वर्तमान में भारतीय अंडर-19 टीम के कोच राहुल द्रविड़ हैं। द्रविड़ युवा टैलेंट को निखारने के लिए जाने जाते हैं। उनका मानना है कि युवा खिलाड़ियों को केवल अंडर-19 तक ही नहीं सीमित रहना चाहिए बल्कि सीनियर टीम में खेलने के लिए उनको लगातार प्रयास करते रहना चाहिए। बहुत से खिलाड़ी ऐसे हुए हैं जिन्होंने ना केवल-19 क्रिकेट में बल्कि सीनियर टीम में भी खूब नाम कमाया है। वहीं वर्ल्ड क्रिकेट में कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे हैं जिन्होंने पहले अंडर-19 टीम की कप्तानी की फिर सीनियर टीम की भी कप्तानी काफी अच्छे से की। आइए जानते हैं उन्हीं 5 खिलाड़ियों के बारे जिन्होंने अंडर-19 के साथ सीनियर टीम की भी कप्तानी की। 5. मुशफिकुर रहीम विकेटकीपर बल्लेबाज मुशफिकुर रहीम ने साल 2006 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में बांग्लादेशी टीम की कप्तानी की थी। उन्होंने टीम को सुपर लीग क्वार्टरफाइनल तक पहुंचाया था। वो दुनिया के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्होंने अंडर-19 वर्ल्ड कप खेलने से पहले सीनियर टीम में भी खेला। रहीम ने 2005 में इंग्लैंड के खिलाफ अपना अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू किया था। साल 2009 में उन्हें बांग्लादेश की टीम का उपकप्तान बनाया गया और सितंबर 2011 में उन्हें फुल टाइम कप्तानी सौंप दी गई। उन्हें शाकिब-अल-हसन की जगह टीम का कप्तान बनाया गया। रहीम की कप्तानी में बांग्लादेश की टीम ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया। उन्ही की कप्तानी में टीम बांग्लादेश में हुए एशिया कप में फाइनल तक पहुंची। रहीम टेस्ट क्रिकेट में बांग्लादेश की तरफ से दोहरा शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी हैं। श्रीलंका के खिलाफ गाल टेस्ट में उन्होंने ये कारनामा किया। साल 2013 में रहीम ने टीम की कप्तानी छोड़ दी। हालांकि कुछ दिनों बाद उन्होंने कहा कि उन्हें कप्तानी छोड़ने का दुख है और उनकी इच्छा है कि वो आगे भी कप्तान बने रहें। बाद में बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने उनके इस्तीफे को लेकर एक इन्क्वायरी भी करवाई। 4. केन विलियमसन न्यूजीलैंड टीम के वर्तमान कप्तान केन विलियमसन ने 2008 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में कीवी टीम की कप्तानी की थी। उनकी कप्तानी में टीम टूर्नामेंट के सेमीफाइनल तक पहुंची। हालांकि सेमीफाइनल में कीवी टीम को भारत के हाथों हार का सामना करना पड़ा। इसके 2 साल बाद उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया और शुरुआत से ही दिखा दिया कि उनके अंदर क्रिकेट की कितनी समझ है। वहीं विलियमसन कमाल के बल्लेबाज भी हैं। नियमित कप्तान ब्रेंडन मैकलम की अनुपस्थिति में विलियमसन ने कीवी टीम की कमान काफी अच्छे से संभाली। मैकलम ने जब अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया तब विलियमसन को टीम की कमान सौंप दी गई। विलियमसन ने अपनी कप्तानी में कीवी टीम को काफी कम समय में बुलंदियों तक पहुंचाया। इस समय न्यूजीलैंड की टीम आईसीसी रैकिंग में शीर्ष 3 में है। 3. ओइन मॉर्गन उन चुनिंदा कप्तानों में से एक जिन्होंने अंडर-19 लेवल पर 2 अलग-अलग की टीमों की कप्तानी की। इंग्लैंड की टीम वर्ल्ड क्रिकेट में इस समय जिस मुकाम पर है उसका काफी कुछ श्रेय ओइन मॉर्गन को भी जाता है। मॉर्गन ने सीमित ओवरों में टीम की दशा और दिशा ही बदल दी। मॉर्गन ने ऑयरलैंड की तरफ से 2 अंडर-19 विश्व कप खेला। 2004 और 2006 का अंडर-19 वर्ल्ड कप उन्होंने आयरलैंड की तरफ से खेला। इसके बाद के वर्ल्ड कप में वो टीम के कप्तान भी थे। उस वर्ल्ड कप में आयरलैंड की तरफ से वो सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। 