साल 2012 में अंतिम बार इंग्लैंड ने भारत को हराया था। मोंटी पनेसर और ग्रेम स्वान ने 37 विकेट लिए थे। लेकिन सामान्य तौर पर ये माना गया है कि भारतीय पिचों पर टीम इंडिया को स्पिन के जाल में उलझाना आसान नहीं है। लेकिन ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ताओं ने ग्लेन मैक्सवेल को मिलाकर 5 स्पिनरों को टीम में शामिल किया है। वास्तव में साल 2008 और 2013 में भी ऑस्ट्रेलिया की टीम स्पिन गेंदबाज़ थे उन्होंने विकेट के एवज में काफी रन लुटा दिया था। जेसन क्रेजा ने नागपुर में 2008 डेब्यू करते हुए 358 रन देकर 12 विकेट लिए थे। इसके लावा साल 2013 में मौजूदा ऑस्ट्रेलियाई टीम के स्पिन गेंदबाज़ नाथन लियोन शामिल थे। लेकिन उनका औसत भी तीन टेस्ट में 40 का था। शेन वार्न ने साल 2007 में क्रिकेट को अलविदा कहा, उसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने दर्जनों स्पिनरों को अजमाया। लेकिन कोई भी उपमहाद्वीप में सफल नहीं हुआ। ऐसे में इस बार स्पिनरों की सफलता पर सवालिया निशान लगा हुआ है।