5 मौके जब वीरेंदर सहवाग ने बेहतरीन गेंदबाजी से सबको चौंकाया 

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वीरेंदर सहवाग को क्रिकेट जगत में विस्फोटक बल्लेबाज के तौर पर जाना जाता है। उनकी रन बनाने की गति के कारण ही उन्हें भारत का रन मशीन भी कहा जाने लगा था। लेकिन क्या आपको पता है कि उन्होंने बल्ले के अलावा गेंद से भी कई बार भारत को जीत दिलाई है। पार्ट टाइम गेंदबाज के रूप में वे बिलकुल सटीक बैठते थे। एक समय ऐसा भी था जब मूल गेंदबाजों को विकेट नहीं मिलती तो सहवाग या मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को गेंदबाजी पर लगाया जाता। 20 अक्टूबर को सहवाग 40 साल के हो जाएंगे। इस मौके पर सहवाग की कुछ यादगार गेंदबाजी -

# भारत बनाम बांग्लादेश (एशिया कप 2010), 4/6

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यह उस दौर की बात है जब भारत की कमान महेंद्र सिंह धोनी के हाथों में थी। वे नए प्रयोग के लिए मशहूर थे। 2010 एशिया कप के दूसरे मैच में शाकिब-अल-हसन ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। मैच के 30वें ओवर में बांग्लादेश की टीम 155 रन पर अपने पांच विकेट गंवा चुकी थी। इसके बाद धोनी ने सहवाग को आक्रमण पर लगाया। यह धोनी का मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ और सहवाग ने महज 6 रन खर्च कर बांग्लादेश के चार बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा। बांग्लादेश की टीम 167 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। यह सहवाग का एकदिवसीय मैचों का सबसे उम्दा प्रदर्शन है।

#भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया (पहला वनडे, बेंगलुरु), 3/59

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बैंगलोर के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला गया यह मैच भारत ने 60 से जीता था। इस मैच में सहवाग ने बल्ले के साथ गेंद से भी कमाल का प्रदर्शन किया था। 2000-01 सत्र में हुए इस मैच में सहवाग को छठे स्थान पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया था। उन्होंने 54 गेंद में 58 रन बनाए। भारत ने इस मैच में 315 रन का स्कोर बनाया और आस्ट्रेलिया की टीम ने 316 रन के लक्ष्य को पाने के लिए मैथ्यू हेडन और मार्क वॉ को उतारा। वॉ इस मैच में जल्दी आउट हुए लेकिन हेडन दीवार की तरह जमे हुए थे। इसके बाद सहवाग को आक्रमण पर लगाया गया और उन्होंने हेडन को 99 रन के निजी स्कोर पर पवेलियन भेजा। इसके बाद उन्होंने स्टीव वॉ और मार्टिन को पवेलियन भेज कर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई। उन्हें मैन ऑफ द मैच भी चुना गया।

#2002-03 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी (पहला सेमीफाइनल, भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका), 3/25

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चैंपियंस ट्रॉफी के इस अहम मुकाबले में वीरेंदर सहवाग ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया। सहवाग को तब तक सलामी बल्लेबाज की जिम्मेदारी मिल चुकी थी। उन्होंने पारी की शुरुआत करते हुए शानदार 59 रन बनाए। इस मैच में भारत ने 261 रन बनाए थे। 262 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका की टीम को सहवाग ने तीन झटके भी दिए। उन्होंने जैक कैलिस, मार्क बाउचर और लांस क्लूजनर जैसे दिग्गज बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई और भारत की जीत सुनिश्चत की। इस मैच में भी उन्हें मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया।

#भारत बनाम वेस्टइंडीज (2006, भारत का वेस्टइंडीज दौरा), 2/32 और 2/39

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2006 के मध्य तक वीरेंदर सहवाग खुद को पार्ट टाइम गेंदबाज से नियमित कामचलाऊ गेंदबाज साबित कर चुके थे। इस सीरीज ने सहवाग को एक स्थापित स्पिनर के तौर पर अलग पहचान दिलाई। इस टेस्ट मैच में शानदार प्रदर्शन करते हुए सहवाग ने पहली पारी में 32 रन देकर दो विकेट झटके। इसमें चंद्रपॉल जैसे दिग्गज बल्लेबाज का विकेट भी शामिल है। दूसरी पारी में भी उन्होंने कमाल की गेंदबाजी की और दो विकेट अपनी झोली में डाले।

#भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया (तीसरा टेस्ट, दिल्ली, 2008), 5 विकेट/ 104 रन

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वीरेंदर सहवाग ने इस मैच में ऑस्ट्रेलिया को गेंद से काफी परेशान किया। घरेलू मैदान पर हाई स्कोरिंग मैच में भारत ने सात विकेट पर 713 रन बनाकर पारी घोषित की। इस मैच में चार मूल गेंदबाज कुछ खास नहीं कर पा रहे थे जिसके कारण अनिल कुंबले ने सहवाग को गेंद थमाई। इसके बाद सहवाग ने जो किया वो उनके करियर का इतिहास बन गया। उन्होंने 104 रन खर्च कर पांच विकेट अपनी झोली में डाले। यह पहला और अंतिम मौका था जब उन्होंने किसी टेस्ट मैच की एक पारी में पांच विकेट चटकाए। उन्होंने इस मैच में मैथ्यू हेडन, माइकल हसी, रिकी पोंटिंग, शेन वॉटसन और कैमरन वाइट को पवेलियन भेजा।

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