2007 के वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल तक का सफर तय करने वाली आयरलैंड की टीम का भी वो हिस्सा थे। लेकिन बाएं हाथ का ये बल्लेबाज हमेशा से ही इंग्लैंड के लिए खेलना चाहता था। मॉर्गन की दिली ख्वाहिश थी कि वो टेस्ट क्रिकेट खेलें इसीलिए वो इंग्लिश टीम की तरफ से खेलना चाहते थे। हालांकि इंग्लैंड की टेस्ट टीम में वो नियमित रुप से जगह नहीं बना सके। लेकिन वनडे क्रिकेट में उन्होंने काफी अच्छी बल्लेबाजी की। एलिस्टेयर कुक की कप्तानी में इंग्लिश टीम के खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें साल 2014 में इंग्लैंड की वनडे और टी-20 टीम का कप्तान बना दिया गया। हालांकि कप्तानी मिलने के कुछ ही दिनों बाद उन्हें तब तगड़ा झटका लगा जब इंग्लैंड की टीम 2015 के वर्ल्ड कप में ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई। लेकिन उस निराशानजक प्रदर्शन को भुलाते हुए मॉर्गन ने टीम में नया जोश भरा। धीरे-धीरे इंग्लैंड की टीम सीमित ओवरों के खेल में काफी आगे निकल गई। यही वजह रही कि साल 2016 में भारत में हुए टी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लिश टीम फाइनल तक पहुंची। अब जून में होने वाले आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी वो टीम का नेतृत्व करेंगे। ये टूर्नामेंट इंग्लैंड में ही होना है ऐसे में उम्मीद है कि इंग्लिश टीम अच्छा प्रदर्शन करेगी। 2. ब्रायन चार्ल्स लारा दिग्गज बल्लेबाज ब्रायन चार्ल्स लारा ने अपना पहला अंडर-19 वर्ल्ड कप 1988 में खेला था। उन्होंने उस वर्ल्ड कप में टीम की कप्तानी की थी और कैरिबियाई टीम को सेमीफाइनल तक पहुंचाया था। वहीं सीनियर टीम की तरफ से खेलते हुए लारा ने 1998 और 2003 के वर्ल्ड कप में टीम की कप्तानी की। हालांकि 2005 में कुछ समय के लिए उनसे कप्तानी छिन गई थी, लेकिन 2006 में एक बार फिर से वो टीम के कप्तान बनाए गए। इसके बाद 2007 वर्ल्ड कप तक उन्होंने टीम की कप्तानी की। 2007 वर्ल्ड कप के बाद लारा ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। कप्तान के तौर साल 2004 में लारा अपने शीर्ष पर रहे। साल 2004 में उनकी कप्तानी में वेस्टइंडीज की टीम ने इंग्लैंड को हराकर चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता। 25 साल बाद वेस्टइंडीज टीम का ये पहला ICC टाइटल था।1.विराट कोहली विराट कोहली इस वक्त दुनिया के सबसे बड़े बल्लेबाजों में से एक हैं। शायद ही उन जैसा कोई बल्लेबाज आज की क्रिकेट में हो। इस समय वो तीनों फॉर्मेट में भारतीय टीम के कप्तानी हैं। वहीं साल 2008 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में उन्होंने भारतीय अंडर-19 टीम की कप्तानी की थी। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने साल 2008 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता। लेकिन उस वक्त किसको पता था कि ये लड़का अगले 9 सालों में वर्ल्ड क्रिकेट का नया स्टार बनने वाला है। धीरे-धीरे कोहली अपनी बल्लेबाजी से सफलता के पायदान पर चढ़ते गए और आज वो तीनों फॉर्मेट में भारतीय टीम के कप्तान हैं। एक चीज जो कोहली के बारे में खास है वो ये कि अंडर-19 टीम की कप्तानी करने से पहले वो हर एक स्तर पर टीम की कप्तानी कर चुके थे। इससे पता चलता है कि लीडरशिप उनके अंदर बचपन से ही कूट-कूटकर भरी हुई थी। 2008 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जिताने के बाद कोहली ने नेशनल टीम में जगह बना ली। धीरे-धीरे अपने खेल से उन्होंने सबको प्रभावित कर लिया। 2012 में उन्हें टीम का उपकप्तान बनाया गया और नियमित कप्तान एम एस धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उन्हें टेस्ट टीम की कमान सौंप दी गई। साल 2017 में जब धोनी ने वनडे और टी-20 की भी कप्तानी छोड़ दी तो फिर कोहली को तीनों प्रारुप में भारतीय टीम का कप्तान बना दिया गया। लेखक-शंकर नारायण अनुवादक-सावन गुप्ता