लेखक: आयुष, अनुवादक: आदित्य शर्मा