5 मौके जब सचिन ने बेहतरीन गेंदबाजी से सबको हैरान कर दिया

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मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को उनकी बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है लेकिन कई मौकों पर उन्होंने उम्दा गेंदबाजी से भारतीय टीम को जीत दिलाई। हालांकि इसके लिए दिग्गज ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज डेनिस लिली की भी तारीफ बनती है। दरअसल, 1987 में जब सचिन एमआरएफ पेस फाउंडेशन में ट्रेनिंग के लिए गए तब उनके मन में एक तेज गेंदबाज बनने की लालसा थी। लिली ने उनके इस सपने को तोड़ दिया और उन्हें गेंदबाजी से ज्यादा अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देने के लिए कहा। इसके बाद जो हुआ वो दुनिया के सामने है। हालांकि इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि सचिन ने अपनी गुगली से कई मैचों में भारत को जीत दिलाई है।

आज उनके कुछ दमदार गेंदबाजी प्रदर्शन को भी याद करते हैं...

#पाकिस्तान के खिलाफ पहला वनडे (कोच्ची, 2005)- 5/50

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2005 में पाकिस्तान के खिलाफ यह मैच कोच्ची में खेला जा रहा था। 6 मैचों की एकदिवसीय शृंखला के पहले मैच में भारत ने 50 ओवर में 281 रन का स्कोर खड़ा किया। इसमें वीरेंदर सहवाग और राहुल द्रविड़ का शतकीय योगदान महत्वपूर्ण था। हालांकि इस मैच में सचिन बल्ले से कोई कमाल नहीं दिखा पाए थे। जब पाकिस्तानी बल्लेबाज लक्ष्य का पीछा करने उतरे तब सचिन ने गेंद से उन्हें ढेर करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने पाकिस्तान के मध्यक्रम को बिखेर दिया। सचिन ने इस दौरान इंजमाम-उल-हक, मोहम्मद हफीज, अब्दुल रज्जाक, शाहिद अफरीदी औऱ मोहम्मद सामी को पवेलियन भेजा। भारत ने उनके इस प्रदर्शन से 87 रन की बेहतरीन जीत दर्ज की।

#पेप्सी त्रिकोणीय शृंखला 1998 (कोच्ची)- 5/32

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सचिन तेंदुलकर अपनी गुगली के लिए काफी मशहूर थे। कोच्ची के नेहरू स्टेडियम में सचिन ने एक बार फिर अपनी उम्दा गेंदबाजी का नमूना पेश किया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में सचिन ने 5 विकेट चटकाए और कंगारुओं को निस्तनाबूत कर दिया। उनके इस प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच भी चुना गया। तेंदुलकर ने इस बार भी ऑस्ट्रेलिया के मध्यक्रम को तोड़ा। उन्होंने टॉम मूडी और लेमैन जैसे दिग्गजों को पवेलियन की राह दिखाई। इस मैच में भारत ने 41 रन से जीत दर्ज की थी।

#विल्स ट्रॉफी, 1992, बनाम वेस्ट इंडीज (शारजाह)- 4/34

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भारत और वेस्टइंडीज का यह मैच कुल मिलाकर एकतरफा ही कहा जाएगा। वेस्टइंडीज पहले बल्लेबाजी करते हुए 46.2 ओवर में 145 रन पर सिमट गया। इस मैच में तेंदुलकर ने पहले ही गेंदबाजी से भारत की जीत सुनिश्चित कर दी। उन्होंने 34 रन खर्च कर चार बल्लेबाजों को आउट किया। तेंदुलकर ने मैच का 40 फीसदी हिस्सा अपने नाम किया। बल्लेबाजी में वह महज 11 रन बना पाए लेकिन अंत तक जमे रहे और जीत के साथ नाबाद मैदान से लौटे। इस मैच में भी उन्हें मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया।

#भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, दूसरा टेस्ट (कोलकाता, 2001) 3/31

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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कोलकाता के ईडन गार्डंस मैदान पर खेला गया यह टेस्ट मैच रोमांच से भरपूर था। पहले चार दिन ऑस्ट्रेलिया भारत पर हावी रहा और अंत में भारत मेहमान टीम पर। कंगारुओं ने पहली पारी में 445 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया। इसके बाद भारत 171 रन पर ढेर हो गया। उसे फॉलोअन खेलना पड़ा। इसके बाद वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ की मदद से भारत ने ऑस्ट्रेलिया के सामने पांचवे दिन 376 रन का लक्ष्य रखा। पहले हरभजन सिंह ने शानदार गेंदबाजी कर उनके छह बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा। हालांकि मैथ्यू हेडन अभी भी क्रीज पर टिके थे। सचिन ने इसके बाद जिम्मेदारी संभाली और हेडन को पवेलियन भेजा। इसके बाद उन्होंने गिलक्रिस्ट और शेन वार्न का विकेट भी लिया। उन्होंने 11 ओवर में 31 रन देकर तीन विकेट अपनी झोली में डाले।

#हीरो कप सेमीफाइनल, बनाम दक्षिण अफ्रीका (कोलकाता, 1993)

फोटो साभार: रॉयटर्स
फोटो साभार: रॉयटर्स

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया हीरो कप का यह मुकाबला रोमांच से भरा था। अंत समय तक यह तय कर पाना मुश्किल था कि जीत किसके पाले में है। दक्षिण अफ्रीका को इस मैच में जीत के लिए अंतिम ओवर में 6 रन चाहिए थे। कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन यह तय नहीं कर पा रहे थे कि किसे गेंदबाजी दी जाए। तनाव का आलम यह था कि कोच दिलीप वेंगसरकर ने 12वें खिलाड़ी के साथ पानी और सुझाव भेजा। कप्तान ने अंत में गेंद सचिन को दी। उन्होंने भी विश्वास नहीं तोड़ा और मैच को भारत के पाले में मोड़ दिया। उन्होंने भारत को दो रन से शानदार जीत दिलाई।

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