1975 के बाद 1982-83 में पहली बार एशेज हारने के बाद इंग्लैंड एशेज पर फिर से कब्ज़ा करना चाहता था। ऑस्ट्रेलिया ने लीड्स में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। मेजबान इंग्लैंड ने पहले दिन कुछ ख़राब गेंदबाजी की, जिसके कारण मेहमानों ने टेस्ट मैच पर अपना नियंत्रण करना शुरू कर दिया। वे एक समय 200/2 रन पर पहुंच गए थे, लेकिन इसके बाद इंग्लैंड के गेंदबाजों के सामूहिक प्रयास से ऑस्ट्रेलिया केवल 331 रन ही बना सका। इयान बॉथम ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 3 विकेट लिए। इंग्लैंड की पारी की भी शुरूआत कुछ खास नहीं रही लेकिन मार्क रॉबिन्सन के 175 रन की पारी ने इंग्लैंड को स्थिरता प्रदान की। इसके बाद बॉथम के तेज 51 गेंदों पर 60 रन की बदौलत इंग्लैंड ने 533 रन का एक बड़ा स्कोर खड़ा किया। दूसरी पारी में डरहम के इस ऑलराउंडर ने फिर से 4 विकेट लिए और ऑस्ट्रेलिया की टीम 324 रन पर ही सिमट गई। इसके बाद इंग्लैंड ने 123 रन के लक्ष्य को बहुत आसानी से प्राप्त कर लिया और 1-0 की बढ़त हासिल की। रॉबिन्सन को उनके 175 रन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच से सम्मानित किया गया जबकि बॉथम के हरफनमौला प्रदर्शन को सुर्खियों में जगह नहीं मिली।