क्रिकेट के पाँच सबसे अनअपेक्षित रिकॉर्ड होल्डर

अपने तेज़ शतकीय पारी के दौरान मिस्बाह

क्रिकेट में संख्या की बहुत महत्त्वता है। इसी कारण इस खेल में बहुत से रिकॉर्ड बनते हैं। हर सीरीज में या तो नए रिकॉर्ड बनते हैं या टूटते हैं और खिलाड़ी प्रशंसकों से बहुत तारीफ़ें बटोरते हैं। क्रिकेट अनिश्चितता का खेल है। जब तक गेंद ना फेंक दी जाए तब तक कुछ पक्का नहीं होता। कई बार कुछ खिलाड़ी एेसी पारियाँ खेल जाते हैं कि प्रशंसकों का उत्साह परवान चढ़ने लगता है। एेसी अप्रत्याशित पारियों के कारण कई बार एसे अनोखे रिकॉर्ड ऐसे खिलाडी बना जाते हैं कि वे कल्पना से परे होते हैं। एक नज़र पाँच अनअपेक्षित रिकॉर्ड होल्डरों पर: 1- मिसबाह-उल-हक़- टैस्ट का सबसे तेज शतक(56 गेंद) टुक टुक के नाम मशहूर कोई खिलाडी जब सबसे तेज टैस्ट शतक व अर्धशतक बना जाए तो वे पाकिस्तान के खेल की एक पहेली ही है। उन्होंने यह रिकार्ड सबसे बढिया टीम के विरुद्ध बनाया और सर विव रिचर्डस के रिकॉर्ड की बराबरी की। उनकी एकदिवसीय की स्ट्राइक रेट 73.71 है और टी20 की 110.21 ही है पर इस पारी में उनकी स्ट्राइक रेट 177.19 थी। यह कारनामा उन्होंने बहुत सही समय पर कर दिखाया। पाकिस्तान 309 रन की लीड ले चुका था। उनकी पूरी पारी में उन्हें मिचेल जॉनसन का सामना भी नहीं करना पड़ा। उन्होंने 11 चौक्के और पाँच छक्के लगाए और 56 गेंदों में शतक बना कर विव रिचर्डस के रिकॉर्ड की बराबरी की। इस पारी के कारण पाकिस्तानी गेंदबाजों को ज़्यादा समय मिल गया। पाकिस्तान ने 2-0 से सीरीज जीती और 356 रन से यह टैस्ट जीत गए। 2- जेम्स एंडरसन- टैस्ट का सबसे महँगा ओवर (28 रन)

