यह टीम सबसे ज़्यादा टैस्ट जीतने और सबसे ज़्यादा जीतने की प्रतिशत (46.81) कि रिकार्ड रखती है। वे अपनी प्रतिद्वंदी टीम को मैच में लीड लेने या वापसी करने का मौका ही नहीं देते। पर तीन बार फ़ॉलोऑन देने का बाद भी वे हार गए हैं। इन तीन में से दो हार तो इंग्लैंड के खिलाफ है। पहली बार 1984/85 की एशेज सीरीज में 586 रन बनाकर सामने वाली टीम को 325 पर आउट कर 261 रन की लीड ली थी। उसके बाद इंग्लैंड ने एलबर्ट वार्ड के शतक की मदद से 437 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया को 177 का टार्गेट दिया। पर ऑस्ट्रेलिया 10 रन से हार गया। दूसरी बार 1981 बॉथम एशेज में ऑस्ट्रेलिया ने 401 रन बनाकर इंग्लैंड को 74 रन पर आउट कर दिया। बीफी की पारी की मदद से इंग्लैंड ने फ़ॉलोऑन में 356 रन बना लिए और ऑस्ट्रेलिया को 130 का टार्गेट दिया। पर ऑस्ट्रेलिया 18 रन से हार गया। तीसरी हार जिसने ऑस्ट्रेलिया के अहम को बहुत गहरी चोट पहुँचाई थी वो थी 2001 की बॉर्डर-गावस्कर सीरीज। पहली पारी में 445 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 171 रन पर आउट कर दिया। भारत ने फ़ॉलो करते समय 232 रन पर 4 विकेट खो दिए थे। पर फिर द वॉल(द्रविड़) और वीवीएस लक्ष्मण ने हाथ मिलाए और भारत ने 657/7 पर पारी समाप्त की। 384 रन का पीछा करते हुए "टर्बनेटर" के स्पेल के कारण ऑस्ट्रेलिया 171 रन से मैच हार गया।