उन चुनिंदा कप्तानों में से एक जिन्होंने अंडर-19 लेवल पर 2 अलग-अलग की टीमों की कप्तानी की। इंग्लैंड की टीम वर्ल्ड क्रिकेट में इस समय जिस मुकाम पर है उसका काफी कुछ श्रेय ओइन मॉर्गन को भी जाता है। मॉर्गन ने सीमित ओवरों में टीम की दशा और दिशा ही बदल दी। मॉर्गन ने ऑयरलैंड की तरफ से 2 अंडर-19 विश्व कप खेला। 2004 और 2006 का अंडर-19 वर्ल्ड कप उन्होंने आयरलैंड की तरफ से खेला। इसके बाद के वर्ल्ड कप में वो टीम के कप्तान भी थे। उस वर्ल्ड कप में आयरलैंड की तरफ से वो सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। 2007 के वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल तक का सफर तय करने वाली आयरलैंड की टीम का भी वो हिस्सा थे। लेकिन बाएं हाथ का ये बल्लेबाज हमेशा से ही इंग्लैंड के लिए खेलना चाहता था। मॉर्गन की दिली ख्वाहिश थी कि वो टेस्ट क्रिकेट खेलें इसीलिए वो इंग्लिश टीम की तरफ से खेलना चाहते थे। हालांकि इंग्लैंड की टेस्ट टीम में वो नियमित रुप से जगह नहीं बना सके। लेकिन वनडे क्रिकेट में उन्होंने काफी अच्छी बल्लेबाजी की। एलिस्टेयर कुक की कप्तानी में इंग्लिश टीम के खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें साल 2014 में इंग्लैंड की वनडे और टी-20 टीम का कप्तान बना दिया गया। हालांकि कप्तानी मिलने के कुछ ही दिनों बाद उन्हें तब तगड़ा झटका लगा जब इंग्लैंड की टीम 2015 के वर्ल्ड कप में ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई। लेकिन उस निराशानजक प्रदर्शन को भुलाते हुए मॉर्गन ने टीम में नया जोश भरा। धीरे-धीरे इंग्लैंड की टीम सीमित ओवरों के खेल में काफी आगे निकल गई। यही वजह रही कि साल 2016 में भारत में हुए टी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लिश टीम फाइनल तक पहुंची। अब जून में होने वाले आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी वो टीम का नेतृत्व करेंगे। ये टूर्नामेंट इंग्लैंड में ही होना है ऐसे में उम्मीद है कि इंग्लिश टीम अच्छा प्रदर्शन करेगी।