2016/17 रणजी ट्रॉफी का ये सीजन काफी रोमांचक होता जा रहा है, जिसमें शीर्ष पर पहुंचने की होड़ में कई टीमों में मुकाबला जारी है। अब तक इस सीजन में, कई गेंदबाजों और बल्लेबाजों का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला है। रणजी ट्रॉफी में इस वर्ष टॉप खिलाड़ी में जहां कई अनुभवी खिलाड़ियों ने जगह बनाई है वहीं कई युवा प्रतिभा भी इस रेस में शामिल हैं। साथ ही, ऐसे भी कई खिलाड़ी हैं जो घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन करने के बावजूद भी अभी तक भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
सिद्धार्थ कॉल (पंजाब)
पंजाब के तेज गेंदबाज सिद्धार्थ कौल अब तक भारतीय टीम की कैप हासिल करने में बेशक नाकाम रहे हों, लेकिन वो पहले ही एक वर्ल्ड कप विजेता हैं। क्योंकि वो मलेशिया में आयोजित हुए 2008 आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने वाली भरतीय टीम का हिस्सा थे जिसकी कप्तानी मौजूदा भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने की थी। सिद्धार्थ कौल इस साल रणजी ट्रॉफी में बेहतरीन फॉर्म में नजर आ रहे हैं जैसे की उन्होंने अब तक इस सीजन में चार मैचों में 20 विकेट अपने नाम दर्ज कि है जिसमें उनका औसत 23.75 रहा और इस दौरान उन्होंने दो बार पांच विकेट लेने का कारनामा किया है। इस मीडियम पेसर की सर्वश्रेष्ठ पारी बंगाल के खिलाफ देखने को मिली जब उन्होंने 57 रन देकर 6 विकेट झटके, हालांकि उनकी टीम ये मैच 115 रन से हार गई। अंकिल बावने (महाराष्ट्र)
पिछले कुछ समय से अंकित बावने अपने घरेलू टीम के स्टार परफॉर्म के रुप में दिखाई दे रहे हैं और उन्होंने अपने फॉर्स्ट क्लास करियर में काफी रन बनाए हैं। इस वर्ष भी, ये दाएं हाथ का बल्लेबाज बेहतरीन फॉर्म में दिखाई दे रहा है। उनके करियर का सबसे ऐतिहासिक पल दिल्ली के खिलाफ अपने साथी खिलाड़ी स्वप्निल गुगाले के साथ नाबाद 594 रन की पारी थी। इस सीजन में बावने ने अब तक कुल 497 रन बनाए हैं वो भी 82.83 के लाजवाब औसत से जिसमें एक दोहरा शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 258 रन रहा है, जो उनके करियर का भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, ये पारी उन्होंने गुगाले से साथ बनाए रिकॉर्ड ब्रेकिंग स्टैंड के दौरान बनाई थी। डी. शिवा कुमार (आंध्र प्रदेश) डी. शिवा कुमार आंध्र प्रदेश के एक तेज गेंदबाज हैं जो रणजी ट्रॉफी के इस सीजन में टॉप विकेट टेकर की लिस्ट में शुमार हैं। शिवा कुमार का अब तक का फॉर्स्ट क्लास करियर काफी अच्छा रहा है, अब तक वो 40 मैचों में 130 विकेट अपने खाते में जोड़ चुके हैं जिसमें उनकी औसत 18 रही और उनकी गेंदबाजी का सर्वश्रेष्ठ आंकड़ा 7/30 है। 26 वर्षीय ये खिलाड़ी अपनी बेहतीन फॉर्म को दर्शा चुका है और रणजी ट्रॉफी के इस सीजन में अब तक खेले गए 4 मुताबलों में कुल 20 विकेट झटकने में कामयाब रहा जिसमें उनका औसत 14.20 रहा। डी. शिवा कुमार की शीर्ष प्रदर्शन 9/96 है जो इस वर्ष देखने को मिला और इस मैच उनकी टीम ने मुम्बई के वानखेड़े स्टेडियम में हरियाणा के खिलाफ 77 रन से जीत दर्ज की थी। ऋषभ पंत (दिल्ली)
ऋषभ पंत के करियर के ये शायद शुरुआती दिन हैं, लेकिन 19 वर्षीय ये खिलाड़ी पहले ही अपनी धुआंधार बल्लेबाजी से भारतीय क्रिकेट में सुर्खियां बटौर चुका है। आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप में जौहर दिखाने और इस साल आईपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद, पंत भारत के प्रमुख प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट में पूरी तरह सेट दिखाई दे रहे हैं। दिल्ली के बाएं हाथ के खिलाड़ी ने रणजी ट्रॉफी में इस साल 109.40 की उम्दा औसत से ताबड़तोड़ 547 रन बनाए और इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 102.43 रहा। ऋषभ ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन इस सीजन में महाराष्ट्र के खिलाफ किया जिसमें उन्होंने 308 रन की बेहतरीन पारी खेली, ये कारनामा उन्होंने इस सीजन के दूसरे मुकाबले और ओवरऑल चौथे मैच में किया। दीपक हुड्डा (बड़ौदा)
बड़ौदा के ऑलराउंडर और मौजूदा कप्तान दीपक हुड्डा पहली बार 2014 आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप के दौरान सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने इस टूर्नामेंट में 6 मैचों में 235 रन बनाकर भारत के सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी का तमगा हासिल किया। 2015 आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हुए, उनकी गेंदबाजों पर हावी होने की योग्यता भी देखने को मिली जहां उन्होंने 160 के स्ट्राइक रेट से धुएंधार बल्लेबाजी करते हुए रन बनाए। हालांकि, रणजी ट्रॉफी के मौजूदा सीजन में हर कोई उन्हें रन मशीन की तरह देख रहा है क्योंकि दीपक हुड्डा ने मजह चार पारियों में 278.50 के भारी औसत से 557 रन बनाए। बड़ौदा के इस धाकड़ बल्लेबाज के नाम तीन शतक दर्ज हैं और उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पंजाब के खिलाफ खेले आखिरी मुकाबले में देखने को मिली जहां उन्होंने नाबाद 293 रन की विशाल पारी खेलकर अपनी बेहतरीन फॉर्म का प्रमाण दिया।