5 ऐसे मौके जब भारतीय टीम वनडे में करीबी अंतर से हारी है

क्रिकेट में जबतक आखिरी गेंद न फेंक दी जाये तबतक आप परिणाम की घोषणा नहीं कर सकते हैं। वनडे में हाल ही में ईडन गार्डन में भारत और इंग्लैंड के बीच हुए मुकाबले में ऐसा ही देखने को मिला है। भारत इंग्लैंड के दिए 321 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहा था। आखिरी ओवर में जीत के लिए टीम इंडिया को 16 रन बनाने थे। क्रीज पर केदार जाधव थे। सामने गेंदबाज़ क्रिस वोक्स थे। पहली गेंद पर छक्का और दूसरी पर चौका जड़ने के बाद आखिरी 4 गेंदों पर भारत को जीत के लिए 6 रन बनाने थे। क्रिस वोक्स ने दो गेंदें डॉट फेंक दी। जिसके बाद समीकरण बदल गया। उसके बाद जाधव ने शॉट तो बड़ा ही खेला लेकिन वह सीमा रेखा पर पकड़ लिए गये। अब आखिरी गेंद पर 6 रन और स्ट्राइक पर थे भुवनेश्वर कुमार जो गेंद और बल्ले का कांटेक्ट ही नहीं करवा पाए और भारत ये मुकाबला 5 रन से हार गया। सीरिज भारत ने 2-1 से जीती लेकिन इंग्लैंड ने इस मुकाबले को जीतकर अपनी लाज बचा ली। आइये आज हम आपको ऐसे ही 5 मुकाबलों के बारे में बता रहे हैं, जिसमें भारत बहुत मामूली अंतर से हारा है: 17 अगस्त 1997: कोलम्बो में भारत 2 रन से श्रीलंका से हारा था ये मैच भारतीयों के लिए दिल तोड़ने वाला था। टॉस जीतकर फील्डिंग करने उतरी भारतीय टीम के खिलाफ श्रीलंका ने बेहतरीन शुरुआत की। जयसूर्या और अट्टापट्टू ने पहले विकेट के लिए 91 रन बनाये थे। जयसूर्या के आउट होने के बाद अट्टापट्टू ने शतकीय पारी खेली इस दौरान रोशन महानामा ने उनका पूरा साथ दिया था। उसके बाद अरविन्द डीसिल्वा और अर्जुन रणतुंगा ने श्रीलंका को 302 रन तक पहुंचा दिया। भारतीय टीम शुरू से ही परेशानी में रही और 64 रन पर 4 विकेट आउट हो गये थे। मोहम्मद अजहरुद्दीन और अजय जडेजा ने शतकीय पारी खेलते हुए भारतीय पारी को उबारने का काम किया। दोनों ने मिलकर 223 रन की साझेदारी निभाई। हालांकि ये पर्याप्त नहीं था और भारतीय टीम 2 रन से मुकाबला हार गयी। 9 अक्टूबर 1987: चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 1 रन से हराया था 1987 वर्ल्डकप के ग्रुप ए के मुकाबले में भारत का मुकाबला ऑस्ट्रेलिया हुआ था। भारत ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग चुनी। लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने 270 का स्कोर बना लिया था। ज्योफ मार्श ने 141 गेंदों में 110 रन की पारी खेली थी, जबकि डेविड बून ने 49 रन बनाये थे। जवाब में क्रिस श्रीकांत और नवजोत सिंह सिद्धू की 70 रन की पारी खेलकर भारतीय टीम दबाव में बिखर गयी। भारत ने 62 रन बनाने में 7 विकेट गवां दिए थे। मैकडर्मोट 56 रन देकर 4 विकेट लिए थे। इस मैच भारत को भारत 1 रन से हार गया था। 1 मार्च 1992: ब्रिसबेन में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 1 रन से हराया था एक बार फिर वर्ल्डकप में भारतीय टीम बेहद नजदीकी मुकाबले में हार गयी थी। इस बार ऑस्ट्रेलिया ने गाबा स्टेडियम की स्किड होते पिच पर 237 रन ही बना पाया था। इस मैच में डीन जोन्स ने 108 गेंदों में 90 रन की पारी खेली थी। इस मैच में मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 93 रन की पारी खेली थी। लेकिन बाकी बल्लेबाज़ बुरी तरह से असफल रहे थे। बारी की वजह से भारत को इस मैच में 47 ओवर में 236 रन बनाने थे। इस मैच में संजय मांजरेकर ने 47 रन की पारी खेली थी। आखिरी ओवर में भारतीय टीम को जीत के लिए 13 रन बनाने थे। लेकिन टीम एक रन से हार गयी थी। 20 मई 2006: किंग्स्टन में वेस्टइंडीज ने भारत को 1 रन से हराया था वेस्टइंडीज के साथ वनडे सीरिज में भारतीय टीम ने इस मैच में टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करते हुए परिस्थितियों का बढ़िया तरीके से इस्तेमाल करते हुए विंडीज के शीर्ष क्रम को झकझोरते दिया था। रामनरेश सरवन ने इस मैच में नाबाद 98 रन की पारी खेली थी। जिससे विंडीज ने 50 ओवर में 198 रन बना लिए थे। इरफ़ान पठान और अजित अगरकर ने 5 विकेट लिए थे। हालांकि जवाब में भारतीय टीम का हाल भी सेम ही रहा। दोनों सलामी बल्लेबाज़ शुरू में ही आउट हो गये थे। जिससे मध्यक्रम पर दबाव आ गया था। युवराज ने 93 रन की पारी खेलते तकरीबन भारत की मैच जिता दिया था। लेकिन ब्रावो ने मैच के आखिरी ओवर की चौथी गेंद पर उन्हें आउट कर दिया। जिससे विंडीज ने इस मैच को 1 रन से जीत लिया। 18 अप्रैल 1986: शारजाह में पाकिस्तान ने भारत को 1 विकेट से हराया था एशिया कप में भारत और पाकिस्तान का मुकाबला लोकप्रिय शारजाह क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में चल रहा था। पाकिस्तान ने टॉस जीतकर भारत को बल्लेबाज़ी के लिए आमंत्रित किया। क्रिस श्रीकांत (75) और सुनील गावस्कर (92) रन की बदौलत भारत ने बढ़िया शुरुआत की थी। दिलीप वेंगसकर ने इस मैच में अर्धशतकीय पारी खेली थी। लेकिन टीम इन पारियों का लाभ नहीं उठा पायी। भारत ने इस मैच में 245 रन का लक्ष्य खड़ा किया। जिसके जवाब में पाक के भी 61 रन पर 3 विकेट गिर गये थे। लेकिन जावेद मियांदाद ने शतकीय पारी खेली और मैच अंतिम ओवर में पहुँच गया। पाकिस्तान को आखिरी गेंद पर 4 रन बनाने थे। क्रिकेट इतिहास का ये सबसे नाटकीय मैच साबित हुआ। जहां मियांदाद ने इतिहास रचते हुए चेतन शर्मा की गेंद पर छक्का मारा और पाक इस मैच को एक विकेट से जीत गया।

Edited by Staff Editor
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