भारत में क्रिकेट के खेल की पूजा की जाती है। खिलाड़ियों को भगवान का दर्जा प्राप्त होता है। 1983 में विश्व कप जीतने के बाद भारतीय टीम ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। भले ही टीम को अगला विश्व कप जीतने में काफी समय लगा हो लेकिन इस बीच खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अलग पहचान बनाई। आज भी भारतीय टीम दुनिया की सबसे मजबूत टीमों में गिनी जाती है।
भारतीय टीम के लिए खिलाड़ियों का चयन हमेशा घरेलू मैचों से होता है। आईपीएल के आने के बाद से यह भले ही थोड़ा कम हो गया है लेकिन आज भी भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करना काफी जरूरी है। हालाँकि, कुछ ऐसे बदनसीब खिलाड़ी हैं जिन्होंने घरेलू मैचों में लगातार शानदार प्रदर्शन किया लेकिन उन्हें कभी भारतीय टीम में खेलने का मौका नहीं मिला।
आज हम आपको ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं:
#5 मिथुन मन्हास
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दिल्ली के इस बल्लेबाज को भारत के उन खिलाड़ियों में गिना जाता है जिसे लगातार अच्छे प्रदर्शन के बाद भी भारतीय टीम में खेलने का मौका नहीं मिला। उन्हीं के दिल्ली टीम के साथी वीरेंदर सहवाग और गौतम गंभीर ने भारत के लिए काफी मैच खेले। मन्हास ने लगातार घरेलू मैचों में रनों का अम्बार खड़ा किया।
39 साल के मिथुन मन्हास ने 157 प्रथम श्रेणी मैच में करीब 46 की औसत से 9714 रन बनाये हैं। लिस्ट ए मैचों में उनका प्रदर्शन और भी शानदार रहा है। यहाँ उन्होंने 130 मैचों में 46 की औसत से 4126 रन बनाये हैं। इस प्रदर्शन के बाद भी किसी खिलाड़ी को अगर भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिलता है तो वह अपने आप को बदनसीब ही समझेगा।
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#4 देवेन्द्र बुंदेला
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दिसंबर 2017 में अपना अंतिम घरेलू मैच खेलने वाले मध्य प्रदेश के बल्लेबाज देवेन्द्र बुंदेला भी इस सूची में शामिल हैं। प्रथम श्रेणी मैच में उनके नाम करीब 44 की औसत से 10,004 रन दर्ज हैं। लिस्ट ए क्रिकेट में भी उन्होंने 41 की औसत से रन बनाये हैं। इसके साथ ही वह पार्ट टाइम गेंदबाज भी थे। उनके नाम प्रथम श्रेणी और लिस्ट ए मिलाकर 85 विकेट भी दर्ज हैं। इस प्रदर्शन के बाद भी उन्हें कभी भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला।
#3 जलज सक्सेना
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इस सूची में जलज सक्सेना एक मात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जो अभी भी क्रिकेट खेल रहे हैं। मध्य प्रदेश से खेलने के बाद अब वह केरल के लिए घरेलू मैचों में खेल रहे हैं। जलज को कई बार बीसीसीआई की तरफ से घरेलू मैचों के बेस्ट ऑलराउंडर का अवॉर्ड भी मिल चुका है। अभी तक खेले 103 प्रथम श्रेणी मैचों में उनके नाम 39 की औसत से 5823 रन दर्ज हैं। इसके साथ ही उनके नाम 275 विकेट भी दर्ज हैं। वह भले ही अभी भी खेल रहे हैं लेकिन अब उनके बारे में कोई बात भी नहीं करता।
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#2 राजिंदर गोयल
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राजिंदर गोयल का नाम शायद ही किसी को पता हो। हरियाणा के 76 वर्षीय गोयल रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भी गेंदबाज हैं। बाएं हाथ के इस गेंदबाज ने 157 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं। इन मैचों में उनके नाम 750 विकेट दर्ज हैं। उन्होंने 1958 से 1985 तक घरेलू मैच खेला लेकिन कभी भी उन्हें भारतीय टीम में खेलने का मौका नहीं मिला।
#1 अमोल मजूमदार
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करियर के शुरूआती दिनों में मुंबई के इस बल्लेबाज को भारतीय क्रिकेट के भविष्य का सितारा माना जाता था। 1993/94 में प्रथम श्रेणी डेब्यू करने करने वाले मजूमदार को कभी भारतीय टीम में खेलने का मौका नहीं मिला। अपने डेब्यू मैच में ही उन्होंने 260 रनों की पारी खेली थी। 171 प्रथम श्रेणी मैच में उनके नाम 48 की औसत से 11167 रन दर्ज हैं। इसमें 30 शतक और 60 अर्धशतक भी शामिल हैं। इस प्रदर्शन के बाद भी उन्हें भारतीय टीम में खेलने का मौका क्यों नहीं मिला इसका जवाब शायद किसी के पास नहीं है।
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