महेन्द्र सिंह धोनी की 5 मैच जिताऊ पारियां जिन्हें कम आंका गया

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भारत और श्रीलंका के बीच हुए दूसरे वनडे ने दुनिया को एक बार फिर से महेन्द्र सिंह धोनी की बेहतरीन पारी का गवाह बना जिसके लिए वह जाने जाते हैं यानि मैच फिनिशिंग पारी। पूर्व भारतीय कप्तान के मैच जीताऊ कई उदाहरण हैं, जो सीमित-ओवर प्रारूप में शामिल हैं, जिसने उन्हें 'विश्व में सर्वश्रेष्ठ फिनिशर' का टैग दिलाया है। वो चाहे विश्व कप 2011 में नाबाद 91 रन की पारी हो या फिर एडिलेड में 2012 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ या फिर 2013 पोर्ट ऑफ स्पेन में श्रीलंका के खिलाफ खेली गई पारी हो, धोनी ने अपनी ऐसी कई यादगार पारियों से प्रशंसकों का दिल जीता है। आईये ऐसी ही कुछ कम आंकी गयीं पारियों पर नजर डालते हैं जिनकी वजह से भारत को मिली जीत- #5 नाबाद 46 रन बनाम वेस्टइंडीज- ग्रॉस आइलेट, 2009

चार मैचों की श्रृंखला 1-1 से बराबर करने के बाद दूसरे एकदिवसीय मैच में मिली 8 विकेट की जीत के साथ वेस्टइंडीज आत्मविश्वास के साथ श्रृंखला के तीसरे मैच में पहुंच गए। इस मैच में मेजबान को भारत द्वारा बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया गया और जब चीजें शुरू होने वाली थी, तभी बारिश बाधा बन गई। कुछ देर के बाद मैच शुरू हुआ और 41 ओवर का निर्धारित किया गया। थोड़ी देर बाद बारिश ने फिर मैच रोक दिया और जब शुरू हुआ तो यह 39 ओवर का हो गया। इस रुकावट के बाद आशीष नेहरा ने खतरनाक साबित हो रहे क्रिस गेल को पवेलियन वापस भेज दिया। गेल ने 14 बॉल में 27 रन बना डाले। एक बार फिर से बारिश मैच के बीच बाधा बन गई और मैच को रोकना पड़ा। फिर 27 ओवर के मैच में सरवन के 62 रन की बदौलत वेस्टइंडीज ने 6 विकेट के नुकसान पर 186 रन बना लिये। एक बार फिर बारिश के कारण भारत को 22 ओवर में 159 रन बनाने का लक्ष्य मिला। भारत को उसके ओपनिंग बल्लेबाज दिनेश कार्तिक और गौतम गंभीर ने अच्छी शुरुआत दी। दोनों ने मिलकर पहले विकेट के लिए 12 ओवर में 84 रन जोड़ डाले। कप्तान धोनी जब मैदान पर उतरे तब भारत को सीरीज में 2-1 से बढ़त लेने के लिये 59 बॉल पर 75 रन चाहिए थे। हालांकि धोनी एक छोर को संभाले हुए थे लेकिन दूसरे छोर पर विकेट गिर रहे थे। अब भारत को जीत के लिए 6 बॉल पर 11 रनों का जरूरत थी और युसूफ पठान ने एक रन लेते हुए स्ट्राइक कप्तान को दे दी। अब जीत के लिए 5 बॉल पर 10 रन चाहिए थे। वेस्टइंडीज के गेंदबाज जेरॉम टेलर ने स्लोअर बॉल डाली और कप्तान ने बेझिझक उसे बॉउड्री के बाहर 6 रन के लिए भेज दिया। जीत के लिए भारत को 4 बॉल में 4 रन बनाने रह गये थे। धोनी ने अगली दो बॉल पर क्रमश: दो रन और एक रन लिए और भारत को जीत के लिए 2 बॉल पर 1 रन की जरूरत थी। क्रीज पर मौजूद पठान ने एक रन लेकर भारत को जीत दिला दी। इस जीत के साथ भारत ने श्रृंखला में 2-1 की बढ़त हासिल कर ली और इस श्रृंखला को उतने ही अंतर से जीत लिया। धोनी ने 34 गेंदों में दो चौके और एक छक्के की मदद से नाबाद 46 रन बनाये और मैन ऑफ द मैच रहे। #4 नाबाद 45 रन बनाम वेस्टइंडीज- पर्थ, 2015

