18 जून 2016: हरारे स्पोर्ट्स क्लब, हरारे। यहाँ पर तीन टी20 मैच श्रृंखला का पहला मैच हुआ। हाल ही में भारत ने जिस तरह से ODI श्रृंखला में प्रदर्शन किया उससे सभी को उम्मीद थी कि यहाँ पर भी एक तरफा मुकाबला देखने मिलेगा। लेकिन ज़िम्बाब्वे के इरादे कुछ और थे, उन्हें जीतना था। ये रहे ऐसे 5 मौके जब ज़िम्बाम्बे ने सामनेवाली टीम को हरा कर उलटफेर किया: #5 ज़िम्बाम्बे बनाम भारत, हरारे, 18 जून 2016 इस मजेदार मैच में मेजबान ज़िम्बाब्वे ने भारत को 2 रनों से हराया। मैच जीत कर नेविल मदरीज़ ने स्टंप उखाड़ और अपने चाहनेवालों के पास जाकर जश्न मनाना लगे। ख़राब ODI सीरीज के बाद ज़िम्बाब्वे का ऐसा प्रदर्शन अच्छा था। टॉस जीतकर धोनी ने पहले गेंदबाज़ी का फैसला किया। हैमिल्टन मसाकाजा ने 15 गेंदों में 25 रनों की तूफानी पारी खेली। सिकंदर राजा और मैल्कम वालर ने मिलकर 47 रनों की साझेदारी की। लेकिन एल्टन चिगुंबुरा की 26 गेंदों में 54 रनों की पारी ने उनकी टीम को 170 के पास ले गयी। गेंदबाजी करते हुए ज़िम्बाब्वे की शुरुआत अच्छी हुई और उन्होंने पहले ही जबद पर राहुल को चलता किया। उनके साथी मंदीप सिंह ने 31 रन और मनीष पाण्डेय ने 48 रन बनाने। अक्सर पटेल ने भी 18 रन बनाए। लगभग भारत का काम हो चुका था, क्योंकि उन्हें आखरी ओवर में 9 रन की ज़रूरत थी। नेविल मद्ज़िवा को आखरी ओवर सौंपी गयी, जिन्होंने कमाल की गेंदबाज़ी की और केवल 5 रन दिए। #4 बांग्लादेश बनाम ज़िम्बाब्वे, ढाका 15 नवंबर 2015 नेविल मद्ज़िवा यहाँ पर बल्ले से हीरो बने। सीरीज का पहला मैच हारने के बाद ज़िम्बाब्वे को यहाँ जीत की ज़रूरत थी। बांग्लादेश की टीम 135-9 के स्कोर पर संघर्ष कर रही थी। केवल अनामुल हक 47 गेंदों में 51 रन बनाए। ज़िम्बाब्वे की गेंदबाज़ी के सामने बांग्लादेश के आखरी छह बल्लेबाजों ने केवल एक ही आंकड़ेमें रन बनाए। ज़िम्बाम्बे के तिनाशे पन्यांगर ने तीन विकेट लिये। बांग्लादेश की टीम पूरी तरह लड़खड़ाने लगी। मैल्कम वालर ने मध्य में 40 रनों की अहम पारी खेली, जिसमे तीन छक्के भी शामिल है। जब टीम को 18 रनों की ज़रूरत थी तब मैल्कम वालर आउट हुए। लेकिन फिर नेविल मद्ज़िवा ने चार गेंदों पर 6,2,4 और 6 के साथ टीम को जीत दिला दी। #3 ज़िम्बाब्वे बनाम भारत, हरारे, 19 जुलाई 2015 यहाँ पर ज़िम्बाब्वे ने पहली बार भारत के खिलाफ जीत दर्ज की। आज के करीब 11 महीने पहले। चामु चिभाभा की 67 रनों की पारी के मदद से ज़िम्बाम्बे ने 145 रन बनाये। कोई और बल्लेबाज़ टिक कर बल्लेबाजी नहीं कर पाया। लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत अच्छी हुई और ओपनर रोबिन उथप्पा अच्छा खेल रहे थे। लेकिन जब टीम 56-1 थी तब लगातार भारत के 3 महत्वपूर्ण विकेट गिरे। स्पिनर ग्रीम क्रेमर, ज़िम्बाब्वे के स्टार रहे उन्होंने 4 ओवर में 18 रन देकर 3 विकेट लिये। तोरई मुज़रबनि की ओवर में केवल 6 रन गए और ज़िम्बाब्वे ने मैच को 10 रन से अपने नाम किया। #2 वेस्टइंडीज बनाम ज़िम्बाब्वे, पोर्ट ऑफ़ स्पेन, 28 फ़रवरी 2010 ज़िम्बाब्वे और वेस्टइंडीज के बीच एक ही टी20 मैच खेला गया और ज़िम्बाम्बे ने उसे जीत लिया। बात 6 साल पहले की है। पोर्ट ऑफ़ स्पेन स्पिनर्स के अनुकूल विकेट साबित हुई और यहाँ पर कम स्कोर बने। पहले बल्लेबाजी करते हुए ज़िम्बाम्बे की ओर से हैमिल्टन मसाकाजा ने 44 रन बनाये, लेकिन उनके किसी भी टीम के खिलाडी ने उनका साथ नहीं दिया। ऐसा लगा की टीम सौ रन के पहले ही सिमट जाएगी, लेकिन एल्टन चिगुंबुरा की 34 रनों के पारी की मदद से टीम 105 तक पहुँच सकी। इस स्कोर को वेस्टइंडीज की टीम आसानी से हासिल कर सकती थी, लेकिन उन्होंने बहुत गड़बड़ कर दी। चंद्रपौल ने शुरू में संघर्ष किया, लेकिन उनकी मदद किसी ने नहीं की, लेकिन आखरी ने दिनेश रामदीन से उन्हें मदद मिली। ज़िम्बाब्वे के स्पिनर्स पूरी तरह से हावी रहे और इसलिए वेस्टइंडीज की टीम 20 ओवर में 79-7 रन ही बना पाई। #1 ज़िम्बाब्वे बनाम ऑस्ट्रेलिया, केप टाउन, 12 सितम्बर 2007 2007 में शुरू हुए पहले टी20 विश्व कप में कई कहानियां लिखी गयी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया पर ज़िम्बाब्वे की जीत सबसे आगे रही। लिस्ट में बाकि मैचों में ज़िम्बाब्वे को पहले बल्लेबाज़ी करते हुए जीत मिली, तजो वहीँ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यहाँ पर टीम ने लक्ष्य का पीछा किया। एल्टन चिगुंबुरा ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर पूरी तरह हावी थे। लेकिन एंड्रयू साइमंड्स और ब्रैड हॉज की मदद से टीम 138 तक पहुँच पाई। ऑस्ट्रेलिया के पास मजबूत गेंदबाज़ी थी और विश्व कप में 138 रनों ने उन्हें मजबूती दे दी। ज़िम्बाम्बे के ब्रेंडन टेलर स्टार रहे, उन्होंने 45 गेंदों में 60 रनों की नाबाद पारी खेली। पहले संभल कर खेलते हुए उन्होंने बाद में बड़े शॉट्स लगाए। आखरी ओवर में जब 12 रनों की ज़रूरत थी, तब टेलर ने नाथन ब्रेकन की पहली गेंद पर चौका जड़कर दबाब कम किया। फिर उनकी गेंद टेलर की गेंद का किनारा लेते हुए बाउंड्री पार चली गयी और ज़िम्बाब्वे ने एक गेंद शेष रहते मैच अपने नाम किया। लेखक: कौशल राज, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी