अंडर-19 के 5 ऐसे सितारे जो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में छाप नहीं छोड़ पाए

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अंडर-19 क्रिकेट को बेहतरीन क्रिकेटरों को जन्म देने वाली जननी माना जाता है। बीते वर्षों में बहुत से ऐसे क्रिकेटर हुए जिन्होंने अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में खूब नाम कमाया है। उदाहरण के तौर पर विराट कोहली, क्रिस गेल, युवराज सिंह और एलिस्टर कुक जैसे खिलाड़ियों ने अंडर 19 के प्रदर्शन के दम पर टीम में जगह बनाते हुए लम्बा करियर बनाया। हालांकि क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसी भी खिलाड़ी हुए हैं, जिनकी कहानी थोड़ी जुदा है। अंडर 19 के दिनों में इन खिलाड़ियों को भविष्य का महान खिलाड़ी बताया जा रहा था। लेकिन ये खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बुरी तरह से असफल साबित हुए। उनका प्रदर्शन वैसा नहीं रहा जिसकी उम्मीद थी। यहां हम आपको ऐसे ही 5 अंडर-19 सितारों के बारे में बता रहे हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छाप छोड़ने में क़ामयाब नहीं हो पाए: #5 वेन पार्नेल(दक्षिण अफ्रीका) दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज़ वेन पार्नेल ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 2009 में डेब्यू किया था। उन्होंने तब से अभी तक 4 टेस्ट, 51 वनडे और 35 टी-20 मैच खेले हैं। बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज़ ने वनडे में 70 और टी-20 में 38 विकेट लिए हैं। हालांकि वह अपने करियर को सही दिशा में नहीं ले जा सके। साल 2008 में अंडर-19 वर्ल्डकप में वेन पार्नेल ने शानदार प्रदर्शन किया था और दक्षिण अफ्रीका के लिए उन्होंने सबसे ज्यादा विकेट लिए थे। उन्होंने 7 मैचों में 18 विकेट लिए थे। जहां उन्होंने 3.04 की शानदार इकॉनमी से एक मैच मेंं 6 और 8 विकेट हासिल किए। #4 हामिश बेनेट(न्यूज़ीलैंड) bennett-1467110080-800 हामिश बेनेट ने साल 2010 में डेब्यू किया था तब से अबतक उन्होंने 14 वनडे मैच खेले हैं। इस दौरान इस कीवी गेंदबाज़ ने 24 की औसत से 23 वनडे विकेट लिए हैं। बेनेट ने साल 2006 के अंडर-19 वर्ल्डकप में बेहतरीन गेंदबाज़ बनकर उभरे थे। जहां उन्होंने 6 मैचों में 3.52 की इकॉनमी रेट से 14 विकेट लिए थे। हालांकि वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में एक बेहतरीन करियर बनाने में असफल रहे। #3 ज़ेवियर डोहर्टी (ऑस्ट्रेलिया) doherty-1467110415-800 बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज़ ज़ेवियर डोहर्टी ने साल 2010 में ऑस्ट्रेलिया के लिए डेब्यू किया था। जहां उन्होंने 4 टेस्ट, 60 वनडे और 11 टी-20 मैच अभी तक खेले हैं। डोहर्टी का प्रदर्शन अगर देखा जाये तो वह बहुत अच्छा नहीं कहा जाएगा। साथ ही अब उनकी उम्र 33 साल की हो चुकी है। जिससे उनकी वापसी भी मुश्किल है। साल 2002 में ज़ेवियर डोहर्टी ने अंडर-19 वर्ल्डकप में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। 7 मैचों में डोहर्टी ने 16 विकेट लिए थे। जहां उनका इकॉनमी 3 का और बेस्ट गेंदबाज़ी रही थी 15 रन देकर 4 विकेट। #2 कैमरन वाइट cameron-1467111050-800 अपने 9 साल के अंतर्राष्ट्रीय करियर में कैमरन वाइट ऑस्ट्रेलियाई टीम से अंदर बाहर होते रहे हैं। इस दौरान उन्होंने वनडे में 88 और 47 टी-20 मैच खेले हैं। लेकिन लोगों का मानना है कि वाइट ने अपनी प्रतिभा से न्याय नहीं किया है। विक्टोरिया के इस क्रिकेटर ने वनडे में 2000 और टी-20 में 984 रन बनाये हैं। अंडर-19 क्रिकेटर के तौर पर वाइट ने 2002 वर्ल्डकप में सबसे ज्यादा रन बनाये थे। 8 पारियों में उनके बल्ले से आए थे 423 रन। जहां उनका स्ट्राइक रेट 98 और औसत 70.50 का था। #1 अम्बाती रायडू rayudu-1467111184-800 अम्बाती रायडू की प्रतिभा बहुत ही पहले सबके सामने आ गयी थी। लेकिन रायडू ने अभी तक भारत के लिए 34 वनडे और 6 टी-20 मैच ही खेले हैं। जबकि उनके नाम 50 ओवर के प्रारूप में 1000 से ज्यादा रन हैं। उनका औसत भी 50 का रहा है। लेकिन उनका करियर उस ऊंचाई तक नहीं पहुँच पाया। जैसा लोगों को उम्मीद थी। किशोरावस्था में ऐसा माना जा रहा था कि रायडू सचिन तेंदुलकर सरीखे खिलाडी बनकर उभर सकते हैं। उन्होंने जब इंग्लैंड के खिलाफ अंडर-19 वनडे सीरीज से अपना करियर शुरू किया, तो भारत विजेता बना था। उसके दो साल बाद साल 2004 में रायडू ने अंडर-19 वर्ल्डकप के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली टीम की कप्तानी भी की थी। हालाँकि रायडू का बागी लीग आईसीएल में जाने से उनका अंतर्राष्ट्रीय करियर बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ। लेखक: अभिनव मेसी, अनुवादक: जितेंद्र तिवारी

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