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भारत ने विश्वकप 2015 में अपने सफर की शुरुआत पहले तीन मैचों में अपने पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त अरब अमीरात को हराकर की। चौथे मैच में वेस्टइंटडीज के खिलाफ मिली जीत से यह सुनिश्चित होना था कि भारत नॉकआउट दौर में पहुंच जायेगा या नहीं। पहले बल्लेबाजी का फैसला करते हुए वेस्टइंडीज की शुरुआत बेहद खराब रही और एक नियमित अंतराल पर विकेट गिरते गये। 85 रन पर 7 विकेट गिरने के बाद आखिरी तीन विकेट ने 97 रन जोड़े और टीम को 185 का एक लड़ने योग्य स्कोर दिया। जहां वेस्टइंडीज के कप्तान जेसन होल्डर ने सर्वाधिक 57 रन बनाये तो भारत के मोहम्मद शमी ने सबसे ज्यादा 3 विकेट झटके। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरूआत उम्मीद के मुताबिक बेहद खराब रही। पहले दोनों ही ओपनर रोहित शर्मा और शिखर धवन जल्दी आउट हो गये फिर विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे भी पवेलियन चलते बने। कप्तान एमएस धोनी ने मैच को पुनर्जीवित करने की कोशिश की लेकिन उनके प्रयास बेकार हो रहे थे क्योंकि तब तक भारत ने दो और विकेट गंवा दिए थे। जब भारत को 20 ओवर में 52 रन की जरूरत थी तब कप्तान धोनी को आर अश्विन का साथ मिला, यह आखिरी जोड़ी थी जिस पर सबकी नजरे टिकी थीं। अश्विन ने सहायक की भूमिका निभाते हुए कप्तान धोनी के साथ 10 ओवर शेष रहते हुए चार विकेट से भारत को जीत दिला दी। इस जीत के साथ भारत 2015 विश्वकप नॉकआउट राउंड पहुंचने में सफल रहा। धोनी ने 56 गेंदों में नाबाद 45 रन बनाए और अपनी टीम को गर्व का एक और मौका दिया। मोहम्माद शमी को शानदार स्पेल के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया। #3 नाबाद 45 रन बनाम दक्षिण अफ्रीका- डरबन, 2007 (टी 20) dhoni3 यह इकलौती टी20 की पारी है जिसे इस लिस्ट में स्थान दिया गया है। 2007 के पहले टी-20 विश्वप में भारत ने किसी प्रकार दूसरे दौर में पहुंचने में सफलता पायी। लेकिन सुपर 8 स्टेज का अपना पहला ही मैच न्यूज़ीलैड के हाथों हार गया। वहीं युवराज सिंह की ऐतिहासिक 6 छक्कों वाली पारी की बदौलत दूसरे मैच में इंग्लैंड को हरा दिया। भारत को सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए अगला मैच जीतना जरूरी था। पहले बल्लेबाजी का चुनाव करते हुए भारत ने 6 ओवर में 33 रन पर अपने तीन विकेट गंवा दिये थे जिसमें गौतम गंभीर, दिनेश कार्तिक और वीरेन्द्र सहवाग का विकेट शामिल था। रॉबिन उथप्पा और रोहित शर्मा ने मिलकर पारी को संभालने की कोशिश की लेकिन जल्द ही उथप्पा भी अपना विकेट गंवा बैठे। भारत का स्कोर 10.2 ओवर में 61 पर 4 विकेट। कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी रोहित का साथ देने के लिए क्रीज पर आये और दोनों ने पारी को संभाल लिया। लेकिन 10 रन पर बल्लेबाजी करते हुए धोनी आउट होते हुए बचे जब मोर्ने मोर्कल की बॉल समझ नहीं पाये। दोनों ही बल्लेबाजों ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए भारत के स्कोरकार्ड में 8.5 ओवर में 85 रन जोड़ते हुए एक अच्छी स्थिति में ला दिया। जिसमें रोहित ने 40 बॉल पर 50 और धोनी ने 33 बॉल पर चार चौकों और एक छक्के की मदद से 45 रन बनाए। भारत ने स्कोरबोर्ड पर 153 रन टांग दिये लेकिन दक्षिण अफ्रीका की टीम 20 ओवर में 116 रन ही बना की। इस जीत के साथ भारत सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रहा। हालांकि रोहित को मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड मिला लेकिन धोनी का क्रीज पर बने रहना और रन बनाना खेल के संदर्भ में भारत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण था। #2 नाबाद 85 रन बनाम जिम्बाब्वे, ऑकलैंड 2015