james anderson

इन्होंने एक तरफ़ तो 29 की औसत से 400 से ज्यादा विकेट लिए हैं और दूसरी तरफ़ इतिहास का सबसे महँगा ओवर कराया है। उन्होंने कभी बल्लेबाज को ज़्यादा खेलने का मौका नहीं दिया और सचिन को 9 बार आउट किया है। इस बेहतरीन खिलाडी ने एक ओवर में 28 रन लुटाए हैं, वो भी एशेज जैसी सीरीज में। बेली ने पहली गेंद पर 4 रन बनाए, फिर छक्का, फिर लेग बाय पर कुछ रन और फिर एक चौका। उनकी आख़िरी दो गेंदों में भी छक्के पड़े। 3- वसीम अकरम- एक टैस्ट पारी में सबसे ज़्यादा छक्के 257 रनों की पारी के दौरान वसीम अकरम विव रिचर्डस, वीरेंद्र सहवाग, शाहिद अफ़रीदी और क्रिस गेल के होने के बाद भी यह रिकॉर्ड अकरम के नाम है- यह बहुत बड़ा अचंभा है। उनका बल्ले के साथ ठीक तालमेल है। पर आज कल के बदलते समय में उनके रिकॉर्ड का ना टूटना भी एक अचंभा है। ज़िम्बाब्वे ने उस टैस्ट में ग्रैंट फ्लावर और पॉल स्ट्रैन्ग की शतक की मदद से 375 रन बनाए। पाकिस्तान की हालत बहुत बुरी थी और अकरम के आने पर स्कोर 183/6 था। वे शुरू से ही स्विंग के सुल्तान की तरह स्पिनर्स पर हावी हो गए, उन्होंने आठवें विकेट के लिये सकलेन मुश्ताक़ के साथ रिकॉर्ड 313 रन की साझेदारी की। पाकिस्तान ने 553 रन बनाए और अकरम ने 363 गेंदों से 257* रन। उन्होंने अपनी पारी में 22 चौक्के और 12 छक्के लगाए। पर ख़राब रोशनी और ज़िम्बाब्वे की बल्लेबाजी के कारण पाकिस्तान मैच नही जीत पाया। 4- ऑस्ट्रेलिया- फ़ॉलोऑन देने के बाद टैस्ट हारने वाली टीम एतिहासिक जीत के बाद भारतीय टीम यह टीम सबसे ज़्यादा टैस्ट जीतने और सबसे ज़्यादा जीतने की प्रतिशत (46.81) कि रिकार्ड रखती है। वे अपनी प्रतिद्वंदी टीम को मैच में लीड लेने या वापसी करने का मौका ही नहीं देते। पर तीन बार फ़ॉलोऑन देने का बाद भी वे हार गए हैं। इन तीन में से दो हार तो इंग्लैंड के खिलाफ है। पहली बार 1984/85 की एशेज सीरीज में 586 रन बनाकर सामने वाली टीम को 325 पर आउट कर 261 रन की लीड ली थी। उसके बाद इंग्लैंड ने एलबर्ट वार्ड के शतक की मदद से 437 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया को 177 का टार्गेट दिया। पर ऑस्ट्रेलिया 10 रन से हार गया। दूसरी बार 1981 बॉथम एशेज में ऑस्ट्रेलिया ने 401 रन बनाकर इंग्लैंड को 74 रन पर आउट कर दिया। बीफी की पारी की मदद से इंग्लैंड ने फ़ॉलोऑन में 356 रन बना लिए और ऑस्ट्रेलिया को 130 का टार्गेट दिया। पर ऑस्ट्रेलिया 18 रन से हार गया। तीसरी हार जिसने ऑस्ट्रेलिया के अहम को बहुत गहरी चोट पहुँचाई थी वो थी 2001 की बॉर्डर-गावस्कर सीरीज। पहली पारी में 445 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 171 रन पर आउट कर दिया। भारत ने फ़ॉलो करते समय 232 रन पर 4 विकेट खो दिए थे। पर फिर द वॉल(द्रविड़) और वीवीएस लक्ष्मण ने हाथ मिलाए और भारत ने 657/7 पर पारी समाप्त की। 384 रन का पीछा करते हुए "टर्बनेटर" के स्पेल के कारण ऑस्ट्रेलिया 171 रन से मैच हार गया। 5- राहुल द्रविड़- सबसे अधिक बार बोल्ड होने वाले खिलाडी (55 बार) राहुल द्रविड़ यह निश्चित ही सबसे अनअपेक्षित रिकॉर्ड है। द्रविड़ अपने डिफेंसिव तरीके से खेलने वाले खिलाडी हैं। उन्हें द वॉल के नाम से भी जाना जाता है। पर वही खिलाडी सबसे अधिक बार बोल्ड हुए हैं। अपने करियर के पहले सत्र में (1996-2004) वे 26 बार बोल्ड हुए। दूसरे सत्र में (2005-2012) में वे वॉल के नाम से प्रसिद्ध हो गए थे पर फिर भी वे अपनी आखिरी 13 पारियों में 9 बार बोल्ड हुए। ऑस्ट्रेलिया के दौरे के दौरान वे 8 में से 6 बार बोल्ड हुए थे। लेखक: रवि त्रिवेदी, अनुवादक: सेहल जैन