ऑस्ट्रेलिया ने लगभग 7 वर्षों से एशेज नहीं जीता था। वे लगातार तीन सीरीज हार चुके थे। 2013/14 में भी उनकी शुरूआत अच्छी नहीं रही और वे पहले टेस्ट के पहले दिन 132/6 के स्कोर पर थे। उन्हें बल्लेबाजी के लिए अच्छी दिख रही पिच पर प्रतिस्पर्धी स्कोर खड़ा करने की जरूरत थी। ब्रैड हैडिन ने इसे पूरा करने का जिम्मा अपने सिर लिया। हैडिन ने 94 रन की आक्रमक पारी खेली और अपने टीम के स्कोर को 295 रन तक ले गए। इसके बाद जॉनसन और हैरिस की जोड़ी ने सिर्फ 136 रन पर इंग्लैंड को ऑलआउट कर दिया। दूसरी पारी में भी हैडिन ने 53 रन बनाए, जिससे ऑस्ट्रेलिया की कुल बढ़त 561 रन की हो गई और कंगारूओं ने यह मैच आसानी से जीत लिया। इस मैच में जॉनसन ने 9 विकेट लिए और उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार भी मिला। वहीं हैडिन की संकटमोचक पारी अखबार की सुर्खियों में दब के रह गई।