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अपने पहले पांच ग्रुप स्टेज मैचों की जीत के बाद, भारत ने हेमिल्टन में जिम्बाब्वे के साथ अंतिम मैच खेला। भारत पहले ही ग्रुप में शीर्ष पर रहकर अगले स्टेज में पहुंच चुका था। लेकिन, एक हार उसे नॉकआउट में पहुंचने से पहले जीत की पटरी से उतार सकती थी। टॉस जीतने के बाद भारत ने जिम्बॉब्वे को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। भारतीय बॉलिंग तिकड़ी यानि मोहम्मद शमी, उमेश यादव और मोहित शर्मा की जोड़ी ने 11 ओवर तक जिम्बॉब्वे के तीन बल्लेबाजों को पवेलियन भेज दिया था। अपने देश के लिए आखिरी मैच खेल रहे कप्तान ब्रेंडन टेलर ने चौथे विकेट के लिए शॉन विलियम्स के साथ 93 रनों की साझेदारी की और क्रेग एर्विन के साथ पांचवें विकेट के लिए 111 रन की साझेदारी की। आखिरकार टेलर 138 रन पर आउट हो गये तब स्कोरबोर्ड में 42 ओवरों पर 235/5 हो गये थे। फिर अंततः जिम्बाब्वे की पारी 287 रन पर समाप्त हो गई। भारतीय शीर्ष क्रम फिर से विफल रहा क्योंकि रोहित शर्मा, शिखर धवन और अजिंक्य रहाणे सस्ते में आउट हो गए। विराट कोहली ने जल्द ही उनके पीछे पवेलियन लौटते बने और भारत को अभी भी 27 ओवर में 196 रन की दरकरार थी। जिसके बाद सुरेश रैना और एमएस धोनी ने आतिशी पारी की बदौलत विरोधियों पर आक्रमण कर दिया। यह जोड़ी कभी भी जिम्बाब्वे के बॉलर के आगे लड़खड़ाते नजर नहीं और जल्द ही दोनों ने अपने अर्धशतक पूरे कर लिये। रैना ने तूफानी पारी खेलते हुए 94 बॉल पर अपना शतक पूरा कर लिया। इनकी जोड़ी ने भारत को छह विकेट से जीत दिला दी। जिसमें रैना 110 रन पर नॉटआउट रहे तो धोनी 76 बॉलों पर 85 रन बनाकर नाबाद रहे। #1 नाबाद 92 रन बनाम दक्षिण अफ्रीका, इंदौर 2015

Dhoni silenced his critics with his unbeaten 92 against South Africa

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे एकदिवसीय मैच के पहले महेंद्र सिंह धोनी को बहुत आलोचना का सामना करना पड़ा क्योंकि वह पिछले मैच में आसान स्थिति में मैच खत्म नहीं कर पाए थे। होलकर स्टेडियम में भारत ने टॉस जीतते हुए पहले बल्लेबाजी का फैला किया। पिछले मैच में शतक लगाने वाले रोहित शर्मा इस मैच में जल्द आउट हो गये। जिसके बाद शिखर धवन और विराट कोहली भी पवेलियन लौट गये। जिसके बाद मोर्चा संभालने कप्तान धोनी आये और एक धीमी शुरुआत की। दूसरे छोर पर अर्धशतक लगाने के बाद अजिंक्य रहाणे 51 रन पर आउट हो गये। जिसके बाद सुरेश रैना और अक्षर पटेल भी धोनी का साथ नहीं दे सके। भारत का स्कोर 30 ओवर में 6 विकेट पर 124 रन। धोनी ने स्कोरकार्ड की तरफ अपनी आँखे बनायी रखी और पुछल्ले बल्लेबाजों की मदद से स्कोर आगे बढ़ाना शुरु कर दिया। धोनी ने 57 बॉल पर अपनी हॉफ सेंचुरी पूरी और गियर बदलते हुए अगले 42 रन 31 बॉल पर जड़ दिये। इसी के साथ भारत 50 ओवर में एक अच्छा स्कोर 247/9 बनाने में सफल रहा। हालांकि धोनी अपने शतक से 8 रन पीछे रह गये जिसके वह हकदार थे। धोनी ने 86 बॉलों में सात चौंको और चार छक्के की मदद से 92 रन बनाए। भारत ने 22 रन से मैच जीतने में सफल रहा और मैन ऑफ द मैच बिना कोई शक धोनी के खाते में गया। लेखक- विग्नेश अन्नथसुबह्मणयन अनुवादक- सौम्या तिवारी

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